देवउठनी एकादशी पर बालविवाह रोकने हेतु उड़नदस्ता दल गठित
दोषी पाए जाने पर एक लाख जुर्माना या दो वर्ष की होगी सजा
एके एन न्यूज नर्मदापुरम। देवउठनी एकादशी के अवसर पर संभावित बाल विवाहों को रोकने के लिए नर्मदापुरम जिले में प्रशासन सक्रिय हो गया है। जिला और ब्लॉक स्तर पर उड़नदस्ता दलों का गठन किया गया है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के तहत 21 वर्ष से कम आयु के लड़के और 18 वर्ष से कम आयु की लड़की का विवाह कानूनी अपराध है। इस अधिनियम के अनुसार बाल विवाह में शामिल माता पिता, अभिभावक, रिश्तेदार, पंडित, मौलवी, पादरी, मैरिज ब्यूरो, कैटरर्स, प्रिंटिंग प्रेस संचालक, घोड़े वाले, बाजे वाले और विवाह में उपस्थित सभी व्यक्ति दोषी माने जाते हैं। ऐसे मामलों में एक लाख रुपए तक का जुर्माना या दो वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है।
बाल विवाह रोकने के लिए विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें जिला स्तरीय उड़नदस्ता दल में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नर्मदापुरम, सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास, बाल विकास परियोजना अधिकारी नर्मदापुरम और सेक्टर पर्यवेक्षक नर्मदापुरम शामिल हैं। ब्लॉक स्तरीय उड़नदस्ता दल में संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, बाल विकास परियोजना अधिकारी और सेक्टर पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास विभाग के सदस्य शामिल होंगे। ये उड़नदस्ता दल अपने-अपने क्षेत्रों में विवाह स्थलों का भ्रमण करेंगे। यदि किसी स्थान पर बाल विवाह की सूचना मिलती है या ऐसा पाया जाता है, तो संबंधित अधिकारी बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के तहत आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
बाल विवाह संबंधी शिकायतें दर्ज कराने के लिए जिला स्तर पर वन स्टॉप सेंटर नर्मदापुरम में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसका मोबाइल नंबर 8319517190 (07574-252251) है। ब्लॉक स्तर पर संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारी के कार्यालय में भी 24x7 कंट्रोल रुम संचालित किया जा रहा है।
बाल विवाह की सूचना मिलने पर संबंधित क्षेत्र के बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को तत्काल सूचित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, नजदीकी पुलिस थाना, डायल 112 या चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर भी जानकारी दी जा सकती है। कलेक्टर नर्मदापुरम सोनिया मीना ने जिलेवासियों से इस कुप्रथा को समाप्त करने में सहयोग करने और बाल विवाह की सूचना प्रशासन को देने की अपील की है।

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