मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
राहत प्रकरणों में पीड़ितों को शीघ्र ही सहायता राशि उपलब्ध किया जाना सुनिश्चित करें : कलेक्टर सोनिया मीना
जर्जर भवनों को चिन्हित कर उन्हें डिस्मेंटल किए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित करें संबंधित अधिकारी
वर्षा कल के दौरान पुल पुलिया आदि पर व्यापक निगरानी रखी जाए
अमृत सरोवर एवं अन्य जल संरचनाओं को राजस्व अभिलेखों में अपडेट किया जाए
अनु विभाग स्तर से अब सभी पत्राचार ई-ऑफिस के माध्यम से ही संपादित किए जाएं
समय सीमा की बैठक संपन्न, कलेक्टर ने अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश
नर्मदापुरम। समय सीमा की बैठक के दौरान कलेक्टर ने जल गंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए की अभियान के अंतिम चरण में सभी प्रगतिरत कार्यों को पूर्ण रूप देने तथा निर्धारित लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से कहा कि ग्रामीण विकास से जुड़ी इस सर्वोच्च प्राथमिकता वाले अभियान में किसी भी प्रकार की शिथिलता स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने समस्त विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि अभियान के तहत किए जा रहे विकास कार्यों की गति बनाए रखें और समय सीमा के भीतर गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।
बैठक में कलेक्टर ने विशेष रूप से अमृत सरोवरों की प्रगति की जानकारी ली और निर्देशित किया कि शेष बचे हुए अमृत सरोवरों को राजस्व रिकॉर्ड में अद्यतन (अपडेट) करने की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण की जाए। उन्होंने समस्त जनपद पंचायतों के सीईओ को निर्देश दिए कि अमृत सरोवरों पर यदि किसी भी प्रकार का अतिक्रमण है, तो उसे तत्काल प्रभाव से हटाया जाए और यह कार्यवाही प्राथमिकता से की जाए। कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने अनुभाग अंतर्गत तहसीलदारों, राजस्व निरीक्षकों (आरआई) एवं पटवारियों से यह प्रमाण-पत्र प्राप्त करें कि उनके क्षेत्र अंतर्गत किसी भी जलाशय पर कोई अतिक्रमण नहीं है। इसके साथ ही, कलेक्टर ने जल संरचनाओं को राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराने हेतु उन्हें चिन्हित करने और संबंधित एसडीएम को समय पर जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश भी समस्त सीईओ जनपद पंचायत को दिए।
कलेक्टर ने समग्र ई-केवाईसी की प्रगति की समीक्षा के दौरान समस्त जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों (सीईओ) एवं नगर परिषदों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों (सीएमओ) को निर्देशित किया कि डिलीट किए जाने योग्य समग्र आईडी को हटाने से पूर्व पूरी तरह से पुष्टि अवश्य कर लें, ताकि किसी आवश्यक आईडी का अनावश्यक रूप से विलोपन न हो। कलेक्टर ने कहा कि समग्र आईडी ई-केवाईसी राज्य शासन की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। अतः इस कार्य में किसी भी प्रकार की त्रुटि अथवा लापरवाही बर्दाश्त न की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस संबंध में अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को भी स्पष्ट निर्देश जारी करें, ताकि समग्र डाटा की शुद्धता सुनिश्चित की जा सके।
बैठक के दौरान कलेक्टर ने आधार डी-लिंक के लंबित प्रकरणों की भी समीक्षा की और शीघ्र निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन प्रकरणों में अनावश्यक विलंब न किया जाए तथा संबंधित नागरिकों को समय पर लाभ सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही, तकनीकि समस्याओं के कारण लंबित ई-केवाईसी से संबंधित समग्र आईडी प्रकरणों को भी प्राथमिकता से हल करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि तकनीकी अड़चनों को शीघ्र चिन्हित कर उनके निराकरण हेतु प्रभावी प्रयास किए जाएं।
समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के अंतर्गत ई-केवाईसी की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि शत-प्रतिशत ई-केवाईसी कार्य शीघ्र पूरा किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि आगामी माह से जिन हितग्राहियों का ई-केवाईसी पूर्ण नहीं होगा, उन्हें राशन प्रदाय नहीं किया जाएगा। इस संबंध में उन्होनें व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कर आमजन को सूचित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में मुनादी के माध्यम से भी ई-केवाईसी की अनिवार्यता एवं लाभों के संबंध में लोगों को जागरूक किया जाए, ताकि किसी भी पात्र हितग्राही को योजनाओं से वंचित न रहना पड़े।
