मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
शिव भक्तों के जयघोष से गूंज उठी सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी
जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं से सुचारू रूप से संचालित है नागद्वारी मेला
अब तक 1 लाख 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने किए पदमशेष नागद्वार गुफा के दर्शन
नर्मदापुरम। श्रावण मास के अंतिम सप्ताह में पचमढ़ी क्षेत्र में आयोजित नागद्वारी मेला भक्तों की आस्था, भक्ति और सेवा का अद्भुत संगम बन गया है। सतपुड़ा की वादियों में स्थित पवित्र नागद्वारी गुफा मंदिर की ओर बढ़ती श्रद्धालुओं की टोलियां भगवान भोलेनाथ के जयकारों और ढोल-नगाड़ों की धुन से पूरे क्षेत्र को भक्तिमय बना रही हैं।
यह आध्यात्मिक यात्रा पिछले एक सप्ताह से जारी है, जो लगभग 15 से 20 किलोमीटर के दुर्गम पहाड़ी रास्तों, झरनों और गुफाओं से होकर गुजरती है। चौरागढ़ यात्रा का पहला प्रमुख पड़ाव है, जहां परंपरागत रूप से श्रद्धालु त्रिशूल अर्पित करते हैं। इसके बाद यात्रा नागद्वारी की रहस्यमयी गुफा तक पहुंचती है, जिसे नागलोक का प्रवेश द्वार माना जाता है। यहां स्थित शिवलिंग, निरंतर गिरती जलधारा और गुफा में नाग आकृतियां इस स्थान की आध्यात्मिक महत्ता को दर्शाती हैं।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, यह स्थान पद्मशेष वासुकी नाग का निवास स्थल रहा है। यहां हलवा, नारियल और नींबू से पूजा की जाती है। संपूर्ण यात्रा मार्ग में शिव पुराण कथाएं, भजन-कीर्तन और भक्ति संगीत का आयोजन श्रद्धालुओं को मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।
इस कठिन यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए नर्मदापुरम जिला प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं। रास्ते में लोहे की कृत्रिम सीढ़ियां लगाई गई हैं, कठिन चढ़ाई वाले स्थानों पर होमगार्ड के जवान श्रद्धालुओं की मदद कर रहे हैं।
महादेव मेला समिति और विभिन्न शासकीय विभागों के लगभग 1000 से अधिक कर्मचारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। इसमें राजस्व विभाग से तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी, 630 पुलिस जवान एवं वालिंटियर्स, आपदा प्रबंधन के 45 जवान, वन विभाग के 10, 70 से ज्यादा सफाई मित्र, जल प्रदाय शाखा के 30, विद्युत विभाग से 26 तथा 45 कोटवार शामिल हैं। 54 सदस्यीय चिकित्सा टीम, एंबुलेंस, प्राथमिक उपचार शिविर, और मोबाइल मेडिकल यूनिटें हर पड़ाव पर उपलब्ध हैं। अभी तक 21 सड़क दुर्घटनाओं के मरीज, 8 फ्रैक्चर केस और 24 बंदरों के काटने के मामलों का उपचार किया गया है।
मेला क्षेत्र में भीड़भाड़ और संवेदनशील क्षेत्रों की ड्रोन और सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी की जा रही है, जिससे रियल टाइम मॉनिटरिंग एवं त्वरित कार्रवाई संभव हो सके। पचमढ़ी से जलगली एवं महादेव जाने वाले वाहनों पर नजर रखने के लिए परिवहन विभाग द्वारा ओवरलोडिंग की सख्त निगरानी की जा रही है और यात्रियों से निर्धारित शुल्क ही लिए जाने की समझाइश दी जा रही है।
44 सेवा मंडलों द्वारा निशुल्क भोजन, प्रसादी और रात्रि विश्राम की व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए की जा रही है, जो इस मेले को सिर्फ एक धार्मिक आयोजन ही नहीं बल्कि सेवा और सहयोग का उदाहरण बनाती है। महादेव मेला समिति द्वारा क्षेत्र में नियमित सफाई, ब्लीचिंग पाउडर छिड़काव, जल व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। प्रशासन द्वारा नागद्वारी मेले में ड्यूटी कर रहे अधिकारियों एवं कर्मचारी के लिए सुपाच्य एवं पौष्टिक भोजन की भी व्यवस्था की गई है। कर्मचारियों को प्राप्त है नाश्ता तथा दोपहर एवं रात्रि के समय भोजन उनके ड्यूटी स्थल पर ही उपलब्ध करवाया जा रहा है।अब तक 419 वाहनों को परमिट जारी किए जा चुके हैं, जो बस स्टॉप से जलगली तक श्रद्धालुओं को न्यूनतम दर पर पहुंचा रहे हैं।
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