अवकाश के दिनों में भी समग्र ई केवायसी केन्‍द्र रहें एक्टिव, पंचायतवार लक्ष्यों का निर्धारण कर ई केवाईसी की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाए :- कलेक्‍टर सोनिया मीना जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल संरक्षण से संबंधित गतिविधियां नियमित रूप से आयोजित की जाए सभी उपार्जन केंद्रों पर आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाए, बिना स्लॉट बुकिंग एवं पंजीयन के न हो खरीदी, समय सीमा की बैठक संपन्न - AKN News India

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Monday, 7 April 2025

अवकाश के दिनों में भी समग्र ई केवायसी केन्‍द्र रहें एक्टिव, पंचायतवार लक्ष्यों का निर्धारण कर ई केवाईसी की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाए :- कलेक्‍टर सोनिया मीना जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल संरक्षण से संबंधित गतिविधियां नियमित रूप से आयोजित की जाए सभी उपार्जन केंद्रों पर आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाए, बिना स्लॉट बुकिंग एवं पंजीयन के न हो खरीदी, समय सीमा की बैठक संपन्न


 मनोज सोनी एडिटर इन चीफ 


अवकाश के दिनों में भी समग्र ई केवायसी केन्‍द्र रहें एक्टिव, पंचायतवार लक्ष्यों का निर्धारण कर ई केवाईसी की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाए :- कलेक्‍टर सोनिया मीना

जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल संरक्षण से संबंधित गतिविधियां नियमित रूप से आयोजित की जाए

सभी उपार्जन केंद्रों पर आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाए, बिना स्लॉट बुकिंग एवं पंजीयन के न हो खरीदी, समय सीमा की बैठक संपन्न


नर्मदापुरम। सोमवार को कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में समय सीमा बैठक का आयोजन किया गया। समय सीमा की बैठक के दौरान कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार 1 अप्रैल से 31 मई 2025 तक समग्र आईडी की ई-केवाईसी के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्‍टर ने इस अभियान की प्रभावी निगरानी और क्रियान्वयन के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कलेक्टर ने बीते सप्ताह की प्रगति की समीक्षा करते हुए समस्त जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों (सीईओ) को निर्देश दिए कि प्रत्येक पंचायत के लिए लक्ष्य निर्धारित कर समग्र आईडी की ई-केवाईसी की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस अभियान की नियमित समीक्षा की जाए तथा एक कंट्रोल रूम की स्थापना की जाए। साथ ही एक समर्पित टीम गठित की जाकर उक्त कार्य के लिए संलग्न किया जाए। कलेक्टर ने सभी नगरीय निकायों के सीएमओ को निर्देश दिए कि प्रभारी अधिकारियों की आईडी बनवाकर उन्हें समय पर एक्टिवेट करवाना सुनिश्चित करें, ताकि किसी भी प्रकार की तकनीकी बाधा न उत्पन्न हो। कलेक्‍टर ने सीईओ जिला पंचायत सौजान सिंह रावत को निर्देशित किया कि सभी जनपदों के लिए साप्ताहिक लक्ष्य निर्धारित किए जाएं और उसी अनुरूप समग्र आईडी की ई-केवाईसी की कार्यवाही को संपन्न करवाया जाए। कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि अभियान की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अवकाश के दिनों में भी ई-केवाईसी शिविरों का आयोजन किया जाए, जिससे ई केवाईसी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो।

कलेक्टर सुश्री मीना ने जिले में शासकीय परिसंपत्तियों पर हो रहे अवैध अतिक्रमणों को लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि सभी नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों (सीएमओ) द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को प्राथमिकता के आधार पर संपादित किया जाए। आवश्यकता पड़ने पर पुलिस और राजस्व विभाग की सहायता भी ली जाए, ताकि कार्यवाही प्रभावी एवं व्यवस्थित ढंग से संपन्न हो सके। कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया कि सभी विभाग प्रमुख अपने कार्यालय परिसरों एवं अधीनस्थ शासकीय परिसंपत्तियों में हुए किसी भी प्रकार के अवैध निर्माण अथवा अतिक्रमण की जानकारी संबंधित प्रभारी अधिकारियों को तत्काल उपलब्ध कराएं। जिससे शासकीय संपत्तियों को अतिक्रमण से मुक्त करवाया जाना सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही, उन्होंने सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों (सीईओ) को निर्देशित किया कि वे खेल मैदानों, ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित शासकीय गौशालाओं, या अन्य किसी भी शासकीय परिसंपत्ति पर हो रहे अतिक्रमणों को चिन्हित करें और इसकी पूरी जानकारी राजस्व विभाग को उपलब्ध कराएं, ताकि समयबद्ध कार्यवाही की जा सके। कलेक्टर ने यह भी कहा कि संबंधित सीईओ, सीएमओ एवं राजस्व अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण हटाने की दिशा में की जा रही कार्यवाहियों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत की जाए, जिससे उक्त संबंध में आवश्‍यक कार्यवाही की जा सके।

