
दिल्ली के द्वारका में हज हाउस के निर्माण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हज हाउस के निर्माण का हिन्दूवादी संगठन और स्थानीय लोग की ओर से विरोध भी शुरू हो गया है। हज हाउस के निर्माण को लेकर विश्व हिन्दू परिषद संयुक्त जनरल सचिव डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा कि स्थानीय लोगों की आपत्ति के बावजूद द्वारा के बेहद संवेदनशील इलाके में हज हाउस की योजना बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि पालम एयरपोर्ट इसके करीब है, आईजीआई एयरपोर्ट ज्यादा दूर नहीं है। बहुत भीड़ है। मेवात और अन्य क्षेत्रों से बसें आने पर कितनी भीड़ होगी? हज हाउस का विरोध करने वाले संगठन कह रहे हैं कि इससे धार्मिक सद्भावना को नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि विरोध के बावजूद केजरीवाल सरकार नहीं मानी, विरोध का कोई जवाब भी नहीं दिया। विश्व हिंदू परिषद ने घोषणा की है कि किसी भी हालत में वहां हज हाउस नहीं बनने दिया जाएगा, लोग एक-एक ईंट निकाल देंगे।
केजरीवाल सरकार ने दिए हैं 94 करोड़
बता दें कि सेक्टर 22 में हज हाउस बनाने का प्रस्ताव नया नहीं है। इसकी आधारशिला सबसे पहले 2008 में तत्कालीन सीएम शीला दीक्षित ने रखी थी। बाद में इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था और 2018 में दिल्ली सरकार ने इसके लिए 94 करोड़ रुपए आवंटित किए थे। जिसके बाद हज हाउस के निर्माम की चर्चा एक बार फिर से शुरू हो गई है।
महापंचायत ने भी किया है हज हाउस का विरोध
भवन का निर्माण शुरू होने वाला ही था कि ऑल द्वारका रेजिडेंट्स फेडरेशन ने इसका विरोध किया और कहा कि अगर यहां हज हाउस का बनाया गया तो इलाके में कश्मीर जैसे हालात पैदा हो जाएंगे। इस मुद्दे को लेकर पिछले शुक्रवार को आसपास के गावों की एक महापंचायत बुलाई गई थी। जिसमें फैसला लिया गया कि द्वारका में हज हाउस का निर्माण नहीं होने देंगे। बता दें कि यूपी, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों से हज यात्री यहां आतें हैं और यहीं से हज के लिए उड़ान भरते हैं।
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