अप्रतिम व्यक्तित्व के धनी थे स्व श्री सोनी
लोगों ने ऐसी पुण्य आत्मा को नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की
परिवार को इस दुःख को सहन करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की
एके एन न्यूज नर्मदा पुरम। हिन्दु सनातन संस्कृति और शास्त्र अनुसार डोल ग्यारस पर्व पर पारायण और वामन द्वादशी के प्रारंभ में जिसका निर्वाण होता है, वह सीधे बैकुंठ धाम जाता है। ऐसे भजनानंदी, ग्रहस्त साधक जिन्होंने गृहस्थ जीवन में ईश्वर की उपासना करते हुए परोप कारी जीवन व्यतीत किया ऐसे स्व श्री सोनी चार सितंबर को पंचतत्व में विलीन हो गए।
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग से सेवानिवृत हुए सी एल सोनी का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं । उन्होंने अपने ईमानदारी पूर्ण कार्य से और कठोर परिश्रम करते हुए शिक्षा विभाग में अपनी अलग पहचान बनाई थी। वरिष्ठ लेखपाल के पद पर पदस्थ स्व श्री सोनी ने अपने परिवार के पालन पोषण एवं बच्चों की शिक्षा में अवरोध उत्पन्न ना हो इसलिए प्रमोशन को भी अस्वीकार कर दिया और संपूर्ण सेवाकाल होशंगाबाद में व्यतीत किया। श्री सोनी के कार्य कुशलता के कारण वर्ष 2009 में सेवानिवृत्ति के दिन ही शासन ने उनकी सेवा वृद्धि की और वर्ष 2018 तक उन्होंने पुनः शासन को अपनी सेवाएं प्रदान की। उनकी धर्मपत्नी श्रीमती राधा सोनी के साथ शेष जीवन ईश्वर उपासना में व्यतीत किया और तीर्थ यात्राएं की। वहीं उनकी पत्नी श्रीमती राधा सोनी का निधन वर्ष 2021 में हो गया। श्रीमती सोनी समाजसेवा के साथ एक धार्मिक महिला थी। श्रीमती सोनी के बैकुंठ जाने के पश्चात स्व श्री सोनी ने ईश्वर की उपासना करते हुए अपना शेष जीवन व्यतीत किया, उनके परिवार में दो पुत्र विशाल सोनी एवं विश्वास सोनी एवं पुत्री श्रद्धा सोनी है उनका भरा पूरा परिवार सदैव वट वृक्ष की शीतल छाया से सरावोर रहा। ऐसे स्व श्री सोनी ने चार सितंबर को अंतिम सांस ली और मां नर्मदा के तट पर मुखाग्नि उनके पुत्रों ने दी। श्री सोनी के व्यक्तित्व की चर्चा जनमानस में है। ऐसी पुण्य आत्मा को कई लोगों ने नम आंखों से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और सोनी परिवार को इस दुःख को सहन करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

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