राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा लागू की गई लीगल एड डिफेन्स काउन्सलर स्कीम 2022 को आरंभ हुए 6 माह हुए
सरकार पात्र व्यक्तियो को नि:शुल्क वकील उपलब्ध कराती है।
नि:शुल्क सहायता चाहने वाले व्यक्ति को विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन करना होगा।
नर्मदापुरम। न्यायालय में अब पैरवी करने के लिए निशुल्क मिलेगा वकील और जमानत के लिए भी नहीं लगेंगे रूपये। बता दें कि यदि आपके विरूद्ध कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज हो गया है, और आपके पास केस लडऩे के पैसे नही है और बिना पैसे के कोई वकील आपका केस नही लड़ रहा है, तो आपको घबराने की जरूरत नही हैं। सरकार पात्र व्यक्तियो को नि:शुल्क वकील उपलब्ध कराती है।
माह फरवरी 2023 में आरंभ हुई राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा लागू की गई लीगल एड डिफेन्स काउन्सलर स्कीम 2022 को आरंभ हुए 6 माह ही हुए है, और अब उसके परिणाम सामने आने लगे है। विधिक सहायता हेतू आरंभ स्कीम लीगल एड डिफेन्स काउन्सलर सिस्टम के माध्यम से पात्र लोगो को यह सेवा उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके तहत नि:शुल्क सहायता चाहने वाले व्यक्ति को विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन करना होगा।
संविधान के अनुच्छेद 39 (क) में भी प्रावधान है कि आर्थिक और अन्य निर्योयता के कारण कोई नागरिक न्याय से वंचित नही रहे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नर्मदापुरम के अध्यक्ष सतीश चन्द्र शर्मा एवं सचिव गौतम भट्ट ने बताया कि संविधान के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए लीगल एड डिफेन्स काउन्सल सिस्टम की शुरूआत माह फरवरी 2023 में की गई है, जिसके परिणाम सकारात्मक आ रहे है। प्रत्येक माह डिफेन्स काउन्सिल अधिवक्ताओं के कार्यों की मानिटरिंग व हर महिने मीटिंग होती है।
जिला विधिक सहायता अधिकारी नर्मदापुरम सुश्री अंकिता शांडिल्य द्वारा बताया गया है कि यह सुविधा आपराधिक मामलो में प्रथम चरण में जिला स्थापना के स्तर पर दी जा रही है। जो आगे जाकर तहसील स्तर पर विस्तृत होगी। लीगल एड डिफेन्स काउन्सिलस् सिस्टम का कार्यालय जिला न्यायालय परिसर में स्थापित किया गया है। जिसके माध्यम से अब तक जेल में निरूद्ध कई बंदीयो को जमानत और स्वयं के मुचलके पर रिहा कराया गया हैं। इस तरह के पीड़ित होंगे पात्र स्त्री या बालक, अनुसूचित जाति जनजाति के सदस्य।
संविधान के अनुच्छेद 23 के तहत मानव दुर्व्यापर या बेकार का सताया हुआ, जो निर्योग्य और नि:शक्त है, जो व्यक्ति जातीय हिंसा, भूकंप, बाढ, सूखा, अनपेक्षित अभाव से पीड़ित है, औधोगिक कर्मकार वह जो अभिरक्षा में है, जिनकी वार्षिक आय 2 लाख रु से कम है। इस अवसर पर अनंत तिवारी, प्रतीश तिवारी, सतीष तिवारी, पंकज तिवारी डिप्टी चीफ, श्रीमति पूजा अवस्थी, सुश्री पुखुरी बराडिय़ा एवं मंगल सिंह परिहार लीगए एवं डिफेंस काउन्सलर अधिवक्तागण उपस्थित थे।
मनोज सोनी editor-in-chief

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