मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
सीमित मात्रा एवं निर्धारित समयावधि में किया जाए हरित पटाखों का उपयोग
साइलेंस जोन से 100 मीटर की दूरी तक पटाखों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा
नर्मदापुरम// दीपावली प्रकाश का पर्व है। दीपावली पर्व के दौरान विभिन्न पटाखों का उपयोग बड़ी मात्रा में किया जाता है। पटाखों के निर्माण में विभिन्न प्रकार के केमिकल्स का उपयोग होता है। ज्वलनशील एवं ध्वनि कारक पटाखों के उपयोग के कारण परिवेशीय वायु में प्रदूषक तत्वों एवं ध्यनि स्तर में वृद्धि होती है। विभिन्न भौगोलिक गतिविधियों के कारण ठंड के मौसम में वायु का डिस्यर्शन वायुमण्डल में अधिक ऊँचाई तक नहीं होने के कारण परिवेशीय वायु में वायु प्रदूषक तत्वों का स्तर बढ़ जाता है, जो मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए हानिकारक है। जन स्वास्थ्य की सुरक्षा एवं वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित रखने हेतु सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेशानुसार पटाखों के निर्माण, उपयोग, विक्रय, वितरण एवं प्रस्फोटन के संबंध में निम्नानुसार मानक संचालक प्रक्रिया निर्धारित की गई है।
क्षेत्रीय अधिकारी मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मंडीदीप ने बताया कि ऐसे शहर जहाँ वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब (AQI 201-300), बहुत खराब (AQI 301-400) अथवा गंभीर (AQI 401-500) श्रेणी में पाये जाने पर वहाँ पर सभी प्रकार के पटाखों के बिक्री अथवा उपयोग पर सम्पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
ऐसे शहर जिनकी वायु गुणवत्ता सूचकांक Moderate (AQI 101-200) श्रेणी की पायी गयी है यहाँ केवल हरित पटाखों की ही बिक्री एवं उपयोग किया जा सकेगा, जिनकी तीव्रता प्रस्फोटन स्थल से 4 मीटर की दूरी पर 126 डी. बी. (ए) से अधिक शोर उत्पन्न करने वाले तथा लडी (जुडे हुए पटाखों) का निर्माण, उपयोग, विक्रय, वितरण एवं प्रस्फोटन भी प्रतिबंधित है।
दीपावली पर्व के समय रात्रि 8:00 बजे से 10:00 बजे तक ग्रीन पटाखों का उपयोग सिर्फ उन शहरों में किया जा सकेंगा जहाँ कि वायु गुणवत्ता सूचकांक मध्यम अथवा उससे कम (Moderate or Below) श्रेणी की है।
नर्मदापुरम शहर की ए.क्यू.आई. माह अक्टूबर 2024 में (104:88) पाई गयी है जो मध्यम (Moderate) श्रेणी के तहत् है। अतः सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार हरित पटाखों का शहरों में उपयोग रात्रि 8:00 बजे से 10:00 तक किया जा सकता है। ग्रीन पटाखों के अंतर्गत फुलझडी, अनार व मेरून आते है एवं अन्य पटाखें पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेंगे तथा पटाखों के उपयोग की समय-सीमा भी उपरोक्त कडिका के अनुसार है।
पटाखों का प्रस्फोटन संवेदनशील क्षेत्र (Silence Zone) जैसेः अस्पताल, नर्सिंग होम, हेल्थ केयर सेंटर, शैक्षणिक संस्थानों, धर्मिक संस्थानों इत्यादि से 100 मीटर की दूरी तक प्रतिबंधित है। पटाखों की ऑनलाईन सेल (जैसे- अमेजॉन, फ्लिपकार्ट इत्यादि से) प्रतिबंधित है।
पटाखों के जलने के उपरांत बचे हुए कागज के टुकडे एवं अधजली बारूद के सम्पर्क में आने से पशुओं एवं बच्चों के दुर्घटनाग्रस्त होने की सम्भावना रहती है। अतः पटाखों के जलने के उपरांत उत्पन्न कचरें को ऐसे स्थानों पर न फेंका जाए जहाँ पर प्राकृतिक जल स्त्रोत / पेय जल स्त्रोत के प्रदूषित होने की सम्भावना हो। अतः आम जनता से अपील की जाती है कि सिर्फ हरित पटाखों का उपयोग सीमित मात्रा एवं निर्धारित समयावधि में की जावें। पटाखों के जलने के उपरांत बचे हुए कचरे को सामान्य घरेलू कचरें के साथ न मिलायें व इस कचरे को पृथक स्थान पर एकत्रित किया जाए तथा नगर पालिका के कर्मचारियों को सौंपा जाए। नगरीय निकायों से भी अनुरोध है कि पटाखों का कचरा पृथक से एकत्रीकरण कर उसका अपवहन सुनिश्चित करें।

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