बैंक में कूटरचित दस्तावेज से स्वीकृत कर लिया गया , 5 लाख 50 हजार का लोन बैंक कर्मियों द्वारा फर्जी खाता खोलकर, ले लिया लोन, मिलीभगत की हो रही जनचर्चा थाना प्रभारी को पत्र लिखकर उपभोक्ता ने की कार्रवाई की मांग - AKN News India

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Wednesday, 28 May 2025

बैंक में कूटरचित दस्तावेज से स्वीकृत कर लिया गया , 5 लाख 50 हजार का लोन बैंक कर्मियों द्वारा फर्जी खाता खोलकर, ले लिया लोन, मिलीभगत की हो रही जनचर्चा थाना प्रभारी को पत्र लिखकर उपभोक्ता ने की कार्रवाई की मांग


  बैंक में कूटरचित दस्तावेज से स्वीकृत कर लिया गया , 5 लाख 50 हजार का लोन 

   बैंक कर्मियों द्वारा फर्जी खाता खोलकर, ले लिया लोन, मिलीभगत की हो रही जनचर्चा 

 थाना प्रभारी को पत्र लिखकर उपभोक्ता ने की कार्रवाई की मांग


नर्मदा पुरम। संभागीय जिला मुख्यालय पर आईडीबीआई बैंक के तत्कालीन पूर्व मैनेजर द्वारा ग्राहक के फर्जी और कुटरचित दस्तावेज से 5 लाख 50 हजार का लोन स्वीकृत करने का मामला सामने आया है। यह बात संभागीय मुख्यालय पर जनचर्चा का विषय बनी हुई है। सूत्रों की माने तो बैंक में ग्राहक के नाम से फर्जी ऋण खाता खोला और राशि स्वीकृत कर ली। इस बात की जानकारी लगते ही ग्राहक ने थाना प्रभारी से पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है। इस मामले में ग्राहक ने जानकारी देते हुए बताया कि मेरे फर्जी हस्ताक्षर कर मेरे नाम से तत्कालीन मेनेजर व उसके पूर्व मेनेजर और अन्य कर्मियों द्वारा ऋण खाता खोलकर लोन ले लिया। प्रार्थी श्रीमती जयश्री राय पत्नि श्याम राय, वार्ड नंबर-4, नारायणगंज तार अहाता निवासी ने बताया कि 2022 में उन्होंने आईडीबीआई बैंक शाखा बस स्टैंड के सामने एक करंट एकाउंट विनायक इंटरप्राईजेस के नाम से खोला था जिसका खाता क्रमांक 1290102000003056 है। आगे उन्होंने बताया कि आईडीबीआई बैंक से कभी भी कोई लोन नहीं लिया है और ना ही लोन लेने के लिये उक्त बैंक में कभी कोई अपने हस्ताक्षर से आवेदन दिया है। आईडीबीआई बैंक के बैंक मैनेजर रूपेश बरनगांवकर व उसके पूर्व के मैनेजर व अन्य लोगों ने मेरे नाम के फर्जी व कूटरचित दस्तावेज मेरे हस्ताक्षर कर तैयार किये और फिर मेरे नाम का उक्त बैंक में एक ऋण खाता क्रमांक 1290671100011015 खोलकर फर्जी तरीके से 5 लाख 50 हजार रूपये का लोन स्वीकृत करा लिया। जबकि मैंने बैंक को ऋण लेने के संबंध में 13 अक्टूबर 2023 को कोई आवेदन नहीं दिया है और मैंने किसी प्रामिसरी नोट एवं डीपी नोट पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं और न ही उक्त बैंक से ऋण के रूप में राशि प्राप्त की है। मेरा कहना है कि बैंक से ऋण लेने के संबंध में मैंने कभी भी किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किये है। मैने उक्त फर्जी ऋण खाते से कभी भी कोई भी राशि आहरित नहीं की है । यह राशि बैंक मैनेजर और उनके साथियों द्वारा हड़प ली गई जिसके संबंध में 16 मई 2025 को बैंक मेनेजर के द्वारा ऋण के दस्तावेज प्रदान किये जाने के पश्चात हुई है। 

जनचर्चा यह है कि बैंक मैनेजर और उनके सहयोगियों ने ग्राहक के फर्जी हस्ताक्षर कर दस्तावेज तैयार किए और ऋण खाता खोला। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 5,50,000 रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया और उक्त राशि हड़प ली गई। ग्राहक को इस घोटाले की जानकारी तब हुई जब उन्हें बैंक से ऋण के दस्तावेज प्रदान किए गए।

गौरतलब है कि बैंक द्वारा भी इस मामले की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ग्राहक श्रीमती जयश्री राय ने आरोप लगाया है कि बैंक मैनेजर और उनके सहयोगियों ने उनके फर्जी हस्ताक्षर कर दस्तावेज तैयार किए और ऋण खाता खोला। इसके बाद, 5,50,000 रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया और राशि हड़प ली गई। ग्राहक को इस घोटाले की जानकारी तब हुई जब उन्हें बैंक से ऋण के दस्तावेज प्रदान किए । इस मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।


इनका कहना है 

इन्होंने लोन लिया है। बैंक बिना दस्तावेज के लोन नहीं देती है। इसके साथ ही उनकी 10 ईएमआई भी जमा हो चुकी है। 

रूपेश बरनगांवकर

 मैनेजर आईडीबीआई नर्मदापुरम मध्यप्रदेश 


मेरे द्वारा कोई डॉक्यूमेंट नहीं दिए गए हैं । ना ही मैंने कोई फाइल में दस्तखत किए हैं । इसके किश्त की जानकारी भी मुझे नहीं है। 


जयश्री राय 

ग्राहक नर्मदापुरम मध्यप्रदेश

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