पूर्व विधायक शर्मा के साथ बड़ा गुट कांग्रेस में होगा शामिल, चारों विस में भाजपा को नुकसान तय
राजनीतिक सरगर्मियां तेज, पूर्व विधायक गिरजाशंकर शर्मा के कांग्रेस में जाने से गड़बडा सकते हैं समीकरण
नर्मदापुरम। नर्मदापुरम में शर्मा बंधु यानी बगीचा परिवार का राजनीतिक दबदबा सर्वविदित है लेकिन भाजपा में अपनी उपेक्षा से आहत बगीचे का एक पेड़ (गिरजाशंकर शर्मा) अपनी अब तक की राजनीतिक पुण्यायी का फल भाजपा की बजाए कांग्रेस को देने की चर्चा सरगर्म है।
यदि ऐसा हुआ तो समूचे जिले यानी चारों सीटों पर भाजपा की जीत के समीकरण गड़बड़ाने का अंदेशा है। यह बात जिला मुख्यालय पर जन चर्चा का विषय बनी हुई है। जिले की सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा काबिज है और कांग्रेस इस बार बीजेपी के किले को ध्वस्त करने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है।
अलग-अलग सर्वे में जिले के मौजूदा विधायकों की स्थिति भले की कमजोर बताई गई हो लेकिन कांग्रेस जानती है कि भाजपा को ऐन वक्त पर जोड़तोड़ कर पांसा पलटने में मास्टरी हासिल है। इसलिए इसका कोई स्थायी तोड़ निकाले बिना नर्मदापुरम मेें कांग्रेस की विजय पताका फहराना मुमकिन नहीं है। यही कारण है कि उसने भाजपा में उपेक्षित, पूछपरख विहीन और असंतुष्ट लेकिन जिले भर जनाधार रखने वाले नेताओं पर डोरे डालना शुरू कर दिया है। सुगबुगाहट है कि पूर्व विधायक गिरजाशंकर कांग्रेस का दामन थामने जा रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो यह चुनाव कांग्रेस के लिए काफी कुछ मुफीद साबित होगा इसमें कोई दो राय नहीं है।
क्या मान मनोव्वल से बदलेगा मन?
सूत्रों का कहना है कि श्री शर्मा के कांग्रेस में जाने की चर्चाओं के बीच कई भाजपा नेताओं ने उनसे वर्चुअली संपर्क कर मनाने की बात कही। उन्हें बताया गया कि जिले में भाजपा को खड़ा करने में आपका और आपके परिवार का अहम योगदान रहा है इसलिए पार्टी को आपसे आगे भी सहयोग की उम्मीद होना स्वाभाविक है। पार्टी के एक प्रदेश स्तरीय वरिष्ठ नेता ने श्री शर्मा से कांग्रेस में जाने की चर्चाओं का खंडन करने का भी अनुरोध किया। फिलहाल शर्मा की तरफ से ऐसा कोई बयान या खंडन नहीं आया है, इससे प्रतीत होता है कि उनके मन में उपेक्षा की फांस काफी गहरी धंसी है। जाहिर है कि इस मामले में केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं भी हस्तक्षेप कर शर्मा को मनाने की कोशिश करेंगे, लेकिन परिणामों के लिए थोड़ा सा इंतजार बाकी है। इधर कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता श्री शर्मा से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।
दो बार विधायक, दो बार जिलाध्यक्ष एवं नगर पालिका अध्यक्ष रहे हैं गिरजाशंकर शर्मा
गिरजाशंकर शर्मा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान भाजपा विधायक डॉ सीताशरण शर्मा के बड़े भाई है जो खुद 2 बार भाजपा के विधायक, दो बार पार्टी के जिलाध्यक्ष और नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं। दस साल से पार्टी में उनकी पूछ परख लगभग खत्म हो गई और उपेक्षा से आहत हैं। यही कारण है कि उनके कांग्रेस में जाने की चर्चाएं सरगर्म हैं। जिले में शर्मा परिवार का राजनीतिक दबदबा रहा है, एक दशक से गिरजाशंकर शर्मा भले ही पार्टी में उपेक्षित रहे हों लेकिन उनके चाहने वालों की आज भी जिले में काफी तादाद है। कार्यकर्ताओं के साथ उनके संबंध और जनता से संपर्क आज भी बने हुए हैं। ब्राम्हण समाज के साथ ही अन्य समाजों में उनका प्रभाव और पकड़ है, उनके कांग्रेस में जाने की चर्चा भर से भाजपा के अंदरखाने में हड़कंप मचा हुआ है।
....तो कांग्रेस को लाभ ही लाभ
गिरिजाशंकर शर्मा यदि कांग्रेस में शामिल होते हैं पार्टी को जिले की सभी विधानसभा सीटों सोहागपुर, पिपरिया, सिवनीमालवा सहित अन्य क्षेत्रों में भाजपा को बड़ा नुकसान होने का अनुमान है। सिवनीमालवा विधानसभा क्षेत्र में उनकी पैतृक जमीन और जिरात है, क्षेत्र के सैकड़ों किसान सीधे तौर पर गिरिजाशंकर से जुड़े हुए हैं। वही सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र में भी गिरजा शंकर शर्मा का बड़ा प्रभाव है। जिले के अधिकांश किसान गिरजाशंकर शर्मा से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं और गिरजाशंकर शर्मा स्वयं भी किसान हैं और उनकी जमीन जायदाद चारों विधानसभा में फैली हुई है। इसका प्रभाव भी पार्टी को काफी नुकसानदायक है।
श्री शर्मा के साथ जिले के सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल होने का मन बना रहे हैं। यदि गिरजाशंकर शर्मा कांग्रेस का दामन थामते हैं तो सोहागपुर, पिपरिया, सिवनीमालवा और होशंगाबाद में भाजपा का बड़ा गुट कांग्रेस में शामिल होने जा रहा है। बता दें कि सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता और कुछ बड़े पदाधिकारी भी कांग्रेस में शामिल होने का मन बना रहे हैं।


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