मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
निःशुल्क विधिक सहायता एवं विधिक जागरूकता शिविर का किया आयोजन
नर्मदा पुरम। विधि विभाग, शासकीय नर्मदा महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ग्राम निमसाड़िया, नर्मदापुरम (मध्यप्रदेश) में निःशुल्क विधिक सहायता एवं विधिक जागरूकता शिविर का सफल आयोजन किया गया।शिविर का आरम्भ विधि विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा निकाली गई जन-जागरण रैली से हुआ, जिसमें विधिक अधिकारों से संबंधित नारे लगाए गए। इसके उपरान्त विद्यार्थियों ने विधिक जागरूकता पर आधारित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, जिसने ग्रामीणों को न्याय की पहुँच और विधिक सहायता के महत्व से अवगत कराया।
नुक्कड़ नाटक के पश्चात विद्यार्थियों द्वारा ग्रामवासियों के बीच प्रश्नावली आधारित सर्वेक्षण किया गया। इस सर्वेक्षण के माध्यम से ग्रामीणों की समस्याओं, उनके विधिक प्रश्नों और जागरूकता के स्तर को समझा गया। तत्पश्चात विद्यार्थियों ने ग्रामीणों की व्यक्तिगत एवं सामुदायिक समस्याएँ सुनीं तथा उन्हें आवश्यक कानूनी परामर्श प्रदान किया। ग्राम के सरपंच बालेंद्र पटेल कार्यक्रम में उपस्थित रहे। उन्होंने इस शिविर की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में कानूनी जागरूकता को बढ़ाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
यह पूरा आयोजन विधि विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अपूर्वा वर्मा के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। उन्होंने कहा विधिक जागरूकता एक प्रगतिशील समाज की नींव है। हमारे विद्यार्थी न केवल सैद्धांतिक अध्ययन करते हैं, बल्कि समाज के बीच जाकर वास्तविक समस्याओं को समझते हैं और न्याय से संबंधित जानकारियों को जन-जन तक पहुँचाते हैं।”
विधि विभाग के प्राध्यापक अरुण शर्मा एवं प्राध्यापिकाएं श्रीमती चंद्रप्रभा सोनी, श्रीमती हनीफा शेख, एवं सुश्री अनुपमा कुजूर उपस्थित रहीं। मंच संचालन का दायित्व मोहन सिंह एवं कमल श्रीवास्तव ने निभाया। मुख्य वक्ताओं ऋतु जैन एवं अंजलि राठौर ने विधिक सहायता की आवश्यकता, उपलब्धता एवं उसके महत्व पर प्रभावी उद्बोधन प्रस्तुत किया।
विधि विभाग, पीएमसीओई ने इस शिविर के माध्यम से पुनः सिद्ध किया कि वह न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता का केंद्र है, बल्कि समाज-सेवा, विधिक जागरूकता और जनहित कार्यों में अग्रणी विभाग है। विभाग द्वारा समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिससे विद्यार्थी व्यावहारिक ज्ञान, सामुदायिक जुड़ाव तथा कानूनी सेवाओं की वास्तविक समझ प्राप्त कर सकें। विद्यार्थी हमेशा ऐसे आयोजनों के लिए उत्साहित रहते हैं और समाज के हित में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हैं।


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