जिले में नकली उर्वरक की बिक्री जोरों पर
उर्वरकों की पहचान खुद कर सकते हैं किसान भाई
नकली उर्वरक विक्रेताओं के खिलाफ की जाएगी कड़ी कार्यवाही
नर्मदापुरम। जिले में खरीफ, रबी व जायद तीनो मौसम में फसले ली जाती है जिससे किसानों द्वारा उर्वरकों का उपयोग अधिक मात्रा में किया जाता है। किसान खुद आसान तरीका अपनाकर असली व नकली उर्वरकों की पहचान कर सकते हैं। नकली उर्वरक विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
उप संचालक कृषि ने किसानो को असली उर्वरको की पहचान करने के कुछ सरल तरीके बताए है। इसके अनुसार यूरिया असली है या नकली इसकी पहचान बड़ी आसानी से की जा सकती है। यूरिया का दाना सफेद चमकदार और आकार में गोल होता है। यह पानी में घुलनशील होता है। घोल को छूने पर ठंडा महसूस होता है। यूरिया हथेली पर रखकर और मुट्ठी बंद कर फूंक मारने से हल्का गीला हो जाता है, खुले में रखने पर यह वातावरण की नमी अवशोषित कर गीला हो जाता है तथा गरम तवे पर डालने से यह पिघल जाता है तथा तेज आंच करने पर इससे अमोनिया की तीक्ष्ण गंध आती है।
यदि उक्त संकेत हो तो किसान भाई समझ ले कि यूरिया असली है और उक्त संकेत न मिले तो समझ लो कि यूरिया नकली है और यदि यूरिया नकली हो तो अपनी शिकायत नजदीकी कृषि विभाग में करे। साथ ही किसान भाई जो भी उर्वरक क्रय करते है उसका पक्का बिल विक्रेता से अवश्य ले ताकि विक्रेता के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जा सके। इसी तरह से डीएपी असली है या नकली किसान भाई इसे जानने के लिए यह देखे की हमने जो डीएपी क्रय किया है वो कठोर दानेदार, भूरा काला या बादामी रंग का है कि नही, डीएपी को नाखून से तोड़ने पर यह आसानी से नहीं टूटता है। यूरिया की तरह ही डीएपी भी मुट्ठी में भरकर फूंक मारने पर हल्का गीला हो जाता है। इसके दानों में चूना मिलाकर हाथ से रगड़ने पर तीक्ष्ण गंध आती है। तवे पर धीमी आंच में गरम करने पर इसके दाने फूलकर बड़े हो जाते है और उक्त संकेत मिलते है तो समझो डीएपी असली है। इसी तरह से सुपर फास्फेट की पहचान है कि वह डीएपी के विपरीत नरम दानेदार तथा भूरा काला या बादामी रंग का होता है। नाखून से तोड़ने पर यह बड़ी आसानी से टूट जाता है। सुपर फास्फेट के दाने गरम करने पर यथावत बने रहे हैं, डीएपी की तरह फूलते नही है। सुपर फास्फेट भूरे मटमैले रंग के पॉवडर में भी होता है। पॉवडर को खुले में रखने पर वातावरण की नमी अवशोषित कर गीला हो जाता है। इसी तरह से म्यूरेट आफ पोटाश असली है या नकली इसकी पहचान भी बड़ी आसानी से किसान भाई स्वयं कर सकते हैं यह पिसे नमक की तरह सफेद, लाल रंग की ईट के पावडर अथवा सफेद नमक व लाल मिर्च के मिश्रण के जैसा होता है। गीला करने पर इसके कण आपस में चिपकते नहीं है, पानी में घोलने पर पोटाश का लाल भाग उपर तैरने लगता है। यह संकेत मिले तो समझो म्यूरेट आफ पोटाश असली है।
इसी तरह से एनपीके की पहचान असली है या नकली यह परखने के लिए उसे तवे पर धीमी आंच में गरम करे ऐसा करने पर एनपीके के दाने लाई की तरह फूलकर बड़े हो जाते है, खुले में रखने पर यह वातावरण कीनमी अवेशोषित कर गीला हो जाता है। इसी तरह जिंक सल्फेट असली है कि नही यह भी बड़ी आसानी से जान सकते हैं। इसके दाने हलके सफेद, पीले तथा भूरे बारीक कणो के आकार के होते हैं। डीएपी के घोलमें जिंक सल्फेट का घोल मिलाने पर थक्केदार घना अवशेष बन जाता है।
किसान भाईयो से अनुरोध किया गया है कि वे शासन द्वारा मान्यता प्राप्त लाईसेंसधारी उर्वरक विक्रेताओं से ही पीओएस मशीन में अंगूठा लगाकर उर्वरकों का क्रय करें। किसान भाईयो से विशेष रूप से कहा गया है कि वे उर्वरक विक्रेताओं से पक्का बिल अनिवार्य रूप से लें, यदि कोई विक्रेता पक्का बिल देने से मना करता है तो उसकी शिकायत तत्काल नजदीकी विकासखंड स्तरीय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय में अथवा जिला स्तर पर उप संचालक कृषि कार्यालय में अवश्यक करे ताकि संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जा सके।
मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
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