न्यायालय की फटकार और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर पुनः गुम इंसान मामला कायम किया गया नर्मदा पुरम। लापता सुनील कुमार शर्मा मीनाक्षी चौक निवासी के मामले उनके बड़े भाई दिनेश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 23 बर्ष बाद न्यायालय की फटकार और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर पुनः गुम इंसान कृमांक 84/ 2025 पर मामला कायम किया गया है। परिजनों से प्राप्त जानकारी अनुसार गुमशुदा सुनील कुमार शर्मा मीनाक्षी चौक नर्मदा पुरम होशंगाबाद जो कि वर्ष 2002 मे दिनांक 18/12/ 2002 को प्रेम प्रसंग को लेकर लापता हैं। जिसमें उनके पिता स्वर्गीय राम कुमार शर्मा द्वारा दिनांक 30/12/ 2002 को गुम इंसान कृमांक 60, 02 की कायमी होशंगाबाद थाने में दर्ज कराई गई थी। जिसकी जांच पड़ताल उस समय के तत्कालीन सहायक उप निरीक्षक रासबिहारी श्रीवास्तव कर रहे थे। जिनका स्थानांतरण शिवपुर थाने हो जाने से मामले की डायरी थाने में जमा कर गये थे, उस समय अन्य विवेचक जांच पड़ताल करते रहे और गुम शुदा सुनील कुमार शर्मा का कोई पता नहीं चल पाया था। जांच पड़ताल में परिवार जनों ने अपने कथनों में प्रेम प्रसंग बाली बाते भी बताई थी। इसके बाद वर्ष 2006 मे थाने में आग लग जाने के कारण पूरा रिकार्ड जल गया था। जिसमें सुनील कुमार शर्मा लापता के मामले की डायरी का भी कुछ पता नहीं चल पाया तो गुमशुदा सुनील शर्मा के परिवार जनों ने पुलिस विभाग से जानकारी चाही जो उन्हें नहीं देते हुए टाल मटोल करते रहे, पुलिस के डायरेक्टर जनरल साहब,आई जी, साहब, डीआईजी, एसपी कलेक्टर, मुख्यमंत्री को भी न्याय हेतु आवेदन पत्र दिये गये, परन्तु कोई हल नहीं निकलने पर गुमशुदा सुनील शर्मा के बड़े भाई के के शर्मा ने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में परिवाद दायर कर दिनांक 24/3/25 को न्यायालय द्वारा पुलिस थाना प्रभारी से मामले की डायरी तलब की गई किन्तु पुलिस विभाग को काफी समय देने के बाद भी न्यायालय में डायरी पेश नहीं की गई, तो न्यायालय ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए फटकार लगाई, तो पुलिस द्वारा पुनः गुम इंसान कृमांक 84 / 2025 कायम कर लिया है और जांच पड़ताल जारी कर दी गई। अब देखना है यह है कि पुलिस इस मामले में किस तरह की जांच पड़ताल करती हैं, जैसा कि गुमशुदा के परिवार जन अपने भाई की प्रेम प्रसंग में अपहरण बाद हत्या का कयास लगा रहे हैं उस संबंध में करते हैं या फिर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल कर जांच करेगी, वैसे पुलिस को अब बड़ी सूझबूझ और होशियारी से किसी कुशल और दक्ष विवेचक से इस मामले की जांच पड़ताल करवा कर, इस रहस्यमई गुत्थी को सुलझा कर आगामी पेशी पर अपनी रिपोर्ट न्यायालय में परिवाद पत्र के संबंध में पेश करना चाहिए। - AKN News India