कलेक्टर ने समय सीमा की बैठक के दौरान जनसुनवाई के लंबित प्रकरणों की गहन समीक्षा करते हुए सभी विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया कि निर्धारित समय सीमा के भीतर जनसुनवाई के प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जिन प्रकरणों का निराकरण हो चुका है, उनकी विस्तृत जानकारी संबंधित शाखा प्रभारी को तत्काल उपलब्ध कराई जाए, ताकि पोर्टल पर इन प्रकरणों को विलोपित किया जा सके। बैठक के दौरान कलेक्टर ने जनसुनवाई प्रकरणों के निराकरण में अपेक्षित प्रगति न करने वाले विभागों पर असंतोष व्यक्त किया। इनमें प्रमुख रूप से तहसीलदार सिवनी मालवा, तहसीलदार माखननगर, तहसीलदार इटारसी, सीएमओ नर्मदापुरम, ईई तवा परियोजना एवं ईई पीएचई शामिल हैं। कलेक्टर ने इन अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे आगामी एक सप्ताह के भीतर प्रकरणों में अपेक्षित प्रगति सुनिश्चित करें।

कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए कि तहसील मुख्यालयों पर आयोजित होने वाले जनसुनवाई शिविर केवल कार्यालयों में ही नहीं, बल्कि किसी सार्वजनिक स्थान पर भी आयोजित किए जाएं, ताकि अधिक से अधिक नागरिकों की भागीदारी हो सके और उनकी समस्याओं का समाधान मौके पर ही किया जा सके। इसके अतिरिक्त, कलेक्टर ने समस्त जनपद पंचायतों के सीईओ को निर्देशित किया कि मासिक रोस्टर तैयार कर साप्ताहिक चौपाल का आयोजन करें, जहां आम नागरिकों की समस्याएं सुनी जाएं और त्वरित समाधान किया जाए।

कलेक्टर ने समय सीमा बैठक के दौरान सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतों की विस्तारपूर्वक समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को शिकायतों के समयबद्ध और संतुष्टि पूर्वक निराकरण के लिए निर्देश दिए। उन्होंने समस्त तहसीलदारों को स्पष्ट निर्देशित किया कि शिकायतों के निराकरण में गति लाते हुए ए ग्रेड प्राप्त किया जाए। बैठक में एलडीएम, पीएचई, जल संसाधन, श्रम एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने निर्देशित किया कि उक्‍त विभाग प्रमुख सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में अपेक्षित सुधार लाएं, वर्तमान प्रगति संतोषजनक नहीं है।

कलेक्टर ने समाधान ऑनलाइन पोर्टल पर चिन्हित बिंदुओं की शिकायतों की भी समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देशित किया कि इन शिकायतों को गंभीरता से लेकर समय पर समाधान सुनिश्चित करें, क्योंकि इस पोर्टल की समीक्षा स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा की जाती है। बैठक के दौरान आयोग एवं उच्च न्यायालय के लंबित प्रकरणों की भी समीक्षा की गई। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिन अधिकारियों के अधीन लंबित प्रकरणों की संख्या अधिक है, वे शीघ्र विधि सलाहकार से परामर्श लेकर संबंधित मामलों में जवाब-दावे आवश्यक रूप से प्रस्तुत करें, ताकि न्यायालयीन कार्यवाही में सकारात्मक प्रगति सुनिश्चित की जा सके।

