अस्पताल परिसर में साफ सफाई का रखें विशेष ध्यान, सफाई अमले को प्रत्येक खण्ड की सफाई के लिए बनाऐं कार्योन्मुख : कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना
ग्रमीण क्षेत्रों में पोषण परामर्श के लिए आयोजित किये जाऐं जागरूकता शिविर,
कलेक्टर ने बनखेड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का किया निरीक्षण, अधिकारियों को दिये महत्वपूर्ण निर्देश
अस्पताल में पदस्थ डाक्टरों से उनके कार्य अनुभव की ली जानकारी तथा वार्डों में भर्ती मरीजों से मिलकर लिया उनका फीडबैक
एके एन न्यूज नर्मदा पुरम/ कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने बनखेड़ी में नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण कर उपलब्ध सुविधाओं, नियमित दर्ज होने वाली ओपीडी, टेस्टिंग लैब का जायजा लिया। साथ ही उन्होंने वहां पर भर्ती मरीजों से मिलकर उन्हें मिलने वाली सुविधाओं का फीडबैक भी लिया। कलेक्टर ने प्रसूति वार्ड में पहुंचकर वहां पर भर्ती प्रसूताओं एवं उनके परिजनों से अस्पताल द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं एवं अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने बनखेड़ी के सामुदायिक अस्पताल पहुंचकर वहां पर पदस्थ डॉक्टरों से भी चर्चा की। कलेक्टर ने अस्पताल में पदस्थ प्रत्येक डॉक्टर कक्षों का निरीक्षण कर डाक्टरों से व्यक्तिगत संवाद किया एवं संपूर्ण अस्पताल परिसर का भी निरीक्षण किया।
इस दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिए की भवन की साफ सफाई एवं मेंटेनेंस का विशेष ध्यान रखा जाए। कलेक्टर ने कहा कि अस्पताल की सफाई स्टाफ को कार्योन्मुख करें एवं अस्पताल भवन के प्रत्येक खंड में साफ सफाई सुनिश्चित की जाए। विशेष तौर पर जिन वार्डों में मरीजों को भर्ती किया जाता है वहां पर साफ सफाई के लिए रोस्टर तैयार करें एवं उसके अनुसार नियमित रूप से सफाई सुनिश्चित की जाए।
कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल में पदस्थ प्रत्येक डॉक्टर से व्यक्तिगत संवाद कर उनके कार्य अनुभव की भी जानकारी ली। उन्होंने पीडियाट्रिक सेक्शन में पहुंच कर बच्चों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं एवं दवाइयों का निरीक्षण कर विकासखंड में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर का भी परीक्षण किया। कलेक्टर ने निर्देश दिए की अस्पताल में एवं विकासखंड के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं को पोषण संबंधी परामर्श प्रदान करें ताकि उन्हें गर्भावस्था के दौरान खुद की देखभाल कैसे करें और उस समय उन्हें क्या पोषण आहार लेना है, इसके संबंध में जानकारी रहे। इसी के साथ पोषण योजना तैयार कर उन्हें उसके आधार पर ही काउंसलिंग दी जाए। कलेक्टर ने बीएमओ बनखेड़ी को यह निर्देश दिए की विकासखंड अंतर्गत कार्यरत समस्त स्वास्थ्य कर्मियों को ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण समस्याओं एवं उनसे उभरने के लिए की जाने वाली गतिविधियों के संबंध में ग्राम वासियों को अवगत कराए जाने हेतु कार्योन्मुख करे।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने यह निर्देश भी दिए की महिला एवं बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग समन्वय के साथ कार्य करते हुए जिला प्रशासन द्वारा प्रारंभ की गई पहल "मेन स्ट्रीमिंग" अर्थात “बच्चों के पोषण एवं परिवार की देखभाल में पुरुषों की सक्रिय भागीदारी” आधारित कार्यशाला एवं जागरूकता अभियानों का भी आयोजन किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि बीएमओ एवं सीडीपीओ उक्त संबंध में साझा कार्य योजना तैयार करें।