इस दौरान फार्मर रजिस्ट्री से जुड़े प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने सभी एसडीएम एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया कि सत्यापन संबंधी कार्यों को किसी भी स्तर पर लंबित न रखा जाए। फार्मर रजिस्ट्री में अपेक्षित प्रगति लाकर नियमित रिपोर्टिंग की जाए तथा कार्य प्रगति की जानकारी जिला कार्यालय को उपलब्ध करवाई जाए। बैठक में कलेक्टर ने आरसीएमएस पोर्टल की भी समीक्षा की और निर्देश दिए कि पोर्टल पर कोई भी प्रकरण रीडर, तहसीलदार अथवा एसडीएम स्तर पर लंबित न रहे। साथ ही प्रेषित प्रकरणों की नियमित फॉलोअप सुनिश्चित की जाए।
समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर ने जिले में मूंग उपार्जन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि मूंग पंजीयन की अंतिम तिथि के उपरांत उपार्जन की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। इसके लिए संबंधित अधिकारी उपार्जन केंद्रों के प्रस्ताव समय पर प्रेषित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने जिला प्रबंधक वेयरहाउसिंग को निर्देशित किया कि मूंग उपार्जन हेतु निर्धारित वेयरहाउसों का निरीक्षण एवं सत्यापन कार्य पूर्व नियोजित तरीके से किया जाए, ताकि उपार्जन प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।
बैठक में कलेक्टर ने सीएमओ मार्कफेड को निर्देश दिए कि जिले में खाद एवं उर्वरक के वितरण के लिए कैश सेल काउंटर की स्थापना हेतु प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को शीघ्र प्रेषित किए जाएं। कलेक्टर ने समस्त अनुविभागीय अधिकारियों (एसडीएम) को निर्देश दिए कि वे खाद की उपलब्धता एवं वितरण की नियमित समीक्षा करें और वितरण केंद्रों पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करें, ताकि वितरण प्रक्रिया व्यवस्थित और सुचारू रूप से संचालित हो सके।साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि मार्कफेड के जिला एवं विकासखंड स्तरीय अधिकारी अपने क्षेत्र के संबंधित एसडीएम से समन्वय बनाकर खाद वितरण की व्यवस्था को सुचारू बनाएं।
कलेक्टर ने ई ऑफिस के तहसील एवं विकासखंड स्तर पर क्रियान्वयन के संबंध में समस्त एसडीएम एवं तहसीलदार को निर्देश दिए की एक दिवस के अंदर समस्त कर्मचारियों की ईएमडी रिपोर्ट जिला प्रबंधक ई गवर्नेंस को उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देश दिए कि एसडीएम कार्यालय से किसी भी प्रकार का पत्राचार ई ऑफिस के माध्यम से ही स्वीकार किया जाएगा। सभी एसडीएम कड़ाई से इसका पालन किया जाना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने निर्देश दिए की जिले के अंदर संचालित सभी शासकीय आईटीआई में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों को पूर्ण रूप से भरा जाए। विकासखंडवार वर्षा काल एवं संभावित बाढ़ आपदा की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने निर्देश दिए कि वर्षा काल के दौरान जर्जर भावनाओं को चिन्हित कर उन पर आवश्यक कार्रवाई कर नियमित रूप से इसकी रिपोर्टिंग की जाए साथ ही नदी नालों की नियमित रूप से सफाई की जाए तथा आश्रय स्थानों का भी निरीक्षण सुनिश्चित करें।
कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि राहत राशि किसी भी प्रकरण की लंबित न रखा जाए। सभी एसडीएम एवं तहसीलदार संवेदनशीलता के साथ प्रत्येक प्रकरण में पीडि़त को राहत उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने सार्वजनिक कुएं हैंडपंप आदि में क्लोरिनेशन की व्यवस्था किए जाने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने निर्देशित किया की समस्त सीएमओ अपने-अपने क्षेत्र अंतर्गत आने वाली जल संरचना जिनके द्वारा पेयजल की आपूर्ति की जाती हो उनमें भी क्लोरिनेशन आवश्यक रूप से करवाया जाना सुनिश्चित करें। वर्षा काल के दौरान संक्रामक एवं मौसमी बीमारियों की तैयारी के लिए उन्होंने सीएमएचओ नर्मदा पुरम को निर्देशित किया की आशा एवं एएनएम कार्यकर्ताओं को पूर्व नियोजित ढंग से प्रशिक्षण दिया जाए। कलेक्टर ने अवमानना एवं हाई कोर्ट के लंबित प्रकरणों में शीघ्र जवाब दावे प्रस्तुत किए जाने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए।
उन्होंने सीएम हेल्पलाइन की विभागवार समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि वर्तमान में विभागों की प्रगति संतोषजनक नहीं है। समस्त विभागों को और अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है। उन्होंने विशेष रूप से स्वस्थ, महिला एवं बाल विकास, संस्थागत वित्त एवं राजस्व विभाग को निर्देशित किया कि सीएम हेल्पलाइन के संतुष्टि पूर्ण निराकरण में प्रगति लाई जाए साथ ही सीएम डैशबोर्ड पर चिन्हित केपीआई के अनुसार विभागीय पोर्टल पर जानकारी अपडेट किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
समय सीमा की बैठक के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सौजान सिंह रावत, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती संपदा सराफ, सिटी मजिस्ट्रेट बृजेंद्र रावत, डिप्टी कलेक्टर डॉ बबीता राठौड़ सहित अन्य जिलाधिकारी गण उपस्थित रहे।
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