मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
किसी भी ग्राम, तहसील या ब्लॉक का परिसीमन करने से पहले उसकी भौगोलिक, जनसंख्या व सांस्कृतिक स्थिति देखी जाएगी - अध्यक्ष एसएन मिश्रा
मध्य प्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग की संभागीय बैठक नर्मदापुरम जिले में आयोजित हुई
नर्मदापुरम// कोई नई भी ग्राम पंचायत, तहसील या ब्लॉक बनाते समय या उसकी सीमा जिले या तहसील में शामिल करने से पहले उस स्थान की भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या, स्ट्रक्चर, संस्कृतिक पहलू, मूलभूत सुविधाओं का होना आवश्यक होगा। मध्य प्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग के कार्य करने की पद्धति का निर्धारण कार्य क्षेत्र, लक्ष्य आदि की जानकारी देने के लिए बुधवार को मध्य प्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग की संभागीय बैठक आयोग के अध्यक्ष एसएन मिश्रा, सचिव अक्षय कुमार सिंह एवं सदस्य मुकेश शुक्ला की उपस्थिति में नर्मदापुरम जिले में आयोजित की गई।
कलेक्टर सभा कक्ष में आयोजित बैठक में प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग के अध्यक्ष श्री एस एन मिश्रा ने बैठक में सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए की किसी भी प्रशासनिक इकाई के पुनर्गठन से पहले जनप्रतिनिधियों से चर्चा एवं जनता से फीडबैक लेकर आपस में समन्वय स्थापित करके राजस्व सीमाओं के पुनर्गठन का प्रस्ताव कलेक्टर को प्रेषित करें। कलेक्टर सभी प्रस्ताव पर विचार करके अपना सुझाव एवं निर्णय से आयोग को अवगत कराएंगे।
श्री मिश्रा ने बताया कि जनपद एवं तहसील की सीमाओं का परिसीमन किया जाना है लेकिन यदि परिसीमन की आवश्यकता नहीं है तो परिसीमन नहीं भी किया जाएगा। परिसीमन को और अधिक जन्मोमुखी बनाया जाएगा ताकि इसके आधार पर जन अपेक्षा के आधार पर ज्यादा से ज्यादा जनता को सुविधा दिलाई जा सके। नवीन प्रशासनिक इकाई के लिए मार्गदर्शन सिद्धांत बनाए गए हैं। वर्तमान में ऐसे कई तहसील एवं ब्लॉक तथा ग्राम पंचायत है जो जिला मुख्यालय से दूर है लेकिन दूसरे अन्य जिले या तहसील के समीप है, ऐसे प्रशासनिक इकाइयों में चेंज करने एवं परिवर्तन करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि बड़ी इकाई की बजाय छोटी इकाइयां में ज्यादा परेशानी नहीं होती है। विभागों में विभिन्न पदों के युक्ति युक्तिकरण के भी प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं। उन्होंने कहां की विभागों में जिन पदों की आवश्यकता नहीं है उन पदों से अन्य कोई काम लिया जाएगा। या दूसरी जगह स्थापित कर दिया जाएगा एवं विभाग में यदि तकनीकी दक्षता की आवश्यकता है तो ऐसे तकनीकी दक्षता के पद सृजित किए जाएंगे। प्रत्येक जिले के कलेक्टर को जनप्रतिनिधि एवं आम जनता सुझाव देगी कि कैसे सीमाओं का निर्धारण कहां पर किस मान से किया जाना उचित रहेगा। कलेक्टर उसे अपडेट करेंगे एवं आयोग को प्रेषित करेंगे। आयोग प्रस्तावित रिपोर्ट के अनुसार अपनी कार्रवाई करेंगा।
श्री मिश्रा ने कहा कि यदि भौगोलिक गठन चाहते हैं तो बताना पड़ेगा की कुछ तहसील एवं गांव तहसील या जिले से दूर हैं या अन्य किसी दूसरे जिले या तहसील के करीब है। दूरी के मापदंड बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि नए परिसीमन में यह आवश्यक देखा जाएगा की जनसंख्या का संतुलन हो, संस्कृतिक समन्वय हो, यदि हम कोई ग्राम ब्लॉक बना रहे हैं तो वहां यदि जनसंख्या कम है एवं सुविधाएं नहीं है तो इसका कोई लाभ नहीं है। वहीं कई बार क ई जगह पर जनसंख्या ज्यादा रहती है एवं औद्योगिक विकास भी है लेकिन हम उसे तहसील, जिला का दर्जा नहीं दे सके हैं या घोषित नहीं कर सकते हैं तो नए प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग में यह सब बातें शामिल की जाएंगी। साथ ही स्थानीय भाषा संस्कृति को आवश्यक रूप से संरक्षण भी दिया जाएगा।
श्री मिश्रा ने कहा कि यदि किसी स्थान को हम मुख्यालय बनाना चाहते हैं तो जनसंख्या औद्योगिक क्षेत्र एवं भौगोलिक दूरी उसकी अन्य क्षेत्र से ना हो इसका अनिवार्य रूप से ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ ही प्रस्तावित इकाइयों को सुविधा के दृष्टि से पुनर्गठन करने या गठन घटाने के संबंध में भी आवश्यक सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ग्राम पंचायत ब्लॉक एवं तहसील संरचना का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा।
