आरटीओ कार्यालय में बाहरी लोगों का बना हुआ है दबदबा आरटीओ कार्यालय में होने वाले कार्यों पर उठ रहे सवाल बने जनचर्चा का विषय - AKN News India

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Thursday, 11 December 2025

आरटीओ कार्यालय में बाहरी लोगों का बना हुआ है दबदबा आरटीओ कार्यालय में होने वाले कार्यों पर उठ रहे सवाल बने जनचर्चा का विषय

मनोज सोनी एडिटर इन चीफ 
 


आरटीओ कार्यालय में बाहरी लोगों का बना हुआ है दबदबा 

आरटीओ कार्यालय में होने वाले कार्यों पर उठ रहे सवाल बने जनचर्चा का विषय 


नर्मदापुरम। इन दिनों संभाग मुख्यालय का आरटीओ कार्यालय खासा चर्चाओं में बना हुआ है। यहां पर पन्ना वालों, एजेंटों के साथ ही अन्य लोगों के आरटीओ संबंधित कार्य क्यों नहीं हो पाते हैं? आरटीओ कार्यालय में अक्सर बाहरी तत्वों का जमघट लगा रहता है। विभाग के आवश्यक दस्तावेजों की उठा धरी बाहरी लोग कैंसे कर रहे हैं? कार्यालय के कक्षों में बाहरी लोग कैंसे कार्य कर रहे हैं? वहां की अलमारी में रखे हुए कागजों की पूर्ति शोरूम से निकलने वाली गाडियों के दस्तावेजों की पूर्ति कौन करता है? एजेंटों के बगैर आरटीओ दफ्तर में क्यों नहीं होते लोगों के काम? नर्मदापुरम आरटीओ कार्यालय में बाहरी लोगों को किसका संरक्षण? ऐसे तमाम प्रश्न नर्मदापुरम के लोगों के द्वारा उठाए जा रहे हैं। इन तमाम कारनामों की शिकायत प्रदेश के केबीनेट मंत्री तक पहुंच चुकी है।

बहुत लोगों को दूसरे जिलों से करवाना पड़ा है काम

बीते कुछ माहों में देखने में आया है कि यहां के लोगों को यहां पूर्व में रही आरटीओ के देवास कार्यालय से अपने आवश्यक कार्य कराने पड़े हैं, यह तो अच्छी बात है कि शासन के द्वारा नियमों में शिथिलता देते हुए यह छूट मिली हुई है कि कोई अन्य जिलों से भी कार्य करा सकते हैं। कई लोगों ने अपनी सहुलियत के अनुसार मजबूरी में कार्य के लिए दूसरे जिलों में भागदौड़ की है।

सुस्त गति से हो रहे कार्य, जनचर्चा का विषय बने 

आरटीओ कार्यालय में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से संबंधित अनेक जरूरतमंद तथा एजेंटों को दूसरे जिले के भरोसे अपना काम चलाना पड़ा है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार यहां पर कुछ ज्यादा ही नियम कानून दिखाए जाने से तंग आकर लोग अन्य जिलों से कार्य करा चुके हैं।

 कार्यालय में मनमानी

नियम सबके लिए होना चाहिए लेकिन आरटीओ में देखने कोे मितला है कि यहां पर यदि कोई दो पहिया वाहन चालक अपने किसी कार्य से आरटीओ में जाना चाहता है तो उसके पास हेलमेट होना आवश्यक है नहीं तो गेट के पास उसे अपना वाहन छोड़कर पैदल चलकर उसे अंदर जाना होता है। यही नियम कार्यालय में कार्य करने वाले दो पहिया चालकों पर भी लागू होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है कार्यालय वाले बिना हेलमेट के आते जाते हैं।

डरे डरे से क्यों रहते हैं यहां के एजेंट

नियमों की ऐसी लक्ष्मण रेखा रहती है कि सामान्य लोगों से आरटीओ संबंधी कार्य नहीं हो पाते हैं। कईओं के समझ नहीं आ पाते हैं। इसलिए एजेंटों के सहारे कार्य कराने होते हैं। वैसे आन लाइन सब कहने की बातें हैं। देखने में आता है कि आरटीओ में एजेंट डरे डरे से रहते हैं। चुपके चुपके फाइलें तैयार करवाते हैं। इससेे मिल उससे मिल करके बाहरी लोग जो दलाल की भूमिका निभाते हैं उनसे कार्य कराने होते हैं। 

बाहरी लोग कर रहे कार्य

कार्यालय में कुछ ऐसे लोग भी कार्य कर रहे हैं जो इस कार्यालय से संबंधित नहीं है। पूर्व में आरटीओ चाैहान ने भी इस प्रकार के बाहरी लोग के कार्य करने पर सख्ती की थी। उन्हें बाहर कर दिया था। जो लोग जिस कार्य के लिए हैं उनसे वह कार्य न लेकर कोई अन्य कार्य लिया जा रहा है।

No comments:

Post a Comment

राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के छठवें दिवस गांव में नशा मुक्ति अभियान को लेकर रैली निकाली

मनोज सोनी एडिटर इन चीफ   राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के छठवें दिवस गांव में नशा मुक्ति अभियान को लेकर रैली निकाली एके एन न्यूज नर्मदा पुरम । ...

Post Top Ad

Responsive Ads Here