मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
उपलब्ध संसाधनों एवं यंत्रों के उपयोग से नरवाई/पराली जलानें की घटनाओं की प्रभावी रोकथाम की जाए : कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना
कलेक्टर ने की नरवाई प्रबंधन के लिए अनुविभाग स्तर पर की जा रही कार्यवाहियों की समीक्षा
मैदानी स्तर पर नरवाई प्रबंधन के लिए उपयोग किए जाने वाले आवश्यक यंत्रों की जानकारी किसानों तक प्रसारित किये जानें के दिए निर्देश
हाईटेक हब एवं कृषि यंत्रों के माध्यम से फसल अवशेष के बेहतर प्रबंधन के लिए किसानों को किया जाए जागरुक
नर्मदापुरम। शुक्रवार को कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने जिले में नरवाई प्रबंधन के तहत की जा रही व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की। समीक्षा बैठक के दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले में नरवाई जलाने की घटनाओं में कमी लाने हेतु सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग करें। कलेक्टर ने कहा कि नरवाई जलाने से पर्यावरण एवं भूमि की उर्वरा शक्ति पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ते हैं। इसलिए ग्राम स्तर पर व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में गस्ती दल का गठन किया जाए जो गांव में नरवाई जलाने की घटनाओं पर निरंतर निगरानी रखे। इस दल में सर्वेयर, कोटवार, पटवारी, एसएडीओ सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को शामिल किया जाए ताकि घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम लगाई जा सके।
कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए कि नरवाई जलाने के मामलों में संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध पंचनामा बनाकर आवश्यक दंडात्मक कार्यवाही की जाए। साथ ही पूर्व वर्षों में हुई घटनाओं के आंकड़ों के आधार पर अधिकारी एक विस्तृत योजना तैयार करें और प्रभावित क्षेत्रों में गहन सर्वे कर आवश्यक कदम उठाएं। उन्होंने समस्त एसडीएम को निर्देश दिए कि जिले में खरीफ कटाई के दौरान अपने अपने क्षेत्रों में प्रयुक्त होने वाले हार्वेस्टर संचालकों के साथ बैठक आयोजित की जाए। संचालकों को हार्वेस्टर के साथ कंबाइन मशीन के उपयोग से संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए जाएं। कलेक्टर ने निर्देश दिए की सेटेलाइट इमेज एवं गस्ती दल के माध्यम से नरवाई जलाने से होने वाली घटनाओं पर नजर रखें।
बैठक के दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिए कि कृषि विभाग सहित अनुविभाग स्तर पर अन्य विभागों द्वारा मैदानी स्तर पर नरवाई प्रबंधन के लिए उपयोग किए जाने वाले आवश्यक यंत्रों की जानकारी किसानों तक प्रसारित की जाए। साथ ही किसान खेत पाठशालाओं के माध्यम से समस्त ग्रामों में जागरूकता अभियान भी क्रियान्वित किया जाए। बैठक के दौरान कलेक्टर ने जिले में नरवाई प्रबंधन के लिए कार्यरत हाईटेक हब के संचालकों के साथ नरवाई प्रबंधन के लिए किए जाने वाले वैज्ञानिक उपायों पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की। कलेक्टर ने निर्देश दिए की सभी एसडीएम हाईटेक हब संचालकों के साथ समन्वय स्थापित कर उन्हें नरवाई एवं पराली प्रबंधन के लिए बेलर तैयार करने की प्रक्रिया के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करें। इस दौरान कलेक्टर ने नरवाई प्रबंधन के लिए प्रयुक्त होने वाले विभिन्न मशीनों के डेमो वीडियो का भी अवलोकन किया।
कलेक्टर ने कृषि अभियांत्रिकी विभाग के उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले में नरवाई प्रबंधन के लिए उपयोग होने वाले यंत्रों की उपलब्धता, जिले में इन यंत्रों को क्रय करने वाले कृषकों एवं कस्टम हायरिंग सेंटर पर उपलब्ध मशीनों की कुल संख्या, किराए पर लेने के लिए होने वाले व्यय की तहसीलवार जानकारी तैयार कर संबंधित एसडीएम को उपलब्ध करवाए। कलेक्टर ने कहा कि सभी एसडीएम प्रयास करें कि नरवाई जलाने के मामलों में कमी लाई जाए अथवा शून्य मामले दर्ज हो। उन्होंने निर्देश दिए की नरवाई प्रबंधन के तहत की जाने वाली कार्यवाहियों पर नियमित निगरानी रखें और संकल्पित होकर इस कार्य में सभी अधिकारी जुटें।
बैठक के दौरान सीईओ जिला पंचायत हिमांशु जैन, अपर कलेक्टर राजीव रंजन पांडे, संयुक्त कलेक्टर विजय राय, सिटी मजिस्ट्रेट बृजेंद्र रावत, डिप्टी कलेक्टर डॉ बबीता राठौर, उपसंचालक कृषि जे आर हेडाऊ सहित समस्त एसडीएम, कृषि विभाग के अधिकारी, हाईटेक हब के संचालक एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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