कलेक्टर ने इस दौरान अस्पताल में स्थापित उमंग कक्ष का भी निरीक्षण किया। उन्होंने उमंग कक्ष में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं के लिए संधारित पंजी का परीक्षण कर बीएमओ एवं कक्ष प्रभारी को निर्देश दिए की उमंग कक्ष में आने वाली बच्चियों की काउंसलिंग एवं मॉनिटरिंग के दौरान किसी महिला चिकित्सक अथवा अन्य किसी महिला स्वास्थ्य कर्मी को उपलब्ध करवाए। उल्लेखनीय है की उमंग कक्ष द्वारा 10 साल से लेकर 19 साल तक के बच्चों की काउंसलिंग एवं उनके बॉडी मास इंडेक्स की मॉनिटरिंग की जाती है तथा उन्हें हर प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक तनाव के लिए उचित मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर सुश्री मीना ने प्रसूता वार्ड में पहुंचकर वहां भर्ती प्रसुताओं से बातचीत की। कलेक्टर ने नवजात शिशुओं की माताओं एवं परिजनों से अस्पताल प्रबंधन द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं, भोजन, दवाइयों सहित अन्य स्वास्थ व्यवस्थाओं का फीडबैक। चर्चा के दौरान कलेक्टर ने बीएमओ को निर्देश दिए की नवजात शिशु एवं उनकी माताओं की नियमित जांच एवं अन्य स्वास्थ्य मॉनिटरिंग की जाए। कलेक्टर के आत्मीय संवाद के कारण माताएं भी प्रसन्न हुई एवं सभी ने खुलकर उनसे चर्चा कर अपने स्वास्थ संबंधी जानकारी कलेक्टर को दी।
अस्पताल निरीक्षण के पश्चात कलेक्टर ने अस्पताल परिसर के मीटिंग हॉल में बैठक कर सेवा पखवाड़ा अंतर्गत संचालित स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने खाद्य एवं जनजातीय कार्य विभाग की भी समीक्षा कर उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। कलेक्टर ने बीएमओ को निर्देशित किया कि विकासखंड की अनुमानित जनसंख्या के अनुसार स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित की जाए। साथ ही उन्होंने यह निर्देश भी दिए की जांच एवं अन्य जानकारी निर्धारित पोर्टल पर नियमित अद्यतन भी की जाए। कलेक्टर ने कहा कि अभियान अंतर्गत विभाग अपना लक्ष्य स्पष्ट रखें। बेठक के दौरान कलेक्टर ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकांश अभियान एवं अन्य गतिविधियां परस्पर संबंधित होती हैं इसीलिए दोनों विभाग समन्वय स्थापित कर अभियानों एवं योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।
कलेक्टर ने खाद्यान्न वितरण की स्थिति की समीक्षा करते हुए जिला आपूर्ति अधिकारी को निर्देश दिए की जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न प्राप्त कर रहे हितग्राहियों की संख्या ई केवाईसी के आधार पर अपडेट करें एवं डिलीशन की कार्यवाही संबंधित की जांच के उपरांत ही संपादित करें। बैठक के दौरान जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि अब तक जिले में 90 प्रतिशत हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरण किया जा चुका है। कलेक्टर ने निर्देश दि कि शेष बचे हितग्राहियों को भी शीघ्र ही खाद्यान्न का वितरण सुनिश्चित किया जाए।
कलेक्टर ने उपायुक्त जनजातीय कार्य विभाग को निर्देश दिए की आदि कर्मयोगी अभियान के तहत जिले की समस्त ग्राम पंचायत एवं अन्य प्रस्तावित स्थानों पर कार्यशालाओं का आयोजन करें। आदि कर्मयोगी, आदि सहयोगी तथा अभियान से जुड़े अन्य लोगों का उपयुक्त प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही उन्होंने यह निर्देश भी दिए की ग्राम कार्य योजना तैयार कर समय पर निर्धारित पोर्टल पर सक्षम अनुमोदन के पश्चात अपलोड किया जाना भी सुनिश्चित करें।
निरीक्षण के दौरान एसडीएम देवेंद्र प्रताप सिंह, तहसीलदार वैभव बैरागी, अंजू लोधी, सीएमएचओ डॉ नरसिंह गहलोत, जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीमती रश्मि साहू, उपायुक्त जनजाति कार्य विभाग विवेक नागवंशी सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी, चिकित्सकगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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