मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
देश के प्राचीन गुरूकुल में तीन दिन तक रहेगा वैदिक विद्वानों का जमावड़ा
गुरूकुल के वार्षिकोत्सव में आ रहे देश के अनेक प्रांतों के वैदिक विद्वान
114 वर्ष से प्राचीन गुरूकुल में जारी है वैदिक शिक्षा
एके एन न्यूज नर्मदापुरम। नर्मदा तट पर स्थित 114 वर्ष प्राचीन गुरूकुल में तीन दिवसीय गुरूकुल महोत्सव का आयोजन 12 दिसंबर से शुरू होगा। इस आयोजन में देश के विभिन्न प्रांतों से वैदिक विद्वानों का आना शुरू हो रहा है। जो वैदिक और आध्यात्मिक व्याख्यान देंगे।
यहां पर सुबह के चार बजे से वैदिक मंत्रों की ध्वनि गुंजाएमान होने लगती है। गुरूकुल की दिनचर्चा के तहत सुबह पांच बजे से गुरूकुल की यज्ञशाला में वैदिक मंत्रों से हवन के साथ गुरूकुल का वार्षिक उत्सव की शुरूआत हो जाती है। इसके साथ ही नित्य की भांति योग, आसन, व्यायाम भी हाेते हैं।
गुरूकुल अध्यक्ष स्वामी ऋतस्पति परिव्राजक, प्रधानाचार्य सत्यसिंधु आर्य आचार्य मोहन आर्य श्रुतबन्धु ने बताया कि तीन दिवसीय महोत्सव में उप्र, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, और मप्र के अनेक जिलों से वैदिक विद्वान पधार रहे हैं। यहां पर ब्रम्हचारी वैदिक शिक्षा के साथ साथ आधुनिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
प्रथम दिन गुरूकुल में ऊॅं के ध्वजा रोहण के साथ ही वार्षिकोत्सव शुरू होगा। विद्वानों व आर्य नेताओं का व्याख्यान होगा। प्रतिदिन ऋग्वेद पारायण महायज्ञ, आसन प्राणायाम, ध्यान योग प्रशिक्षिण शिविर रहेगा। इसके साथ ही विविध सम्मेलन, प्रवचन, उपदेश व भजनों की प्रस्तुति होगी। आर्ष गुरूकुल निदेशक स्वामी ऋतस्पति परिव्राजक सभी कार्यक्रमों की अध्यक्षता करते हुए आशीर्वाद प्रदान करेंगे। इस समारोह में सांसद, विधायक व शहर के गणमान्य नागरिक शामिल रहेंगे।

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