विज्ञान के बिना जीवन की कल्पना करना संभव नहीं है-- प्राचार्य डा कामिनी जैन
”विज्ञान के बढते कदम” विषय पर कार्यक्रम का आयोजन
नर्मदा पुरम। मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी परिषद द्वारा लोकव्यापीकरण गतिविधियों के अन्तर्गत दैनिक जीवन में विज्ञान विषय पर 13 से 17 मार्च तक विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाना हैं। इसी कड़ी में सोमवार को ”विज्ञान के बढते कदम” कार्यक्रम के अन्तर्गत विज्ञान पर आधारित टेलीफिल्मों का प्रदर्शन शा गृहविज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ कामिनी जैन के मार्गदर्शन में किया गया। जिसमें विज्ञान के विभिन्न अविष्कारों से छात्राओं का परिचय कराया एवं बताया गया कि विज्ञान ने मानव जीवन को अत्यन्त सरल एवं आसान बना दिया है। विकास की इस तेज गति के कारण हमारी पृथ्वी और पर्यावरण प्रभावित हो रहे है। वैज्ञानिकों द्वारा सन् 2070 तक पृथ्वी पर जीवन के लिए क्या क्या तैयारिया करनी पढेगी इस पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. कामिनी जैन ने बताया कि स्वतंत्रता प्राप्ति से लेकर आज तक चाहे परिवहन, दूरसंचार, मनोरंजन, कृषि, कम्प्यूटर, मोबाइल, इंटरनेट, स्वास्थ्य उपकरण, दवाईयॉं, अंतरिक्ष हम जहॉं भी अपनी निगाह दौडाते है, वहॉं हम विज्ञान को ही पाते है। अब विज्ञान के बिना जीवन की कल्पना करना संभव नहीं है। कार्यक्रम प्रभारी डॉ. दीपक अहिरवार ने बताया कि विज्ञान ने शिक्षा के क्षैत्र में क्रांति ला दी है। कोरोना काल के कठिन समय में जब शिक्षण संस्थानों में छात्रों का पहुचना सम्भव नहीं था उस समय विज्ञान के अविष्कारों जैसे मोबाइल, कम्प्यूटर एवं इंटरनेट ने ही हमारी मदद की और ऑनलाइन कक्षाओं का प्रचलन शुरू हुआ।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती प्रीति मालवीय ने किया एवं कार्यक्रम में डॉ.प्रगति जोशी, डॉ. आशीष सोहगोरा, डॉ रीना मालवीय, धीरज खातरकर एवं अधिक संख्या में छात्राए सम्मिलित हुए।
ब्यूरो रिपोर्ट मनोज सोनी


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