ड्रायवर की जघन्य हत्या करने वाले आरोपी डॉ मंत्री को न्यायालय ने सुनाई आजीवन सश्रम कारावास की सजा
प्रदेश का सबसे बड़ा सनसनीखेज़ जघन्य हत्याकांड मामला
नर्मदापुरम l जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया की फरियादी लक्ष्मीनारायण के द्वारा बताया गया कि, उसका लड़का वीरेन्द्र उर्फ वीरू पचौरी उसकी पत्नी रानी बाई के साथ जुमेराती में रहता था तथा शहर में ही डॉ. सुनील मंत्री के यहॉ ड्राइवरी करता था। पहले मेरी बहु रानी बाई भी वहीं काम करती थी। 04 फरवरी 2019 की शाम 4 बजे मेरी बहु रानी बाई ने फोन करके बताया कि वीरू का फोन नही लग रहा है आपके यहां आये है क्या । तब फरियादी ने कहा कि नही आया है, कहा कि कही गाड़ी लेकर गया होगा आ जायेगा। वही 05 फरवरी 2019 को रानी ने फोन करके बताया कि अभी भी वीरू नहीं आया है, फिर फरियादी भतीजे पंकज और अभिषेक के साथ 1 बजे डॉ सुनील मंत्री से पूछने उनके घर गये, किंतु डॉ ने अच्छे से बात नही की और बहस करके हमे भगाने लगे तो, तभी वहां पर टीआई एवं पुलिस स्टाफ आ गये थे।
जिन्हें मैंने वीरू के गायब होने के संबंध में बताया और डॉ पर शक जाहिर किया था। जिस पर टीआई ने डॉ सुनील मंत्री के घर में तलाशी ली तो, उपर के एक कमरे में रखे नीले रंग के प्लास्टिक के ड्रम में पानी जैसा भरा था। जिसमें से एसिड की बदबू आ रही थी। उसमें मेरे लड़के वीरू का कटा सिर और कटा, पाव, धड़ जैसा दिख रहा था। वही बगल में बने बाथरूम में बांया पैर कटे हुये हिस्से तथा 03 आरी और एक लोहा काटने की आरी भी पड़ी दिखी है। मैंने ड्रम के पड़े सिर, चेहरे के हिस्से को देखकर वीरू उर्फ वीरेन्द्र को पहचाना वीरू उर्फ वीरेन्द्र का डॉ. सुनील मंत्री ने किसी बात को लेकर मार डाला और लाश के टुकड़े को गलाने के लिये ड्रम में एसिड में डाल दिया है। सूचना कर्ता कार्यवाही की जावे।
रिपोर्ट मजमून पर आरोपी डॉ. सुनील मंत्री का कृत्य अपराध धारा 302, 201 भादवि का पाया जाने पर देहाती नालसी लेख की गई जो थाना कोतवाली पर असल अपराध 108/ 201़9 पर कायम कर विवेचना में लिया गया है। प्रकरण में संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोपी डॉ. सुनील मंत्री के विरूद्व अभियोग पत्र अंतर्गत धारा 302, 201 भादवि. का प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से 25 गवाहों के कथन कराये गये व प्रकरण संपूर्ण परिस्थिति जन्य साक्ष्य होकर डीएनए रिपोर्ट वैधानिक साक्ष्य के आधार पर दोषी पाया गया। न्यायालय हिमांशु कौशल द्वितीय अपर सेशन न्यायाधीश के समक्ष विचारण में अभियोजन के साक्षियों को परीक्षित कराया गया। अभियोजन के साक्षियों की साक्ष्य से एवं जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा दिये गये तर्को से सहमत होकर आरोपी डॉ. सुनील मंत्री को धारा- 302, 201 भा.द.वि. में दोषी पाते हुए आजीवन सश्रम कारावास तथा 15,000/- अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा एवं अरूण कुमार पठारिया, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी जिला-नर्मदापुरम द्वारा पैरवी की गई।
ब्यूरो रिपोर्ट मनोज सोनी


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