एके एन न्यूज
आस्था के केंद्र चित्रगुप्त मंदिर में मरम्मत कार्य रुकवाने पर कायस्थ समाज में आक्रोश
मंदिर का जीर्णोद्धार, बारिश से दीवार और छत से रिस रहा था पानी
कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक को सौंपेंगे ज्ञापन
नर्मदापुरम। शहर के चित्रगुप्त घाट स्थित भगवान चित्रगुप्त का प्राचीन मंदिर क्षेत्र की आस्था का प्रमुख केंद्र है। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु यहां सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। मंदिर की छत और दीवारों में दरारें आने व बारिश के कारण पानी टपकने से मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य कायस्थ समाज की वरिष्ठ सदस्य एवं सेवानिवृत्त शिक्षिका मंजू श्रीवास्तव के नेतृत्व में चल रहा था। मंजू श्रीवास्तव कायस्थ समाज मंदिर ट्रस्ट की अध्यक्ष भी हैं। मंदिर में जारी यह मरम्मत कार्य एसआई जितेंद्र कुमार चौहान के हस्तक्षेप से रुकवा दिया गया। बताया जा रहा है कि कोतवाली में पदस्थ श्री चौहान ने अपने अधीनस्थ आरक्षक को भेजकर मंदिर परिसर में चल रहे कार्य को रोकने के मौखिक आदेश दिए। मंजु श्रीवास्तव सहित अन्य लोगों ने बताया कि किसी धार्मिक स्थल पर कार्य रोकने का अधिकार पुलिस को नहीं, बल्कि राजस्व विभाग के तहसीलदार या एसडीएम को होता है। इस कार्रवाई से कायस्थ समाज सहित अन्य श्रद्धालुओं में आक्रोश फैल गया है। समाजजनों का कहना है कि मंदिर सौ वर्ष पुराना और अत्यंत चमत्कारिक है, जहां सभी समाजों के लोग भगवान चित्रगुप्त के दर्शन हेतु प्रतिदिन आते हैं। बारिश से क्षतिग्रस्त छत और दीवारों की मरम्मत समाजजन अपनी क्षमता से करवा रहे थे ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा न हो। यह बात शहर में जनचर्चा का विषय बनी हुई है।
समाज ने किया तीव्र विरोध
प्राप्त जानकारी अनुसार मंदिर कार्य रुकवाए जाने पर कायस्थ समाज ने तीव्र विरोध दर्ज करते हुए कहा है कि वे इस विषय में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, विधायक, सांसद और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे तथा मामले की जांच की मांग करेंगे।समाज के लोगों का कहना है कि भगवान चित्रगुप्त सबके आराध्य हैं, मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है, और इस पर किसी प्रकार का अवरोध अस्वीकार्य है।
विधायक डॉ शर्मा ने कहा था विधायक निधि से मंदिर के लिए मिलेगी मदद
चित्रगुप्त घाट पर बने चित्रगुप्त मंदिर को लेकर विधायक डॉ सीता शरण शर्मा ने भी कहा था कि नर्मदा कॉरिडोर बनने के साथ विधायक निधि से मंदिर को भी बनाने का कार्य किया जाएगा। यह घोषणा विधायक ने समाज के एक कार्यक्रम में की थी । इस मंदिर के नवनिर्माण में यथासंभव विधायक निधि से और सरकार से मदद दिलाई जाएगी ।भगवान चित्रगुप्त सबके आराध्या हैं न्याय के देवता हैं।
सूत्रों की मानें तो चित्रगुप्त मंदिर के कुछ जमीन और हिस्से का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। चित्रगुप्त भगवान सबके आराध्य और यहां सभी वर्ग के लोग दर्शन पूजन करने आते हैं। यहां मरम्मत का कार्य करवाया जा रहा है वह भी सभी के समाज के सहयोग से कोतवाली से फोन आया था की मंदिर निर्माण का रोका जाए यह गलत है । इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर से मिलेंगे।
इनका कहना है
मंदिर का काम रोकने के लिए हमारे पास आवेदन आया था । इस आवेदन के तहत इस काम को रोकने के लिए बोला गया है लेकिन मंदिर में धर्मशाला है उसे रोकने के लिए बोला गया है । भगवान चित्रगुप्त के मंदिर के निर्माण के लिए नहीं।
जितेंद्र सिंह चौहान एस आई कोतवाली नर्मदा पुरम

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