नर्मदापुरम जिले में 132 से अधिक लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया
'राष्ट्र के लिए मध्यस्थता' विशेष अभियान के माध्यम से 4,552 मामलों का सौहार्दपूर्ण निपटारा
एके एन न्यूज नर्मदापुरम/ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) और मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) के निर्देशानुसार 01 जुलाई 2025 से 07 अक्टूबर 2025 तक ‘राष्ट्र के लिए मध्यस्थता’ नामक एक विशेष अखिल भारतीय अभियान संचालित किया गया। 90 दिनों तक चले इस गहन अभियान का उद्देश्य राज्य भर में तालुका न्यायालयों से लेकर उच्च न्यायालयों तक न्यायपालिका के सभी स्तरों पर मध्यस्थता के माध्यम से लंबित मामलों का सौहार्दपूर्ण निपटारा करना था।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की प्रेरणा से तथा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन के मार्गदर्शन में यह अभियान न्यायालयों में लंबित मामलों को सुलझाने और मध्यस्थता को एक उपयोगकर्ता-अनुकूल विवाद समाधान पद्धति के रूप में बढ़ावा देने के उद्देश्य से संचालित किया गया।
अभियान के दौरान मध्यस्थता के माध्यम से कुल 4,552 मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया गया, जिनमें कई पुराने एवं लंबे समय से लंबित मामले शामिल थे। वहीं नर्मदापुरम जिले में 132 से अधिक लंबित प्रकरणों का विशष अभियान के तहत मध्यस्थता के माध्यम से निराकरण किया गया। निपटाए गए मामलों में वैवाहिक विवाद, दुर्घटना दावे, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस, आपराधिक समझौता योग्य मामले, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली, बंटवारा, बेदखली, भूमि अधिग्रहण एवं अन्य दीवानी मामले सम्मिलित थे।
‘राष्ट्र के लिए मध्यस्थता’ अभियान का उद्देश्य मध्यस्थता के माध्यम से लंबित मामलों के समाधान की गति बढ़ाना, लागत-कुशल एवं समय-बचत विवाद समाधान प्रणाली के रूप में इसकी प्रभावशीलता के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना तथा सभी न्यायालय स्तरों पर मध्यस्थता को सशक्त बनाना है। यह अभियान वैवाहिक, दुर्घटना, दीवानी, फौजदारी और उपभोक्ता विवादों जैसी पात्र श्रेणियों को कवर करता है, जिसमें भागीदारी के लिए ऑनलाइन, ऑफलाइन एवं हाइब्रिड माध्यम उपलब्ध कराए गए हैं।
यह अभियान विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने, न्यायालयों पर बोझ कम करने और समाज में शांति एवं सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सार्थक पहल सिद्ध हुआ है।
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