मातृ दिवस पर घोड़े पर निकली माताएं, दिया संदेश
माताएं शक्ति स्वरूपा, सभी को शत-शत नमन -- डा आशुतोष शर्मा
नर्मदापुरम। मां कमजोर नही होती है बल्कि वो शक्ति स्वरूपा हैं। सभी शक्ति स्वरूप माताओं को नमन है। मातृ दिवस के पावन अवसर पर माताओं ने घोड़े पर सवार होकर अपने शौर्य का प्रदर्शन किया है। यह बात जिले के शिक्षाविद व समाजसेवी, समेरिटंस स्कूल के डायरेक्टर डा आशुतोष शर्मा ने रविवार को मातृ दिवस के अवसर पर आयोजित रैली के शुभारंभ अवसर पर कही। डा शर्मा ने घुड़सवारी का प्रशिक्षण ले रही माताओं के लिए शुभकामनाएं संदेश दिया। उन्होंने कहा कि घोड़े सवार माताएं ही हैं। दो-दो बच्चों की मां होने के साथ ही कुशल घुड़सवार भी हैं। जिन्होंने अनुशासन के साथ घुड़सवारी का प्रशिक्षण लिया व घुड़सवार बनीं। परिवार व बच्चों की जिम्मेदारी बखूबी संभालने के साथ घोड़े की रफ्तार को भी संभाला है मां शक्ति का स्वरूप हैं। घोड़े पर रैली निकाली गई जो मालाखेड़ी चक्कर रोड वारदान गार्डन से कालिका नगर पर पहुंची। महिलाओं को घुड़सवारी करते देखना लोगों के लिए अलग अनुभव रहा। महिलाओं द्वारा की जा रही घुड़सवारी के कौशल को लोगों ने सराहा भी। घुडसवार अनुराधा सोनी पेशे ने बताया कि वे पेशे से शिक्षक हैं और उनके दो बच्चे हैं। उन्होंने बताया कि मातृ दिवस को अनूठा और यादगार बनाना था इसलिए घोड़े पर सवार होकर शहर में निकलीं। यही संदेश देना था कि मां में बहुत बल होता है। उन्होंने बताया कि काजल नाम के घोड़े की सवारी उन्होंने की जिस पर उन्होंने घुड़सवारी का अभ्यास किया। शिक्षिका मोनिका पटेल ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं। घुड़सवार रैली में शामिल होने के लिए उन्होंने अभ्यास किया। घुड़सवारी करने का संदेश यही है कि हम सभी में हिम्मत बहुत है, लेकिन अपनी इच्छाएं दबा कर रखते हैं। इसलिए जरूरी है कि हर परिस्थिति का डट कर मुकाबला करें। उनका कहना है कि बादल घोड़े की लगाम पकड़ने के बाद अहसास होता है कि हम किसी भी काम को कर सकते हैं।
संभागीय ब्यूरो चीफ - मनोज सोनी


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