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Tuesday, 17 August 2021

बहन ने राखी बांधकर यमराज से अमरता का वरदान प्राप्त किया!

 


भाई-बहन का प्यार दुनिया का सबसे प्यारा और पवित्र रिश्ता माना जाता है . यह दोनों लड़ते भी है, झगड़ते भी हैं और सच तो यह भी है कि यह दोनों एक दूसरे के बिना भी नहीं रह सकते. बहन की विदाई में चुपके-चुपके भाई रोता है और जब कभी बहन को अपने सच्चे साथी की ज़रूरत होती है तो भाई साथ में खड़ा होता है। यह बहुत ही खूबसूरत रिश्ता होता है. एक सच्ची डोरी से दो दिल बंधे होते हैं, जिसे हम भाई-बहन कहते हैं.

रक्षाबंधन का पावन पर्व भाई-बहन के लिए बहुत खास माना जाता है . इसे आपसी प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है। हमारे हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाए जाने की परंपरा चली आ रही है।
रक्षाबंधन के दिन हर बहन अपने बड़े व छोटे भाई की कलाई में रक्षासूत्र बांधती हैं। इस साल यानी कि 2021 में भाई-बहन का आपसी प्रेम का यह खास पर्व रक्षाबंधन 22 अगस्त, 2021 के दिन धनिष्ठा नक्षत्र में मनाया जाएगा ।

यह वह दिन होता है, जिसका इंतजार हर बहन बेसब्री से करती है। इस शुभ दिन बहनें सज संवरकर अपने-अपने भाई के माथे पर चंदन लगाती हैं और आरती उतारते हुए उन्हें मिठाई खिलाती हैं ।

रक्षाबंधन 2021 - शुभ मुहूर्त

देखा जाए तो पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त यानी कि शनिवार की शाम से ही शुरू हो जाएगी । रक्षाबंधन के दिन अशुभ कही जाने वाली शनिदेव की बहन भद्रा दिनभर नहीं रहेगी, इसलिए शाम 04 बजकर 30 मिनट पर राहुकाल के आरम्भ होने से पहले पूरे दिन रक्षाबंधन का पर्व धूमधाम से मना लिया जाएगा, जिसमें दोपहर 12 बजे से 01 बजे का मुहूर्त श्रेष्ठ माना जाएगा । वहीं, कहा यह भी जाता है कि शुभ मुहूर्त अथवा भद्रारहित काल में भाई की कलाई में राखी बांधने से भाई का हर कार्य अवश्य सिद्ध होता है और साथ ही विजय की प्राप्ति भी।

बता दें कि इस दिन चंद्रमा मंगल के नक्षत्र और कुंभ राशि में गोचर करेंगे और तो और इस बार भद्राकाल का भय भी नहीं रहेगा . यह पर्व सभी भाई-बहनों के लिए परम कल्याणकारी भी माना जाता है।

यह हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का त्योहार बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है । यही कारण है कि रक्षाबंधन के दिन शुभ मुहूर्त का ख्याल रखते हुए भाई की कलाई में राखी बांधने की परंपरा चली आ रही है। मान्यता तो यह भी है कि इस दिन मृत्यु के देवता यमराज को उनकी बहन यमुना ने उनकी कलाई में राखी बांधी थी और इसके बदले में यमराज से अमरता का वरदान प्राप्त किया था।

2021 का रक्षाबंधन क्यों है खास -

दरअसल, रक्षाबंधन का त्योहार हमेशा भद्रा और ग्रहण से मुक्त होने पर ही मनाया जाता है । हमारे शास्त्रों में भद्रा रहित काल में ही राखी बांधने की परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भद्रा रहित काल में राखी बांधने से सौभाग्य में बढ़ोत्तरी होती है। और इस बार 2021 का रक्षा बंधन बहुत ही खास माना जा रहा है क्योंकि इसपर भद्रा की नजर नहीं लगेगी और यही कारण है कि इस बार का रक्षाबंधन का संयोग शुभ और सौभाग्यशाली रहेगा ।

तो दोस्तों, वेद संसार द्वारा बताए गए शुभ मुहूर्त पर आप भी अपने भाई की कलाई पर राखी जरूर बांधे और इस पर्व को और भी ज्यादा खास बना दें। भाई-बहन का रिश्ता इस पवित्र धागे की डोर की तरह बहुत ही गहरा और पक्का होता है.

वेद संसार की पूरी टीम की ओर से आप सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं!!!

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