कलेक्टर ने समय-सीमा बैठक के दौरान जिले में चल रही गेहूं उपार्जन प्रक्रिया की विस्तृत समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी उपार्जन केंद्रों पर आवश्यक सुविधाएं जैसे पानी, छाया, तौल व्यवस्था, बैठने की व्यवस्था आदि सुनिश्चित की जाए, ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। बैठक में कलेक्टर ने अब तक हुई गेहूं खरीदी एवं विकासखण्डवार क्रियाशील उपार्जन केंद्रों की संख्या की समीक्षा की। इस दौरान जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि अब तक 64,767 किसानों ने उपार्जन के लिए पंजीयन कराया है, जिनमें से 98% किसानों का सत्यापन कार्य पूर्ण हो चुका है। वर्तमान में 27,000 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया जा चुका है, जिसमें से 23,300 मीट्रिक टन गेहूं का सफलतापूर्वक परिवहन भी किया जा चुका है।

कलेक्टर ने जिला उपार्जन समिति को निर्देशित किया कि परिवहन एवं भुगतान की प्रक्रिया को और अधिक गति दी जाए ताकि किसानों को समय पर लाभ प्राप्त हो। साथ ही उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि उपार्जन केंद्रों पर बिना पंजीयन एवं स्लॉट बुकिंग के कोई भी माल न रखा जाए। यदि किसी समिति या वेयरहाउस द्वारा गड़बड़ी की जाती है, तो उन पर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों एवं उपार्जन समिति सदस्यों को निर्देश दिए कि वे नियमित रूप से उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण करें तथा अपने निरीक्षण की जानकारी समय-समय पर प्रस्तुत करें। उन्होंने बैठक के दौरान अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षणों की समीक्षा भी की और निरीक्षण प्रणाली को और अधिक सक्रिय बनाने के निर्देश दिए।

समय सीमा की बैठक में कलेक्टर ने जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जिले के सभी तालाबों और नहरों की जानकारी राजस्व रिकॉर्ड में अद्यतन कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जल संरक्षण एवं संसाधनों के पुनर्जीवन हेतु संचालित जल गंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा करते हुए निर्देश जारी किए कि अभियान के तहत जिले में जागरूकता कार्यक्रम, कुएं, तालाब, बावड़ियां एवं नदियों की सफाई, पुनरुद्धार कार्य एवं अन्य जल संरक्षण से संबंधित गतिविधियां नियमित रूप से आयोजित की जाएं।

कलेक्टर ने कहा कि जल संरक्षण आज की महती आवश्यकता है और इस दिशा में निरंतर प्रयास करते हुए सभी संबंधित विभागों को कार्य योजना तैयार कर सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि आमजन को अभियान से जोड़ते हुए जन-जागरूकता को बढ़ाया जाए, ताकि जल स्रोतों का सतत संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने सभी विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लक्ष्य निर्धारित करें। सभी अधिकारी विभागीय योजनाओं में विगत वर्ष की उपलब्धियों की तुलना कर वर्तमान वर्ष के लिए भी लक्ष्य तैयार करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सभी विभागीय बैठकें एवं समितियों की आवश्यक बैठकें समय-समय पर आयोजित की जाएं।

कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे निरीक्षण कार्यक्रम तैयार करें और अधीनस्थ कार्यालयों व योजनाओं की प्रगति की नियमित समीक्षा हेतु भ्रमण करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शासकीय कार्यों और योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ-साथ अधिकारी नवाचारों पर भी विशेष ध्यान केंद्रित करें, ताकि कार्यप्रणाली में गुणवत्ता और दक्षता लाई जा सके। कलेक्टर ने शासकीय कार्यक्रमों एवं आयोजनों में प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपने अधीनस्थों को भी इस संबंध में स्पष्ट रूप से अवगत कराएं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सभी जनपद पंचायत सीईओ को कृषि विभाग द्वारा प्रदत्त सूची के अनुसार "नरवाई मुक्त ग्रामों" का सत्यापन करवाने के निर्देश दिए। कलेक्‍टर सुश्री मीना ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जिन ग्रामों को नरवाई मुक्त घोषित किया गया है, वहां अब वास्तव में नरवाई नहीं जलाई जा रही है। कलेक्टर ने सभी विभाग प्रमुखों को ई-ऑफिस प्रणाली के तहत प्रेषित की जाने वाली फाइलों के साथ संलग्न दस्तावेजों का विस्तृत परीक्षण कर उन्हें सही तरीके से अग्रेषित करने के निर्देश दिए।

बैठक के दौरान जिला पंचायत के सीईओ सौजान सिंह रावत, अपर कलेक्टर डीके सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट बृजेन्द्र रावत सहित अन्‍य जिला अधिकारी उपस्थित रहे।


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