हरियाणा | में कार आरसी धोखाधड़ी में मामले में पुलिस से बड़ी चूक होने का मामला सामने आया है। पुलिस ने अपने ही अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। जिले के पूर्व एसपी व IPS अधिकारी राहुल शर्मा और 2 अन्य पुलिसवालों समेत 5 लोगों को नामजद करते हुए आईपीसी की 14 अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया है। जिस आईएमटी थाने में यह केस दर्ज किया गया, वहां के एसएचओ एसआई कुलदीप सिंह को भी नामजद आरोपियों में शामिल किया गया है।
दरअसल मामला एक बस मालिक की कार को धोखाधड़ी से बेचने, पीड़ित की शिकायत पर आरोपी से मिलीभगत, पुलिस के बड़े अफसरों द्वारा पीड़ित को प्रताड़ित करने और जांच आरोपी के पक्ष में करते हुए अदालत में झूठे गवाह पेश करने से जुड़ा है। जिसमें अदालत के आदेश पर रोहतक के आईएमटी थाने में आईपीसी की धारा 120बी, 166, 34, 379, 406, 417, 419, 420, 423, 424, 467, 468, 471 व 506 के तहत आईपीएस अधिकारी और रोहतक के पूर्व एसपी राहुल शर्मा, आईएमटी थाने के मौजूदा इंचार्ज कुलदीप सिंह, सब-इंस्पेक्टर (SI) रतन सिंह, डॉ. नरेश और ईश्वर सिंह के खिलाफ दर्ज किया गया।
रोहतक एसपी बोले, मामला गलती से दर्ज हो गया
बड़ी बात यह है कि इस मामले में नामजद कुलदीप सिंह इस समय आईएमटी थाने के ही इंचार्ज हैं और उनके खिलाफ उन्हीं के थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मामले में रोहतक एसपी उदय सिंह मीना के आदेशों के बाद आईएमटी थाना प्रभारी कुलदीप सिंह के नाम से देर रात बयान जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि यह मुकदमा गलती से दर्ज हुआ है। मामले में कोई भी पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी आरोपी नहीं है । केस ऑपरेटर की गलती से दर्ज हुआ है या अन्य किसी कारण से दर्ज हुआ है, इसकी जांच की जा रही है
ये था पूरा मामला, लॉकडाउन में दोस्त उधार ले गया कार और बेच दी
रोहतक के रूड़की गांव में रहने वाले शिकायतकर्ता आनंद ने बताया कि उसकी ‘अत्री बस सर्विस’ नाम से फर्म है। इस फर्म की बसें रोहतक, सोनीपत और पंचकूला में चलती हैं। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी की वजह से जब लॉकडाउन लगा तो वह पंचकूला चले गए। उसी दौरान रोहतक की नेहरू कॉलोनी में ही रहने वाला उनका जानकार डॉक्टर नरेश उर्फ अमित उनके पास आया और उधार में उनकी कार और 2 लाख रुपए कैश ले गया।
वापस कार मांगने पर दोस्त ने की आनाकानी शुरू
आनंद के अनुसार, लॉकडाउन की वजह से वह कई महीनों तक रोहतक नहीं लौट पाए। लॉकडाउन में ढील मिलने पर वह पंचकूला से रोहतक लौटे और डॉ. नरेश से अपनी कार वापस मांगी। शुरू में नरेश ने आनाकानी और फिर उनका मोबाइल उठाना बंद कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपने लेवल पर छानबीन की तो पता चला कि नरेश ने उनकी कार को अवैध तरीके से सोनीपत जिले के गोहाना में रहने वाले ईश्वर सिंह को बेच दी है।
गोहाना एसडीएम के सामने हुई पूछताछ
कार को धोखे से बेचे जाने की जानकारी मिलने के बाद वह गोहाना एसडीएम कार्यालय पहुंचा। जहां शिकायतकर्ता ने एसडीएम को सारे तथ्यों की जानकारी दी। जिस कार्रवाई करते हुए एसडीएम ने एनओसी तत्काल रद्द कर दी। जिसके बाद एसडीएम ने आरोपित ईश्वर सिंह को बुलाकार पुछताछ की जिसमें पाया गया कि आरोपित आनंद से कार नहीं खरीदी।
शिकायतकर्ता का आरोप-पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
शिकायतकर्ता आनंद दोनों आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस अधिकारियों से मिला लेकिन उसकी कोई सनुवाई नहीं हुई। जिसके बाद उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो जेएमआइसी मधुर बजाज की कोर्ट ने मामला दर्ज करने के लिए पुलिस को निर्देश जारी किए। उसके बाद आरोपितों के खिलाफ 417, 419, 379 423, 424, 420, 467, 468, 471, 406, 506,34, 120बी व166 आइपीसी के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
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