मनोज सोनी एडिटर इन चीफ क
भीड़ से अलग पहचान बनाने के लिए निरंतर अभिनव कार्य करने होते हैं :- संभागीय उपायुक्त
नर्मदापुरम। केसला विकासखंड के प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में कार्यरत शिक्षकों के लिए प्रेरणा संवाद का आयोजन दूसरे दिन भी आयोजित हुआ। प्रदेश मे अपनी तरह की यह पहली अभिनव पहल है, जिसमे सभी शिक्षकों से संवाद कर उन्हें कर्तव्य पालन के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य विभाग जेपी यादव द्वारा आयोजित कार्यक्रम मे उन्होंने शिक्षकों से कहा कि शिक्षक नई पीढ़ी के निर्माता हैं, बच्चे आपसे सीखते और उसका अनुसरण करते हैं। शिक्षा का मूल उद्देश्य सरकारी नौकरी प्राप्त करना नहीं है, बल्कि देश के लिए अच्छे नागरिक तैयार करना है। सारा ज्ञान किताबों में नहीं होता, बहुत सारा ज्ञान अनुभव से मिलता होता है। हमारे अनुभव सिखाते हैं कि दुनिया में कितनी चुनौतियां हैं, मुश्किलें हैं, और उनका समाधान कैसे करना है।
अगर हम अपने जीवन को आत्म अनुशासन मे ढाल लें तोड़ हम समय प्रबंधन और तनाव प्रबंधन दोनों कर लेंगे। कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसे तनाव न हो, सभी को कुछ ना कुछ तनाव है। हम अपनी व्यवस्थित दिनचर्या और अनुशासन से इस काम कर सकते हैं। आज के दौर में मोबाइल के अधिक उपयोग ने पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों मे तनाव उत्पन्न किया है। अतः मोबाइल का कम से कम उपयोग करें। खाली समय मे किताबें पढ़ें, किताबें सबसे अच्छी दोस्त और पथ प्रदर्शक है, अफसोस है कि हम सबके पढ़ने की आदत खत्म हो चुकी है उसे विकसित करना जरूरी है। देर रात सोना और देर सवेरे उठना ये आदतें थकान, चिड़चिड़ापन आती हैं। तनाव को दूर करने के लिए सिंगिंग करें, चित्रकारी करें, विचारों को लिखना सीखें, प्रकृति के पास जाएँ और कुछ शौक ज़रूर रखें। श्री यादव ने कुछ प्रश्नों के माध्यम समय पालन, कर्तव्य बोध, सामाजिक एवं लोक व्यवहार, शिक्षा की गुणवत्ता आदि के बारे रोचक तरीके से चर्चा कर शिक्षकों को प्रेरित किया।
उन्होंने शिक्षकों को कहा की आत्म अनुशासन जीवन को व्यवस्थित बनाकर गरिमा बढ़ाता है, इसलिए आत्म अनुशासन विकसित करें। कर्तव्य की अवहेलना पर की जाने वाली अनुशासनिक कार्यवाही गरिमा को ठेस पंहुचाती है। सरकारी नौकरी एक सौभाग्य है, इसने हमारे परिवार को सहारा दिया। हमे रोटी दी, कपड़े दिए, हमारे बच्चों के स्कूल फीस, किताब कॉपी और कैरियर बनाने मे सहायता दी है। सरकारी नौकरी की वजह से समाज मे एक अलग ही सम्मान मिला है। इसी से हम बर्थडे मनाते हैं, घूमने फिरने के लिए यात्राएं करते,पर्व और त्यौहार मनाते हैं। सरकारी नौकरी इतना कुछ देती है तो उसकी इज़्ज़त करना चाहिए। चाहे वो शिक्षक हो या अन्य कर्मचारी अधिकारी कर्तव्य स्थल पर निर्धारित समय से पूर्व पहुंचना और निर्धारित समय के पश्चात ही स्थल छोड़ना चाहिए।
रोज़ का काम रोज़ पूरा करने की कोशिश करना चाहिए। हमें ये सोचना होगा की जितना हमें वेतन मिलता है, क्या हमने उतना काम किया? क्या आपको सच मे अपने काम से संतुष्टि हुई? सकारात्मक सोचिये, नकारात्मक विचारों और नकारात्मक लोगों से दूर रहें। तनाव को हम खुद आंमत्रित करते हैं, अव्यवस्थित दिनचर्या से और बेमानी तुलनाओं से। इसलिए दिनचर्या को व्यवस्थित करें किसी से तुलनाएं न करें, आप जो अच्छा कर सकते हैं वो करने की कोशिश करें। एक्टिव, क्रिएटिव, इनोवेटिव बनें। भीड़ मे अलग वे ही लोग दिखते हैं जो सबसे अलग करके दिखाते हैं। स्कूल के बच्चों की चिंता अपने खुद के बच्चों की तरह करें।
श्री यादव ने कहा की हमारा उद्देश्य दंड देकर बदलाव लाना नही, वरन प्रेरणा देकर कर्तव्यबोध कराना है, सच पूछो तो दंड देने मे कभी मज़ा नही आता बल्कि दुःख होता है। आत्मसम्मान और गौरव बढ़ाने वाले काम करें। कोशिश करें की दंड देने की ज़रूरत न पड़े। श्री यादव ने इस अवसर पर अधिक से अधिक पौधारोपण करें और वायुदूत मे अपलोड करें। सर्वाईकल कैंसर के टीके लगाने और स्क्रीन कराने हेतु भी प्रेरित किया। शिक्षकों ने कार्यक्रम ने बताया की आज सच मे बहुत सी चीज़ेँ सीखने को मिलीं बहुत प्रेरणा भी मिली, ऐसे आयोजन समय समय पर होते रहना चाहिए। विकासखंड शिक्षा अधिकारी आशा मौर्य ने आभार प्रकट करते हुए शिक्षकों से नये जोश और ऊर्जा से काम करने को कहा।
इस अवसर पर स्कूलों के प्राचार्य, मास्टर ट्रैनर विजयन्त सिंह ठाकुर तथा लगभग 280 से ज्यादा शिक्षक उपस्थित हुए।

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