ग्राम नाहर कोला कला में चल रही अवैध रूप से सागौन के वृक्षों की कटाई बिना अनुमति के कर रहे काम परमिशन 500 की काट दिए 1100 पेड़ नियमो को ताक पर हो रही सागौन के पेड़ की कटाई - AKN News India

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Sunday, 30 June 2024

ग्राम नाहर कोला कला में चल रही अवैध रूप से सागौन के वृक्षों की कटाई बिना अनुमति के कर रहे काम परमिशन 500 की काट दिए 1100 पेड़ नियमो को ताक पर हो रही सागौन के पेड़ की कटाई



 


ग्राम नाहर कोला कला में चल रही अवैध रूप से सागौन के वृक्षों की कटाई बिना अनुमति के कर रहे काम 

परमिशन 500 की काट दिए 1100 पेड़

नियमो को ताक पर हो रही सागौन के पेड़ की कटाई 


सिवनी मालवा। क्षेत्र में अवैध रूप से सागौन के वृक्ष काटने का मामला सामने आया है। क्षेत्र के नजदीक ग्राम नाहर कोला कला में 15 से 20 सागौन के वृक्षों की कटाई कर ली गई । कटाई के बाद फाइल सिवनी मालवा तहसील कार्यालय कटाई की परमिशन के लिए लगाई गई है। 

कटाई के पहले की जाने वाली प्रक्रिया बाद में हो रही है। ‌नए नियम के अनुसार पहले ग्राम पंचायत में वृक्ष कटाई के लिए आवेदन दिया जाना था ।‌ इसके बाद ग्राम पंचायत राजस्व विभाग को आवेदन भेजता है और साथ ही संबंधित वन विभाग को भी आवेदन भेजता है, मगर इस ग्राम में कटाई को लेकर किसी प्रकार का कोई प्रक्रिया किए बिना ही पहले कटाई कर ली जाती है , बाद में फाइल एवं आवेदन तहसील कार्यालय में दिया जाता है , जो कि नियम विरुद्ध  है। यह बात जिला मुख्यालय पर जनचर्चा का विषय बनी हुई है।

लाखों रुपए की कीमत के हैं सागौन के पेड़

इन सागौन की कीमत लगभग 4 से 5 लाख रुपए है, जो की कैलाश पिता भोजराज रघुवंशी ग्राम नाहर कोला कला के खेत में लगे थे। यह बड़ी नहर के पास स्थित है। इन पेड़ों की कटाई कर ली गई है । नियम विरुद्ध तरीके से नियम को ताक पर रखकर यह काम किया गया है। अब देखना यह है कि अधिकारियों द्वारा इस कटाई को लेकर क्या कार्रवाई की जाती है।

विधिवत रूप से नहीं ली जाती अनुमति , नियमों की उड़ रही धज्जियां 

गौरतलब है कि इस के पहले भी दूसरी ग्राम पंचायत में 500 सागवान के पेड़ की परमिशन लेकर 1100 सागवान के पेड़ काटे गए थे।‌ यह मामला सिवनी मालवा की ही एक ग्राम पंचायत का था। आवेदन कर्ताओं द्वारा पंचायत से परमिशन लेने के बाद अधिकतर देखा जाता है कि परमिशन रहती है 300 पेड़ों की मगर काट दिए जाते हैं हजार पेड़।  इस प्रकार के मामले भी सिवनी मालवा तहसील में देखने को मिले हैं । शासन द्वारा नियम है कि यदि ग्रामीण क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को अपनी भूमि में लगे पेड़ों की कटाई करवाना है तो उसे पहले अपनी ग्राम पंचायत में आवेदन देकर परमिशन ली जाती है। इसके बाद ग्राम पंचायत द्वारा आवेदन राजस्व विभाग को सौंपा जाता है। 

साथ ही एक आवेदन संबंधित वन विभाग को भी सौंपा जाता है। इसके बाद ग्राम पंचायत के आवेदन पर इन दोनों विभागों द्वारा अपने अपने विभाग के कर्मचारियों को पहुंचाकर पूरी तरीके से सर्वे कराया जाता है। उसके बाद फिर पेड़ काटने की परमिशन स्वीकृत दी जाती है। यदि जमीनी हकीकत देखी जाए तो लोगों द्वारा इस पूरे नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं एवं पहले वृक्ष की कटाई कर ली जाती है उसके बाद परमिशन के लिए फाइल लगाई जाती है।

इनका कहना है

आपके द्वारा मुझे यह जानकारी प्राप्त हुई है। यदि इस प्रकार कुछ हुआ है तो पूर्णतः गलत है। इस विषय में आप तहसीलदार  से बात कर लीजिए। 

सरोज परिहार 

एसडीएम सिवनी मालवा



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