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Friday, 30 May 2025

न्यायालय की फटकार और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर पुनः गुम इंसान मामला कायम किया गया नर्मदा पुरम। लापता सुनील कुमार शर्मा मीनाक्षी चौक निवासी के मामले उनके बड़े भाई दिनेश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 23 बर्ष बाद न्यायालय की फटकार और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर पुनः गुम इंसान कृमांक 84/ 2025 पर मामला कायम किया गया है। परिजनों से प्राप्त जानकारी अनुसार गुमशुदा सुनील कुमार शर्मा मीनाक्षी चौक नर्मदा पुरम होशंगाबाद जो कि वर्ष 2002 मे दिनांक 18/12/ 2002 को प्रेम प्रसंग को लेकर लापता हैं। जिसमें उनके पिता स्वर्गीय राम कुमार शर्मा द्वारा दिनांक 30/12/ 2002 को गुम इंसान कृमांक 60, 02 की कायमी होशंगाबाद थाने में दर्ज कराई गई थी। जिसकी जांच पड़ताल उस समय के तत्कालीन सहायक उप निरीक्षक रासबिहारी श्रीवास्तव कर रहे थे। जिनका स्थानांतरण शिवपुर थाने हो जाने से मामले की डायरी थाने में जमा कर गये थे, उस समय अन्य विवेचक जांच पड़ताल करते रहे और गुम शुदा सुनील कुमार शर्मा का कोई पता नहीं चल पाया था। जांच पड़ताल में परिवार जनों ने अपने कथनों में प्रेम प्रसंग बाली बाते भी बताई थी। इसके बाद वर्ष 2006 मे थाने में आग लग जाने के कारण पूरा रिकार्ड जल गया था। जिसमें सुनील कुमार शर्मा लापता के मामले की डायरी का भी कुछ पता नहीं चल पाया तो गुमशुदा सुनील शर्मा के परिवार जनों ने पुलिस विभाग से जानकारी चाही जो उन्हें नहीं देते हुए टाल मटोल करते रहे, पुलिस के डायरेक्टर जनरल साहब,आई जी, साहब, डीआईजी, एसपी कलेक्टर, मुख्यमंत्री को भी न्याय हेतु आवेदन पत्र दिये गये, परन्तु कोई हल नहीं निकलने पर गुमशुदा सुनील शर्मा के बड़े भाई के के शर्मा ने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में परिवाद दायर कर दिनांक 24/3/25 को न्यायालय द्वारा पुलिस थाना प्रभारी से मामले की डायरी तलब की गई किन्तु पुलिस विभाग को काफी समय देने के बाद भी न्यायालय में डायरी पेश नहीं की गई, तो न्यायालय ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए फटकार लगाई, तो पुलिस द्वारा पुनः गुम इंसान कृमांक 84 / 2025 कायम कर लिया है और जांच पड़ताल जारी कर दी गई। अब देखना है यह है कि पुलिस इस मामले में किस तरह की जांच पड़ताल करती हैं, जैसा कि गुमशुदा के परिवार जन अपने भाई की प्रेम प्रसंग में अपहरण बाद हत्या का कयास लगा रहे हैं उस संबंध में करते हैं या फिर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल कर जांच करेगी, वैसे पुलिस को अब बड़ी सूझबूझ और होशियारी से किसी कुशल और दक्ष विवेचक से इस मामले की जांच पड़ताल करवा कर, इस रहस्यमई गुत्थी को सुलझा कर आगामी पेशी पर अपनी रिपोर्ट न्यायालय में परिवाद पत्र के संबंध में पेश करना चाहिए।


 

न्यायालय की फटकार और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर पुनः गुम इंसान मामला कायम


नर्मदा पुरम। लापता सुनील कुमार शर्मा मीनाक्षी चौक निवासी के मामले उनके बड़े भाई दिनेश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 23 बर्ष बाद न्यायालय की फटकार और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर पुनः गुम इंसान कृमांक 84/ 2025 पर मामला कायम किया गया है।

 परिजनों से प्राप्त जानकारी अनुसार गुमशुदा सुनील कुमार शर्मा मीनाक्षी चौक नर्मदा पुरम होशंगाबाद जो कि वर्ष 2002 मे दिनांक 18/12/ 2002 को प्रेम प्रसंग को लेकर लापता हैं। जिसमें उनके पिता स्वर्गीय राम कुमार शर्मा द्वारा दिनांक 30/12/ 2002 को गुम इंसान कृमांक 60, 02 की कायमी होशंगाबाद थाने में दर्ज कराई गई थी। जिसकी जांच पड़ताल उस समय के तत्कालीन सहायक उप निरीक्षक रासबिहारी श्रीवास्तव कर रहे थे। जिनका स्थानांतरण शिवपुर थाने हो जाने से मामले की डायरी थाने में जमा कर गये थे, उस समय अन्य विवेचक जांच पड़ताल करते रहे और गुम शुदा सुनील कुमार शर्मा का कोई पता नहीं चल पाया था। 

जांच पड़ताल में परिवार जनों ने अपने कथनों में प्रेम प्रसंग बाली बाते भी बताई थी। इसके बाद वर्ष 2006 मे थाने में आग लग जाने के कारण पूरा रिकार्ड जल गया था। जिसमें सुनील कुमार शर्मा लापता के मामले की डायरी का भी कुछ पता नहीं चल पाया तो गुमशुदा सुनील शर्मा के परिवार जनों ने पुलिस विभाग से जानकारी चाही जो उन्हें नहीं देते हुए टाल मटोल करते रहे, पुलिस के डायरेक्टर जनरल साहब,आई जी, साहब, डीआईजी, एसपी कलेक्टर, मुख्यमंत्री को भी न्याय हेतु आवेदन पत्र दिये गये, परन्तु कोई हल नहीं निकलने पर गुमशुदा सुनील शर्मा के बड़े भाई के के शर्मा ने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में परिवाद दायर कर दिनांक 24/3/25 को न्यायालय द्वारा पुलिस थाना प्रभारी से मामले की डायरी तलब की गई किन्तु पुलिस विभाग को काफी समय देने के बाद भी न्यायालय में डायरी पेश नहीं की गई, तो न्यायालय ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए फटकार लगाई, तो पुलिस द्वारा पुनः गुम इंसान कृमांक 84 / 2025 कायम कर लिया है और जांच पड़ताल जारी कर दी गई।

 अब देखना है यह है कि पुलिस इस मामले में किस तरह की जांच पड़ताल करती हैं, जैसा कि गुमशुदा के परिवार जन अपने भाई की प्रेम प्रसंग में अपहरण बाद हत्या का कयास लगा रहे हैं उस संबंध में करते हैं या फिर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल कर जांच करेगी, वैसे पुलिस को अब बड़ी सूझबूझ और होशियारी से किसी कुशल और दक्ष विवेचक से इस मामले की जांच पड़ताल करवा कर, इस रहस्यमई गुत्थी को सुलझा कर आगामी पेशी पर अपनी रिपोर्ट न्यायालय में परिवाद पत्र के संबंध में पेश करना चाहिए।


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