मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
हनुमान जी का चरित्र अदभुत है -- प्रमोद शर्मा
नर्मदापुरम। रामभक्त हनुमान जी का चरित्र बहुत ही अद्भुत और अनुकरणीय है। वे एकमात्र ऐसे महान व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपने चरित्र की विशिष्टता, भक्ति, सेवा और निष्ठा से मनुष्त्व से देवत्व तक जाने की यात्रा सम्पूर्ण की। यह बात हनुमान प्राकट्योत्सव के अवसर पर प्रमोद शर्मा ने समेरिटंस स्कूल सांदीपनी परिसर में आयोजित कार्यक्रम में कही।
श्री शर्मा ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हनुमान जी का चरित्र की एक एक विशेषता अनुकरणीय है। बुद्धि, बल, गुणों के वे स्वामी हैं। अजर, अमर हैं फिर भी अहंकार उन्हें छू भी नहीं सका। वे बहुत ही सहज और सरल देवता हैं। जब हम संकट में आते हैं तो हम भगवान को स्मरण करते हैं और भगवान जब संकट में आते हैं तो वे हनुमान को स्मरण करते हैं। उनके गुणों का अनुसरण करके हम अपने जीवन को महान बना सकते हैं। इसके पूर्व डायरेक्टर डा आशुतोष शर्मा, प्राचार्य प्रेरणा रावत ने बजरंग बली का पूजन अर्चन किया। इसके बाद सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ हुआ।
सभी विद्यालयों में हुए आयोजन
समेरिटंस विद्यालय की सभी शाखाओं में शनिवार को हनुमान जयंती के कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। माता महाकाली परिसर में प्राचार्य श्रीमती निधि दुबे, माखन नगर में श्रीमती जागृति सिंह, सोहागपुर में श्रीमती पिंकी झा, पिपरिया आईसीएसई में श्रीमती कल्पना शर्मा, इटारसी में प्रशांत दीक्षित, सिवनी मालवा में योगेश रिछारिया, बायां में श्रीमती अपर्णा तिवारी ने हनुमान जी की पूजा अर्चना की। विद्यालयों में हनुमान जी के चरित्र पर व्याख्यान हुए।
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