शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर दिन सोमवार को अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाईं जाएगी इस आर्टिकल में जाने पूजाविधि, महत्व, लाभ, क्या रखें सावधानियां सहित अन्य कई विशेष बातें इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से युक्त होता है. ऐसा कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा अमृत की वर्षा करता है, इस दिन से ही शरद ऋतु शुरू होती है - AKN News India

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Sunday, 5 October 2025

शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर दिन सोमवार को अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाईं जाएगी इस आर्टिकल में जाने पूजाविधि, महत्व, लाभ, क्या रखें सावधानियां सहित अन्य कई विशेष बातें इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से युक्त होता है. ऐसा कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा अमृत की वर्षा करता है, इस दिन से ही शरद ऋतु शुरू होती है

फाइल फोटो 

 

शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर दिन सोमवार को अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाईं जाएगी 

इस आर्टिकल में जाने पूजाविधि, महत्व, लाभ, क्या रखें सावधानियां सहित अन्य कई विशेष बातें 

 इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से युक्त होता है. ऐसा कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा अमृत की वर्षा करता है, इस दिन से ही शरद ऋतु शुरू होती है


 भोपाल। शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर दिन सोमवार को पड़ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार शरद पूर्णिमा पर भद्रा का साया भी रहने वाला है। ऐसे में ज्योतिषियों की सलाह है कि चंद्रमा के साए में खीर रखने से पहले भद्रा का ख्याल जरूर रखें।

इस साल शरद पूर्णिमा पर पूरे दिन भद्रा का साया रहने वाला है।

 इस साल शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर दिन सोमवार को पड़ रही है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन से ही शरद ऋतु शुरू होती है. इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से युक्त होता है. ऐसी भी कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा अमृत की वर्षा करता है, जिससे धन, प्रेम और स्वास्थ्य के मोर्चे पर लाभ मिलता है. शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने इसी दिन महारास रचाया था. कहते हैं कि इस दिन चांद की रोशनी में खीर रखकर खाने से इंसान का भाग्य संवरता है.

हालांकि इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा के साए में खीर रखने का मामला थोड़ा गड़बड़ दिख रहा है, दरअसल, 6 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के दिन भद्रा भी लगने वाली है. भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य या धार्मिक अनुष्ठान करने की मनाही होती है। आइए जानते हैं कि शरद पूर्णिमा पर भद्रा का समय क्या रहने वाला है और इस दिन चंद्रमा के साए में खीर रखने का शुभ मुहूर्त क्या है.

शरद पूर्णिमा 2025 तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि 6 अक्टूबर को दोपहर में 12 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी. और इसका समापन 7 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर होगा. ऐसे में शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी।

शरद पूर्णिमा के साथ नया सप्ताह होगा शुरू, कुंभ सहित 3 राशियों पर बरसेगा पैसा

शरद पूर्णिमा की रात करें ये उपाय

शरद पूर्णिमा के दिन करें ये 6 काम, धन-दौलत का अंबार लगा देंगी मां लक्ष्मी

शरद पूर्णिमा पर भद्रा का समय

इस साल शरद पूर्णिमा पर लगभग पूरे दिन भद्रा का साया रहने वाला है. शरद पूर्णिमा के दिन दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से भद्रा काल आरंभ हो जाएगा. इसका समापन रात 10 बजकर 53 मिनट पर होगा. ज्योतिषियों का कहना है कि भद्रा काल के बाद ही चंद्रमा के साए में खीर रखना उचित होगा.


शरद पूर्णिमा पर कब चंद्रमा के साए में रखें खीर

 पंचांग के अनुसार, 6 अक्टूबर  को रात 10.37 बजे से लेकर रात 12.09 बजे तक लाभ-उन्नति मुहूर्त रहने वाला है. लेकिन इस बीच रात 10.53 बजे तक भद्रा भी रहेगा. इसलिए आप भद्रा काल से बचते हुए उन्नति मुहूर्त में किसी भी समय खीर रख सकते हैं.


शरद पूर्णिमा पर सावधानियां

यदि आप शरद पूर्णिमा पर उपवास रखने की सोच रहे हैं तो जलाहार या फलाहार उपवास रख सकते हैं. इस दिन घर-परिवार के लोग भी सात्विक आहार ही ग्रहण करें तो ज्यादा बेहतर होगा. शरीर के शुद्ध और खाली रहने पर आप चंद्रमा से बरस रहे अमृत का अधिक लाभ उठा पाएंगे. इस दिन मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें. मन में घृणा, द्वेष और अहंकार की भावना न करें।

शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। यह पर्व आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जब चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और पृथ्वी पर अमृत की वर्षा करता है।

*शरद पूर्णिमा का महत्व*

शरद पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन- चंद्रमा अपनी पूर्ण रोशनी में होता है, जिससे अमृत की वर्षा होती है। माता लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था, जो धन और समृद्धि की देवी हैं। भगवान कृष्ण ने रास लीला की थी, जो प्रेम और आनंद का प्रतीक है।


*शरद पूर्णिमा की पूजा विधि*

शरद पूर्णिमा की पूजा करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं

- *स्नान और संकल्प*: प्रातःकाल स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।

- *देवी-देवता की स्थापना*: भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देवता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

- *पूजा और अर्चन*: धूप, दीप, पुष्प, फल और नैवेद्य अर्पित करें।

- *खीर बनाना*: खीर बनाकर उसे चंद्रमा की रोशनी में रखें और अगले दिन प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।

- *दीपदान*: मंदिर या पवित्र नदी में दीपदान करें और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करें।


*शरद पूर्णिमा के लाभ*

शरद पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष करने से निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं

- *आरोग्यता*: चंद्रमा की रोशनी में रखी खीर खाने से शरीर को आरोग्यता और ऊर्जा मिलती है।

- *धन और समृद्धि*: माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

- *आध्यात्मिक विकास*: शरद पूर्णिमा की रात जागरण करने और पूजा करने से आध्यात्मिक विकास होता है। साभार।

No comments:

Post a Comment

राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के छठवें दिवस गांव में नशा मुक्ति अभियान को लेकर रैली निकाली

मनोज सोनी एडिटर इन चीफ   राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के छठवें दिवस गांव में नशा मुक्ति अभियान को लेकर रैली निकाली एके एन न्यूज नर्मदा पुरम । ...

Post Top Ad

Responsive Ads Here