मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
दो दिवसीय शास्त्रीय संगीत महोत्सव आरम्भ
कथक नृत्य, हिन्दुस्तानी गायन व मेंडोलिन की झंकार ने समां बांधा
नर्मदापुरम। अखिल भारतीय हरिनाम संकीर्तन समिति के तत्वावधान, समेरिटंस विद्यालय व मालवा ऑक्सीजन के सहयोग से दो दिवसीय शास्त्रीय संगीत महोत्सव का आरंभ बुधवार को स्वयंवरम गार्डन में हुआ। कार्यक्रम में विशाखापत्तनम के तारकेश्वर फाउंडेशन कभी सहयोग रहा।
कार्यक्रम के प्रथम दिवस बेंगलुरु की यशस्विनी शिवारामन के कथक, सदगुण आईताल के मेंडोलिन, निक्षित पुत्तुर के मृदंगम, अर्णव बुवा के गायन ने ऐसा समां बांधा श्रोता वाह वाह कर उठे।
सदगुण ने मेंडोलिन पर चारुकेशी वर्णम, हंसादवाणी और बिंदु मालिनी राग सुनाकर सभी को मुग्ध कर दिया। उन्होंने वारो कृष्णैया, भो शंभू सुनाया तो श्रोता भाव विभोर हो गए। हिन्दुस्तानी गायन के ख्यातिनाम कलाकार प्रथमेश शहाणे और आर्चिष्मान सिन्हा ने मधुर गायन प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का आरंभ अतिथि आचार्य अरविदाचार्य, बाबाजी प्रसाद दास, स्वामी निर्मल चेतन्य, स्वामी ज्ञान प्रभु, माताजी राधा मुनि बांद्राभान, आचार्य तरुण तिवारी, डा आशुतोष शर्मा, संतोष शर्मा ने माता सरस्वती का पूजन करके किया। अंत में सभी कलाकारों का शाल श्रीफल से सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार प्रमोद शर्मा ने किया। आयोजन में बड़ी संख्या में संगीतप्रेमी उपस्थित थे।


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