उन्होंने सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ग्राम तथा पंचायत स्तर राजस्व निरीक्षक मंडल तहसील स्तर पर बैठक आयोजित कर जनप्रतिनिधियों एवं आम जनता से सुझाव आमंत्रित करें। जिस किसी भी प्रशासनिक इकाई का कोई युक्ति युक्तिकरण विलोपन या नवीन सृजन किया जाना है तो उसका उचित प्रस्ताव तैयार कर उस प्रस्ताव को कलेक्टर तक भिजवा एन समस्त अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों के प्रस्ताव कलेक्टर आमंत्रित कर प्राप्त कर युक्ति युक्तिकरण पर वृहद चर्चा कर उस प्रस्ताव को अंतिम रूप से तैयार कर आयोग को भेजेंगे।
श्री मिश्रा ने बताया कि कलेक्टर अपने प्रस्ताव तैयार करते समय जनप्रतिनिधियों की राय भी अनिवार्य रूप से लेंगे। पूर्व में यदि किसी प्रशासनिक इकाई के युक्ति युक्ति करण में यदि कोई आवेदन या मांग पत्र आया हो तो वह किसी भी स्थिति में लंबित न रहे, उसे आयोग तक भिजवाया जाए। यहां यह भी स्पष्ट किया जाता है कि यदि परिवर्तन या युक्तिकरण विलोपन या नवीन सृजन की आवश्यकता नहीं है तो यह न किया जाए लेकिन यदि कोई मांग इस संबंध में पूर्व से जन सामान्य की ओर से चली आ रही है तो उस पर विचार कर उस मांग का परीक्षण आवश्यक कर लिया जाए। जिला स्तर पर सभी विभागों के जिला अधिकारियों से भी चर्चा की जाए ताकि उनके विभाग की कार्य प्रणाली का भी मत आ सके। इस प्रस्ताव में मानव संसाधन की दक्षता या प्रशिक्षण या संस्थागत ढांचे की आवश्यकता पर भी विचार किया जाएगा। कलेक्टर समीक्षा उपरांत जिले का एक अंतिम प्रस्ताव बनाकर आयोग को प्रेषित करेंगे।
आयोग के सचिव अक्षय कुमार सिंह ने कहा कि सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारी एवं विभागीय अधिकारी परिसीमन के संबंध में रिपोर्ट पर्याप्त विचार कर ही कलेक्टर को प्रेषित करें। सभी विभाग आपसी समन्वय एवं सोच विचार करके ही प्रस्ताव कलेक्टर को प्रेषित करें। सचिव श्री सिंह ने कहा कि यदि अधिकारियों को कोई भी बात संज्ञान में आती है तो वे उनके मोबाईल नम्बर पर भी उसे प्रेषित कर सकते है।
सदस्य मुकेश शुक्ला ने सभी राजस्व अधिकारियों से कहा कि यदि सब डिवीजन में युक्ति युक्ति करण करना उचित होगा तभी उसका प्रस्ताव को तैयार कर भिजवाए। उन्होंने बताया कि विभिन्न विभागों में पदों की संरचना भी करनी है अतः सभी तहसील एवं जनपद पंचायत स्तर से संज्ञान लेकर पदों की आवश्यकता है या नहीं या तकनीकी पदों की आवश्यकता है इसकी जानकारी अवश्य आयोग को प्रेषित की जाए। उन्होंने कहा कि अनावश्यक एवं अनु उपयोगी पदो को समाप्त न कर कहीं अन्य जगह उसका उपयोग किया जाएगा।
नर्मदापुरम कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने कहा कि भौगोलिक दूरी मात्र प्रस्ताव का आधार नहीं होगा, अपितु जनसंख्या एवं सांस्कृतिक पहलुओं को भी देखा जाएगा। हर विभाग में मेंन पावर की कमी है। किस विभाग में कितने पदों की आवश्यकता है इसका प्रस्ताव भी आयोग को प्रेषित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पटवारियो के साथ सर्वेयर की ड्यूटी लगाई गई है जिसका फसल गिरदावरी में अच्छा रिजल्ट आया है। उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग के कर्मचारियों का हर माह प्रशिक्षण आयोजित किया जाता है जिससे स्किल डेवलपमेंट होता है। हरदा कलेक्टर सिद्धार्थ जैन एवं जिला पंचायत बैतूल की मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने भी अपने सुझाव आयोग को दिए।
मध्य प्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग की संभागीय बैठक में नर्मदापुरम संभाग कमिश्नर कृष्ण गोपाल तिवारी, पुलिस महानिरीक्षक मिथिलेश कुमार शुक्ला, पुलिस अधीक्षक साई कृष्णा एस थोटा, अपर कलेक्टर राजीव रंजन पांडे एवं अनिल जैन, डिप्टी कलेक्टर डॉ बबिता राठौर, सभी अनु विभाग के राजस्व अधिकारी गण तथा संबंधित विभाग के विभागीय अधिकारी गण उपस्थित रहे।

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