
नई दिल्ली । संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र में भाजपा के दो सांसदों मितेश रमेश भाई पटेल और चंद्रसेन जादोन ने मंगलवार को लोकसभा में मांग उठाई की धर्म परिवर्तन करने वाले अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों की आरक्षण की सुविधा खत्म करने के लिए कानून बनाने की जरूरत है। पटेल और जादोन ने सदन में शून्यकाल के दौरान धर्म परिवर्तन का विषय उठाया। उन्होंने कहा, ‘ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के बाद अनुसूचित जनजाति के लोगों को आरक्षण का लाभ मिलता है। धर्म परिवर्तन करने वाले लोग अल्पसंख्यक और अनुसूचित जनजाति दोनों श्रेणियों को मिलने वाले लाभ लेते हैं। इसके साथ ही इनको ईसाई मिशनरियों से भी लाभ मिलता है।’ पटेल ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के लोगों के धर्म परिवर्तन पर उन्हें आरक्षण और दूसरे लाभ नहीं मिलें, इसको लेकर कानून बनाने की जरूरत है।
जादोन ने भी कहा कि आदिवासी समुदाय के लोगों को धर्म परिवर्तन करने पर आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए और इसके लिए जरूरी कानूनी प्रावधान होना चाहिए। भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाओं के प्रसार का विषय शून्यकाल के दौरान उठाया। उन्होंने कहा ‘सोशल मीडिया पर आज गलत सूचनाओं के प्रसार से नुकसान हो रहा है। यह मानवीय संवेदनाओं को खत्म कर रहा है। सामाजिक सरोकार खत्म हो रहा है।’ उन्होंने कहा कि वह सदन को अपनी चिंता से अवगत करा रहे हैं ताकि सदन से कुछ संदेश भेजा जाए। भाजपा के ही प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जान गंवाने वाले कोरोना योद्धाओं को एक-एक करोड़ रुपये देने का वादा किया था। मदद के लिए 300 आवेदन आए थे, लेकिन दिल्ली सरकार ने सिर्फ पांच परिवारों को मदद दी। दिल्ली सरकार की ओर से सबको मदद मिलनी चाहिए।
भाजपा के बीवाई राघवेंद्र, संगमलाल गुप्ता, जुगल किशोर शर्मा एवं रमाकांत भार्गव, समाजवादी पार्टी के शफीकुर्रहमान बर्क, जनता दल (यूनाइटेड) के कौशलेंद्र कुमार, एआईएमआईएम के इम्तियाज जलील और कई अन्य सदस्यों ने भी लोक महत्व के अलग अलग विषय उठाए।
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