भारतीय ज्ञान परंपरा और रामायण विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया प्राचार्य डॉ कामिनी जैन ने रामायण महाभारत और गीता को भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण ग्रंथ बताते हुए कहा कि हमारे इन ग्रंथों में सही मायने में जीवन जीने की कला छिपी हुई है हमें इन ग्रंथों से जीवन कला सीखना होगी। - AKN News India

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Wednesday, 19 April 2023

भारतीय ज्ञान परंपरा और रामायण विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया प्राचार्य डॉ कामिनी जैन ने रामायण महाभारत और गीता को भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण ग्रंथ बताते हुए कहा कि हमारे इन ग्रंथों में सही मायने में जीवन जीने की कला छिपी हुई है हमें इन ग्रंथों से जीवन कला सीखना होगी।




भारतीय ज्ञान परंपरा और रामायण विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया

प्राचार्य डॉ कामिनी जैन ने रामायण महाभारत और गीता को भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण ग्रंथ बताते हुए कहा कि हमारे इन ग्रंथों में सही मायने में जीवन जीने की कला छिपी हुई है हमें इन ग्रंथों से जीवन कला सीखना होगी।

नर्मदा पुरम।आजादी के अमृत महोत्सव अंतर्गत छात्राओं को राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत करने, भारतीय आजादी की लड़ाई में अविस्मरणीय योगदान एवं बलिदान देने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं वीर शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धा व सम्मान व्यक्त करने हेतु उनके महत्व को प्रकाशित करने के उद्देश्य से शासकीय गृह विज्ञान महाविद्यालय नर्मदापुरम में पिछले 2 वर्षों से लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं। कार्यक्रमों की इसी श्रंखला के अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार भारतीय ज्ञान परंपरा से विद्यार्थियों को परिचित कराने के उद्देश्य से आज दिनांक 19 अप्रैल 2023 को "भारतीय ज्ञान परंपरा एवं रामायण"विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें 40 छात्राओं ने सहभागिता की।
निबंध लेखन के उपरांत श्रीमद् भगवत गीता पर केंद्रित भाषण प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमें 10 छात्राओं ने भाग लिया। कुमारी नेहा पटवा ने अपने वक्तव्य में गीता की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला। अंजली चौरे ने गीता को जीवन के लिए परम आवश्यक बताया।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ कामिनी जैन ने रामायण महाभारत और गीता को भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण ग्रंथ बताते हुए कहा कि हमारे इन ग्रंथों में सही मायने में जीवन जीने की कला छिपी हुई है हमें इन ग्रंथों से जीवन कला सीखना होगी।
विभाग अध्यक्ष डॉ पुष्पा दुबे ने भारतीय ज्ञान परंपरा पर संक्षेप में प्रकाश डालते हुए कहा की प्राचीन भारतीय वांग्मय ज्ञान -विज्ञान, दर्शन, साहित्य और विविध कलाओं से भरपूर है। हमें इस क्षेत्र में शोध की परम आवश्यकता है जिससे हम अपने समाज का,राष्ट्र का विकास कर सकें ।
खास खबर  ब्यूरो रिपोर्ट मनोज सोनी

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