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Wednesday, 3 July 2024

अग्रणी महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ श्रीमती कामिनी जैन के मार्गदर्शन में तीन दिवसीय दीक्षारंभ समारोह संपन्न अंतिम दिवस विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया



 

अग्रणी महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ श्रीमती कामिनी जैन के मार्गदर्शन में तीन दिवसीय दीक्षारंभ समारोह संपन्न

अंतिम दिवस विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया


नर्मदा पुरम। शासकीय गृहविज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय नर्मदापुरम में प्राचार्य डॉ श्रीमती कामिनी जैन के मार्गदर्शन में तीन दिवसीय दीक्षारंभ समारोह के अंतिम दिवस को विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। 

नवप्रवेशित छात्राओं को महिला यौन उत्पीड़न एवं महिला नीति क्रियान्वयन समिति की अध्यक्ष डॉ. कंचन ठाकुर द्वारा समिति के गठन एवं उसके क्रियान्वयन के बारे में बताया गया एवं महिला उत्पीड़न अधिनियम की आवश्यकता क्यों जरूरी है तथा उससे कैसे बचा जा सकता है, इस संबंध में छात्राओं को विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई। समिति के सदस्य डॉ. संध्या राय द्वारा छात्राओं के समक्ष महिला उत्पीड़न के प्रकार, निवारण एवं प्रतितोषण संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। 

अंत में छात्राओं को महिला उत्पीड़न संबंधी समस्याओं से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए एवं उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या आने पर महाविद्यालय की समिति से सहयोग लेने हेतु प्रेरित किया गया। डॉ हर्षा चचाने ने छात्राओं को संवैधानिक मौलिक कर्तव्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि व्यक्ति को नागरिकता के साथ साथ बेहतर निर्वहन के लिए मौलिक अधिकारों की आवश्यकता होती है एवं  राजव्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरूकता नितांत आवश्यक है इसलिए संविधान के भाग 4- 1976 के माध्यम से मौलिक कर्तव्य का समावेश किया गया है जिसके अंतर्गत नागरिक एवं नैतिक कर्तव्यों को शामिल किए गए हैं। अतः छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप अपने कर्तव्यों एवं अधिकारों के प्रति जागरूक होकर पालन करें।

डॉ आर बी शाह द्वारा छात्राओं को महाविद्यालय की मेकलसुता छात्रावास की जानकारी दी जिसमें हॉस्टल में मिलने वाली विभिन्न सुविधाओं के बारे में छात्रों को अवगत कराया। डॉ जीसी पांडे ने छात्राओं के समक्ष बौद्धिक संपदा का अधिकार के बारे में अपने विचार प्रस्तुत कर बताया कि बुद्धि को हमारी महत्वपूर्ण संपदा के रूप में उपयोग कर इसके माध्यम से हम विभिन्न उपलब्धियों को प्राप्त कर सकते हैं एवं व्यक्ति की सारी वस्तुएं तो गुम हो सकती है चोरी हो सकती है परंतु आपके ज्ञान रूपी खजाने को कोई भी आपसे नहीं ले सकता है। डॉ विनीत अग्रवाल ने छात्राओं को सूचना के अधिकार के संदर्भ में जानकारी दी कि सूचना का अधिकार क्या है, हम किस तरह सूचना के अधिकार का उपयोग कर इसके माध्यम से जानकारी प्राप्त कर अपने अधिकारो के प्रति सजग हो सकते है।

डॉ भारती दुबे द्वारा छात्राओं को महाविद्यालय में संचालित विभिन्न क्लब एवं सोसाइटी की जानकारी दी गई। जैसे इको क्लब,पर्यावरण क्लब, अंकुर क्लब, रेड क्रॉस सोसाइटी आदि। उनके द्वारा बताया गया कि क्लब क्यों निर्मित किए जाते हैं और क्लब छात्राओं के व्यक्तित्व को विकसित करने एवं उनकी प्रतिभाओं को बाहर लाने का एक माध्यम है। अतः सभी छात्राएं इसमें भागीदारी हेतु आगे आए। 

श्रीमती आभा बाधवा एवं डॉ रफीक अली द्वारा साइबर क्राइम और उससे संबंधित कानून के बारे में छात्राओं को जानकारी दी उन्होंने बताया कि यह तीन क्षेत्रों में हो रहा है एक फोन कॉल्स, दूसरा सोशल मीडिया और तीसरा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा, अतः इसका सबसे पहला उपाय इससे हमें बचाना है, लेकिन हमारे साथ कुछ अनहोनी घटना हो जाती है तो इसके लिए अनेक कानून है तो हमें किसी कानून विशेषज्ञ की सहायता से इसका समाधान करने के लिए जागरूक होना चाहिए। 

डॉ घनश्याम डेहरिया द्वारा छात्राओं को मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित विषय पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जब व्यक्ति किसी भी तरह की मानसिक बीमारी से मुक्त होता है तो उसे मानसिक रूप से स्वस्थ माना समझा जाता है। मानसिक स्वास्थ्य के कई कारक होते हैं जिन पर हमें ध्यान देते हुए उन कारकों को हटाने के लिए काउंसलिंग एवं उपचार करवाना चाहिए ।

डॉ पुष्पा दुबे द्वारा छात्राओं को शोध संबंधी विषय से अवगत कराया गया उन्होंने बताया कि शोध के क्षेत्र में छात्राएं अपनी रुचि पहचान कर उस ओर प्रयासत रहे। वर्तमान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से विद्यार्थियों को बहुआयामी शोध के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। रघुवीर राजपूत ने योग के संबंध में बताया कि योग तनाव प्रवंधन में सहायक है इसलिए आप सभी को आसन, प्राणयाम नियमित रूप से करना चाहिए। श्रीमती विमला कदम द्वारा छात्राओं को खेल गतिविधि संबंधी जानकारी दी गई उन्होंने बताया कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। 

खेल गतिशीलता देता है और एक्टिव बनाता है। इससे व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है इसलिए छात्राएं महाविद्यालय की प्रत्येक खेल गतिविधियों में प्रतिभागी बने। महाविद्यालय की गृहविज्ञान की कुमारी पूजा मौर्य एवं चेतना वानखेडे, योग विषय की भावना वर्मा समूह, एनसीसी की छात्रा कुमारी देविका द्वारा विभिन्न राज्यों की नृत्य शैली भारतीय विविधता की एकता को दर्शाते हुए नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर महाविद्यालय के  समस्त प्राध्यापक एवं स्टॉफ उपस्थित रहे।

मनोज सोनी एडिटर इन चीफ



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