सड़क दुर्घटना में बेटे का हुआ निधन, दो साल बाद भी पिता को नहीं मिला न्याय
शासन प्रशासन से पिता ने लगाई न्याय गुहार
नर्मदापुरम। बीते करीब दो साल पहले एक सड़क दुर्घटना में 11 जून 2023 को कांग्रेस नेता अक्षय दीक्षित का दुखद निधन हो गया था। स्व अक्षय दीक्षित के पिता अरुण दीक्षित को बीते दो सालों में भी न्याय नहीं मिल पाने के कारण, उन्होंने एक फिर पत्रकार वार्ता आयोजित कर शासन प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
स्व दीक्षित के पिता अरुण दीक्षित ने पत्रकारों को विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि मैंने पूर्व में पुलिस अधीक्षक को एक 14 बिंदुओं पर जांच के लिए आवेदन दिया था। जिसे पुलिस ने शिकायती आवेदन मान कर जांच की गई और आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। दुर्घटना वाले दिन कई षड्यंत्र की ओर इशारा करते हैं। पूर्व में बयान में यह बताया गया था कि गाडी के सामने एक गाय आ गई थी जिसे बचाने में दुर्घटना हुई है। लेकिन बाद में बयान में यह आया कि अक्षय दीक्षित नशे में था। जो कि बाद में बयान बदले गए हैं। घटना वाले दिन दिनेश देहलवार, रोहित शर्मा एवं अक्की पुलिस कर्मी को कोई चोट नहीं लगी, जबकि मेरे पुत्र के सिर के पीछे चोट का निशान था और कहा गया कि गाड़ी पलटने से चोट लगी है। जबकि गाड़ी में कहीं भी कोई खून के निशान नहीं है और अक्षय दुर्घटना के समय गाड़ी के दरवाजे के कांच से बाहर फिका गया था, तो उसके शरीर पर कांच लगने से चोट के निशान होना चाहिए थे। जबकि अक्षय की बॉडी गाड़ी से 50 फीट दूर मिली।
गौरतलब है कि दुर्घटना सिवनी मालवा जाते समय बताई गई तो दुर्घटना के बाद गाड़ी नर्मदापुरम की तरफ कैसे हो गई। श्री दीक्षित ने पत्रकारों से कहा कि रोहित शर्मा माखन नगर रोड स्थित जिंद बाबा के पास एक अस्पताल का निर्माण कर रहे थे। जिसकी और उसने रोहित शर्मा की पत्नी के नाम साढ़े चार करोड रुपए भी बैंक से लोन कराया था और उक्त निर्माण में अस्पताल की तीन मंजिला बिल्डिंग भी बन चुकी थी और अक्षय को कहा गया था कि तुम पूरा मैनेजमेंट संभालोगे।
अरुण दीक्षित ने पत्रकारों से कहा कि या यह भी हो सकता है कि वह पार्टनरशिप डीड में अक्षय को उसकी पैसे की वजह से रास्ता से हटाया गया। जिससे कि अक्षय को पैसे नहीं देना पड़े। घटना को 2 वर्ष बीत गए लेकिन आज तक दिनेश देहलवार मेरे घर पर मेरे परिवार को संवेदना व्यक्त करने तक नहीं आए। अगर घटना के समय दिनेश देहलवार किसी बाइक से लिफ्ट लेकर शहर नहीं आते और 100 नंबर डायल को फोन कर देते तो समय पर मेरे पुत्र को उपचार हेतु वाहन उपलब्ध हो जाता तो शायद वह आज हमारे बीच मौजूद होता। सबसे बड़ी बात तो यह है कि पीएम रिपोर्ट में मेरे बेटे का एक पैर ही गायब बताया गया है, जबकि उसके अंतिम संस्कार में शहर के हजारों लोग शामिल हुए थे। साथ ही घटना में डॉ. रोहित शर्मा को भी कोई ज्यादा चोट नहीं लगी थी वह तो जानबूझकर पांडे नर्सिंग होम में एडमिट हुए थे। उनके साथ एक और अक्की पुलिसकर्मी भी था जिसे भी कोई चोट तक नहीं लगी।
मेरी विधवा बहूं के द्वारा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मुख्य मंत्री, गृहमंत्री, पुलिस महानिदेशक, जिला कलेक्टर सहित सभी जगह न्याय के लिए आवेदन दिए गए लेकिन आज दिनांक तक कोई जवाब नहीं आए । इस मामले में गुरुवार को मीनाक्षी चौक स्थित निजी होटल में रखी गई पत्रकार वार्ता के दौरान स्व दीक्षित के पिता अरुण दीक्षित, के एस राजपूत, अशोक दिवोलिया, डॉ.सुरेंद्रजीत सिंह, फादर विलियम मसीह, ललित मोहन यादव, रमेश गोपलानी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
No comments:
Post a Comment