मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
भूत से सीखो, वर्तमान को साधकर, भविष्य संवारो: शर्मा
प्रज्ञा प्रवाह का यूथ और धर्म कार्यक्रम आयोजित
नर्मदापुरम/माखननगर। आज के युवाओं को अपने भूतकाल से शिक्षा लेकर वर्तमान को साधकर अपने और देश के भविष्य को संवारना चाहिए। यह समय विमर्श के युद्ध का है। सभी को सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता है। जरा सी असावधानी घातक हो सकती है। यह बात सोमवार को माखन लाल चतुर्वेदी महाविद्यालय माखन नगर में प्रज्ञा प्रवाह के यूथ एंड धर्मा कार्यक्रम में संगठन के युवा आयाम प्रभारी अभिषेक शर्मा ने कही। कार्यक्रम कालेज के भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ के सहयोग से आयोजित किया गया था।
उन्होंने कहा कि युवा का संबंध शारीरिक अवस्था से नहीं है, अपितु मानसिक अवस्था से है, जो व्यक्ति आशावादी है, दृढनिश्चयी और बलवान है, वही युवा है। यह बात स्वामी विवेकानंद जी ने भी कही है। इसी प्रकार धर्म का तात्पर्य किसी पूजा पद्धति से नहीं होता। धर्म का आशय जीवन के दायित्वों से है। दायित्व या कर्तव्य व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्रीय सभी प्रकार के हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन्हीं अर्थों के आलोक में हमें अपने जीवन के लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ना चाहिए।
*क्या है प्रज्ञा प्रवाह*
उन्होंने प्रज्ञा प्रवाह संगठन के कार्य और भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि संगठन का मूल कार्य वर्तमान समय में विभिन्न सूचना माध्यमों में चल रहे भ्रामक विमर्श का खंडन और भारतीय विमर्श का तथ्य और सत्य के साथ मंडन करना है। उन्होंने कहा कि हमारा गौरवशाली इतिहास रहा है, लेकिन हमारे दिमाग में यह बात भर दी गई कि पुरातन समय में हमारे देश की स्थिति अच्छी नहीं थी। शिक्षा की व्यवस्था नहीं थी। समाज जातियों में विभाजित था, हालांकि वास्तविक स्थिति इसके विपरीत थी। इस सम्बन्ध में उन्होंने संदर्भ भी प्रस्तुत किए।
*युवा निशाने पर*
उन्होंने कहा कि देश में विघटनकारी शक्तियां तेजी से सक्रिय हैं। उनके निशाने पर हमारे युवा और परिवार हैं। हमें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। विघटनकारी शक्तियों ने विमर्श में उलझे बिना हमें अपनी भारतीय ज्ञान परम्परा को अपनाते हुए आगे बढ़ना है। हमारे सामने राष्ट्र प्रथम, संस्कृति प्रथम का भाव रहना चाहिए। उन्होंने परिवार प्रणाली को बनाए रखने के लिए मिलजुलकर रहना चाहिए। साथ ही पर्यावरण संरक्षण, स्व का भाव और समाज में समरसता अपनाना चाहिए। हमें अपने नागरिक कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए।
इसके पूर्व जनभागीदारी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल और प्राचार्य श्रीमती नीता चौबे ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। जबकि संगठन के व्यवस्थापक मुकेश चंद्र शर्मा, विभाग संयोजक प्रमोद शर्मा के कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर धर्मेंद्र सिंह चौहान ने किया। कार्यक्रम में रुचि खंडेलवाल, दिग्विजय खत्री, डा अमिताभ शुक्ला, देवेंद्र राजपूत, महेंद्र खंडेलवाल सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम में जनवरी माह में भोपाल में आयोजित निबन्ध और भाषण प्रतियोगिता में शामिल विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

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