महिला स्व सहायता समूह द्वारा थाली बजाकर रैली निकाली, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
मांगों के पूरा नहीं होने पर की जाएगी भूख हड़ताल
नर्मदापुरम। प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ मध्यप्रदेश द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को जिलेभर से आई महिलाओं ने शहर के प्रमुख मार्गो से थाली बजाते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची और जमकर नारेबाजी कर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन। संघ की प्रदेश अध्यक्ष सरिता ओम प्रकाश बघेल के निर्देशानुसार जिला अध्यक्ष कविता राजपूत सहित महिलाओं ने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर पूर्व में भी ज्ञापन सौंप चुके हैं।
लेकिन मांगों के अभी तक पूरा नहीं होने के कारण रसोईया बहनों ने स्कूलों में मध्यान भोजन एवं आंगनवाड़ी केंद्रों पर 1अगस्त से नाश्ता भोजन चूल्हा बंद कर अनिश्चित कालीन हड़ताल प्रारंभ शुरू कर दी गई है। जिससे स्कूल में पढ़ने वाले और आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों पर को भोजन नहीं मिल पा रहा है।
प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह संघ की मांगे निम्नानुसार है। महंगाई को देखते हुए पीएम पोषण राशि प्रति छात्र ₹5.45 पैसे को बढ़ाकर ₹10 प्रति छात्र की जावे, वहीं खाद्यान्न 100 ग्राम की जगह 200 ग्राम की जाए, शा.मा.वि में पढ़ने बाले छात्र छात्राओं की मध्यान भोजन राशि ₹8.19 पैसे को बढ़ाकर ₹15 प्रति छात्र किया जाए और प्रति छात्र मिलने वाला खाद्यान्न 150 ग्राम की जगह 300 ग्राम हो। रसोइयों का मानदेय ₹6000 प्रति माह किया जाएं। गैस सिलेंडर अधिक महंगा होने के कारण मध्यान भोजन संचालित समूह को ₹1200 प्रति सिलेंडर रिफंड किया जाए। प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह को शासन की योजनाओं को क्रियान्वित करने में भागीदार बनाया जाए। विद्यालय में वितरण की जाने वाली साइकिल, गणवेश, ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर उक्त कार्य को महिला समूह को दिया जावे। महिला समूह को शत प्रतिशत मध्यान भोजन कार्य सौंपा जावे। स्कूल छात्रावास, शाला प्रबंध समिति हो मध्यान भोजन वितरण किया जा रहा है उक्त कार्य महिला समूह को सौंपा जाए। प्र
पोषण शक्ति योजना अंतर्गत विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की औसतन उपस्थिती को बढ़ाया जावे। स्कूलों में 25 बच्चों के मान से गैस सिलेंडर शासन की ओर से हर महीने मध्यान भोजन संचालित करने वाले महिला स्व सहायता समूह को उपलब्ध कराया जाए। विद्यालय में लगने वाले बर्तनों को खरीदने के लिए राशि smc में ना देकर समूह के बचत खाते में दी जावे जिससे वह उपयोग में आने बाले बर्तनों को खरीद सके।
अध्यक्ष, सचिव एवं समूह संचालकों रसोइयों के जोखिम को दृष्टिगत रखते हुए 5 लाख का निशुल्क सुरक्षा बीमा कराया जावे। राज्य आजीविका मिशन समूह के अधिकारियों द्वारा कमीशन एवं भ्रष्टाचार किया जा रहा है, उस पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जावे, सभी बहनों को एक समान देखते हुए योजना का लाभ दिया जावे। मध्यान भोजन राशि एवं आंगनवाडी पोषण राशि में लिए जा रहे कमीशन पर तत्काल रोक लगाई जावे। यदि समय रहते मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आगामी दिनों में पूरे प्रदेश में भूख हड़ताल की जाएगी।
मनोज सोनी editor-in-chief


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