पटना  राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना (एनआइटीमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), बेंगलुरु की साइंटिफिक ब्रांच खुलेगी। इसके लिए 24 नवंबर को इसरो  एनआइटी पटना के बीच क्षेत्रीय शैक्षणिक केंद्र (आरएसी-एससह साइंटिफिक सेंटर की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयूपर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके स्थापित होने पर यहां के बीटेक  एमटेक के छात्रों को अंतरिक्ष से संबंधित शोध के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए जल्द ही एनआइटी के कोर्स में अंतरिक्ष विज्ञान को भी सम्मलित किया जाएगा। एमओयू पर हस्ताक्षर होने के बाद एनआइटी पटना कैंपस में इसरो की ओर से अपना सेटअप स्थापित किया जाएगा।

एनआइटी पटना आरएसी-एस अंतरिक्ष प्रौद्योगिकीअंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों से संबंधित क्षमता निर्माणजागरूकता निर्माण और अनुसंधान और विकास गतिविधियों में भाग लेने के लिए क्षेत्र के संस्थानों को भी सुविधा प्रदान करेगा। एनआइटी के निदेशक प्रोपीके जैन ने बताया कि इसरो की ओर से कम्युनिकेशन सह अंतरिक्ष सेंटर को लेकर एमओयू किया जा रहा है।

हर वर्ष दो करोड़ रुपये रिसर्च पर होंगे खर्च

प्रोजैन ने बताया कि कम्युनिकेशन एवं स्पेस (अंतरिक्षको लेकर होने वाले शोध पर हर वर्ष दो करोड़ इसरो की ओर से दिए जाएंगे। इस साइंटिफिक सेंटर से रिसर्च ग्रांट के लिए बिहारझारखंडउड़ीसासिक्किमपश्चिम बंगालअंडमान-निकोबार द्वीप समूह के बीटेकएमटेक एवं सीएसआइआर नेटजेआरएफ शोध छात्र अपने मूल संस्थान के अपने प्रोजेक्ट की अनुशंसा कराएंगे। इसके बाद एनआइटी  इसरो की टीम इस प्रोजेक्ट की महत्ता एवं भविष्य की संभावनाओं को लेकर जांच करेंगे। व्यवहार्यता पाए जाने पर इसके बाद उसे ग्रांट दिया जाएगा। शोध के बाद उसकी रिपोर्ट के प्रकाशन से लेकर पेटेंट तक की व्यवस्था यह केंद्र कराएगा।

एनआइटी की ओर से इस केंद्र के लिए इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के सहायक प्राध्यापक डामनपूरण महतो को समन्वयक बनाया गया है। निदेशक ने बताया कि इलेक्ट्रिकलइलेक्ट्रानिक्समैकेनिकलकंप्यूटर साइंस के बीटेक  एमटेक एवं पीएचडी छात्रों को अंतरिक्ष के क्षेत्र में शोध के लिए बेहतर प्रोजेक्ट के आधार पर ग्रांट स्वीकृत करेगा।

थीम आधारित स्पेस रिसर्च को मिलेगा बढ़ावा

साइंटिफिक सेंटर के इसरो के स्पेस आधारित रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए हर वर्ष इसरो की ओर से थीम भी एनआइटी को भेजा जाएगा। इसमें स्वचालित वाहनसेटेलाइट ट्रैकिंगनैनो सेटेलाइटजीपीएसअर्थ मानिटरिंगकम्युनिकेशन सिस्टमसिक्स-जी सेटेलाइट आधारित इंटरनेट सुविधा को लेकर भी रिसर्च किए जाएंगे।