मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
प्राकृति के द्वारा दिया गया अद्भुत वरदान एवं नैसर्गिक वातावरण की अद्वितीय देन है पचमढ़ी: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव
"एक पेड़ मां के नाम" अभियान का मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया शुभारंभ
राजा भभूत सिंह के शौर्य एवं बलिदान को समर्पित केबिनेट बैठक के पश्चात मुख्यमंत्री ने मंत्री मंडल के सभी सदस्यों के साथ किया पौधारोपण
नर्मदापुरम। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को नर्मदापुरम जिले के पचमढ़ी में राजा भभूत सिंह के शौर्य, बलिदान एवं साहस को स्मरण कर उनकी स्मृति में आयोजित केबिनेट बैठक के उपरांत "एक पेड़ मां के नाम" अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राजा भभूत सिंह उद्यान पहुंचकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए अपनी माताजी के नाम पर आम का पौधा रोपित किया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा एवं उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भी अपनी-अपनी माताजी के नाम से आम के पौधों का रोपण कर अभियान में सहभागिता की। कार्यक्रम में राज्य सरकार के अन्य मंत्रीगण भी उपस्थित रहे। सभी मंत्रीगणों ने अपनी माताओं के सम्मान में पौधारोपण कर "एक पेड़ मां के नाम" अभियान को सार्थक रूप प्रदान किया।
उल्लेखनीय है की पूर्व में यह उद्यान बाल उद्यान के नाम से जाना जाता था। मुख्यमंत्री द्वारा इस उद्यान का नाम वीर राजा भभूत सिंह की स्मृति में राजा भभूत सिंह उद्यान किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि राजा भभूत सिंह जी ने अंग्रेजों से संघर्ष कर देशभक्ति की जो मशाल जलाई थी, वह अद्वितीय और प्रेरणास्पद है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "विरासत से विकास" के उद्घोष के अनुरूप स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों को स्मरण कर रही है और उनके योगदान को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पचमढ़ी को आदि काल से अद्भुत प्राकृतिक धरोहर बताया और कहा कि सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी में राजा भभूत सिंह जैसे योद्धाओं की वीरगाथाएं बसती हैं। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने बताया कि आगामी 14, 15, 16 जून को पचमढ़ी में सभी विधायकों और सांसदों के साथ अभ्यास सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें पचमढ़ी क्षेत्र के विकास का विस्तृत रोडमैप तैयार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि मध्यप्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी में कश्मीर की वादियों का अनुभव होता है। ऐसा लगता है कि इस स्थान को छोड़कर हम किसी और स्थान पर ना जाए। परमात्मा कि प्राकृति के द्वारा दिया गया अद्भुत वरदान एवं नैसर्गिक वातावरण कि अद्वितीय देन है पचमढ़ी। इसके विकास के लिए हम निरंतर कार्य करेंगे।
No comments:
Post a Comment