मोटे अनाज पोषण का पावर हाउस है -- प्राचार्य डॉ श्रीमती कामिनी जैन
मां सरस्वती की पूजन एवं दीप प्रज्वलन के पश्चात कार्यक्रम का किया शुभारंभ
महाविद्यालय द्वारा ’मूल्य संवर्धन’ नामक पुस्तिका का किया जा रहा है निर्माण
नर्मदापुरम । शा गृहविज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय में 15 मार्च से ’’मोटा अनाज सेहत का आधार’’ विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। इस वेबीनार में शासकीय डीबी गर्ल्स कॉलेज रायपुर की पोषण विशेषज्ञ डॉ रश्मि मिंज, सीनियर चीफ मेडिकल ऑफिसर दिल्ली की डॉ. वन्दिता बंसल, शासकीय गृह विज्ञान अग्रणी महाविद्यालय की प्राध्यापक डॉ संध्या राय, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ श्रीमती कामिनी जैन ने अपनी गरिमामई उपस्थिति प्रदान की। मां सरस्वती की पूजन एवं दीप प्रज्वलन के पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
स्वागत उद्बोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ श्रीमती कामिनी जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि मोटे अनाज पोषण का पावर हाउस है। मध्यप्रदेश के खिलपाड़ी गांव की महिला लहरी बाई बेगा आदिवासी मोटे अनाज के प्रति आमजन को सजग कर रही है। महाविद्यालय द्वारा ’मूल्य संवर्धन’ नामक पुस्तिका का निर्माण किया जा रहा है। इस पुस्तिका में मोटे अनाज से संबंधित जानकारी एवं मोटे अनाज का मूल्य संवर्धन कर व्यंजन विधियों पर आधारित समग्र जानकारी एकत्र की जाएगी। गोद ग्राम डोंगरबाड़ा में जब श्री अन्न से संबंधित प्रश्नावली के माध्यम से प्रश्न पूछे गए तो ग्रामवासियों अपनी अनभिज्ञता व्यक्त की। मोटे अनाज देश में प्रचुर मात्रा में है, हमें इसका जीवन में उपयोग बढ़ाना होगा। हमारे स्वास्थ्य के लिए मोटे अनाज का भरपूर सेवन करना आवश्यक हो गया है। दवाइयों के बिना स्वस्थ रहने के लिए हमें श्री अन्न का उपयोग बढ़ाना होगा। मोटे अनाज का उत्पादन कम लागत से किया जा सकता है। सर्वप्रथम हम मोटे अनाज का उपयोग प्रसाद की पंजीरी के रूप में शुरू कर सकते हैं,और धीरे-धीरे इसे अपनी जीवनशैली का एक हिस्सा बना सकते हैं ।
विषय प्रवर्तन करते हुए गृह विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ किरण पगारे ने कहा कि वर्तमान समय में स्वस्थ्य रहना बड़ी उपलब्धि है। हमें संतुलित पोषक आहार ग्रहण करना चाहिए। हमें संतुलित पोषक आहार ग्रहण करना चाहिए जो शरीर की आवश्यकताओं के आधार पर पोषक तत्व ग्रहण कर ले।
डॉ. रश्मि मिंज ने अपने उद्बोधन में कहा कि कोदो कुटकी सभा ज्वार बाजरा रागी कनकी के पोषक तत्व के महत्व को बताया। शासन की दूरदर्शिता पूर्ण मुहिम है कि हम धीरे-धीरे मोटे अनाज का उपयोग करेंगे। यह हमें रोजी-रोटी प्रदान करने वाला होगा। लेटेस्ट हेल्थ ट्रेड है कि हमें अपने आहार में फाइबर बढ़ाना है जो कि श्री अन्न में पर्याप्त मात्रा में होता है। मोटे अनाज के उपयोग से कैंसर जैसी भयावह बीमारियों के लक्षण कम हो जाते हैं।
डॉ. वन्दिता बंसल ने अपने उद्बोधन में कहा कि मोटे अनाज के उत्पादन में कम व्यय, खाद पानी की आवश्यकता होती है मोटे अनाज में खनिज लवण की मात्रा बहुत होती है, मोटे अनाज के प्रति जागरूकता का अभाव है हमें आमजन को इस हेतु सजग करना होगा।
डॉ संध्या राय ने अपने उद्बोधन में कहा कि को दो हमारे नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाता है। मानव जीवन में बहुत सारी पोषक तत्वों की कमी हम मोटा अनाज ग्रहण कर पूरा कर सकते हैं बाजरा से मासिक धर्म में होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है। सम्रद्ध, स्वस्थ राष्ट्र की परिकल्पना को पूर्ण करने हेतु प्रति व्यक्ति का स्वस्थ होना अति आवश्यक है। हमें अपने खानपान के सुधार से जीवन में नैराश्य को समाप्त करना होगा।
एमएससी की छात्रा कुमारी अनुश्री मालवीय ने मोटे अनाज की उपयोगिता पर अपने विचार रखें बीएचएससी की छात्रा कुमारी दिशी गौतम ने मोटे अनाज का हमारे जीवन पर प्रभाव को इंगित किया कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए डॉ संगीता अहिरवार ने मोटे अनाज की गुणवत्ता एवं पोषक तत्वों की जानकारी साझा की आभार प्रदर्शन डॉ. संध्या राय ने किया।
इस अवसर पर डॉ वर्षा चौधरी डॉ. भारती दुबे, डॉ रश्मि श्रीवास्तव ने विशेष सहयोग एवं मार्गदर्शन प्रदान किया। तकनीकी सहयोग हेतु श्रीमती आभा वाधवा, डॉ. निशा रिछारिया, कुमारी सौम्या चौहान, डॉ. कीर्ति दीक्षित, मनोज सिसोदिया, बलराम यादव, कुमारी अनुश्री मालवीय सक्रिय सहयोग प्रदान किया गया। वेबीनार में महाविद्यालय स्टाफ एवं भारी संख्या में छात्राएं गूगल मीट के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़ी रही।
मनोज सोनी की खास खबर
ब्यूरो रिपोर्ट


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