विधवा की जमीन पर किया भूमि पूजन, मंगल भवन के लिए परिवार के साथ किया अमंगल
उजाड़ी फलदार वृक्षों की बगिया, लगभग 35 साल पहले शासन ने रामगोपाल को दी थी उक्त जगह
विधवा पत्नी और उनकी बहू सब्जियां लगाकर करते हैं गुजर-बसर
नर्मदापुरम। प्रदेश सहित जिले भर में सरकार और प्रशासन गरीब लोगों के आशियाना बनवा रहे हैं। उन्हें रोजगार दे रहे हैं , वहीं कुछ जनप्रतिनिधि द्वेषपूर्ण व्यवहार से गरीब और बेसहारा लोगों को परेशान कर रहे हैं। सरकार पर्यावरण संरक्षण को लेकर फलदार वृक्षों के लिए जगह दे रही है, उनकी रक्षा कर रही है और कई योजनाएं भी चला रही है , लेकिन शहर के समीपस्थ ग्राम आंचलखेड़ा में ग्राम पंचायत की अनुशंसा पर पीडब्ल्यूडी मंगल भवन का निर्माण कर रहा है। जिस जगह पर यह निर्माण होना है उस पर लगभग 35 साल पहले से रामगोपाल मालवीय का कब्जा था। उनके निधन के बाद की पत्नी यहां रहती हैं। स्व. रामगोपाल ने यहां पर आम, इमली, अमरूद जैसे 90 फलदार वृक्ष लगाए थे। जिसको लेकर शासन ने उन्हें अनुमति भी दी थी और उन्हें हक भी दिया था। सोमवार को उस जगह को ग्राम पंचायत के सहयोग से तहस-नहस किया गया। मंगल भवन के कारण गरीब का अमंगल किया गया। यह बात संभागीय मुख्यालय पर जनचर्चा का विषय बनी हुई है।
उल्लेखनीय है कि यहां पर लगे वृक्षों को उखाड़कर क्षेत्र की साफ सफाई कर दी गई। यहां पर रह रहा मालवीय परिवार बर्षो से सब्जी और फलों को बेचकर अपना गुजर-बसर कर रहा था । इस स्थिति में उनका रोजगार छीन गया है। जबकि यह पूरा क्षेत्र आबादी घोषित है और इस पर अभी स्टे लगा है। इस जगह का उनके पास पट्टा भी है और केस चल रहा है। अगली पेशी 9 तारीख को होनी है, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने इस जगह पर भूमि पूजन कर दिया है।
विधवा पत्नी अपनी विधवा बहू के साथ चार बच्चों को लेकर करती है गुजर-बसर
ग्राम आंचलखेड़ा में जिस जगह पर मंगल भवन के लिए भूमि पूजन किया गया, वह स्वर्गीय रामगोपाल की कब्जे की थी। उनकी विधवा पत्नी पार्वती मालवीय यहां पर सब्जी भाजी लगाकर गुजारा करती हैं । उनके बेटे की मृत्यु हो गई तो उनकी विधवा बहू उनके चार बच्चों के साथ यहां पर रहती है। उनका एक बेटा मानसिक रूप से कमजोर है। जनचर्चा यह है कि इस मामले में मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता। द्वेषपूर्ण व्यवहार के चलते उन्होंने यह जगह मंगल भवन के लिए चुनी और रोजगार व आशियाना उजाड़ दिया।
नायब तहसीलदार ने धारा 239 के अंतर्गत उपलब्ध कराई थी जगह
वर्तमान में जिस जगह पर मंगल भवन का निर्माण किया जा रहा है, वह स्व रामगोपाल को 1988-89 में न्यायालय तहसीलदार ने फलदार वृक्ष लगाने के लिए दी थी। 4.50 एकड़ में से 3.60 एकड़ भूमि रामगोपाल को भू राजस्व संहिता की धारा 239 के तहत फलदार वृक्ष रोपण के लिए दी थी। अनुज्ञा धारी ने भूमि पर 90 फलदार वृक्ष का रोपण किया था। वह उनके उपयोग के लिए अधिकार होगा यह भी कहा गया था। लेकिन अब उस जगह को उजाड़ दिया गया है । हरे भरे वृक्ष काटे गए जो कि नियम विरुद्ध है।
आबादी घोषित वाली है जगह, भवन के लिए और भी है सरकारी जगह
जिस जगह पर मंगल भवन का निर्माण कराने की कवायद चल रही है वह आबादी घोषित की गई है। यहां पर पट्टे भी वितरित किए गए हैं । जबकि इस जगह के बाजू में भी सरकारी जगह है जहां पर लोगों का कब्जा है, वहां पर यह भवन निर्माण नहीं किया जा रहा है। गरीब परिवार को परेशान किया गया।
50 लाख की लागत से बनना है मंगल भवन
बताया जाता है कि पीडब्ल्यूडी को मंगल भवन बनाने के लिए दिया गया है। यह 50 लाख रुपए की लागत से बनाया जा रहा है, लेकिन यहां पर इस परिवार का कई सालों से कब्जा है। वह यहां सब्जी भाजी, फल आदि लगाकर अपना भरण पोषण करता है उसे बेदखल किया गया और उसकी रोजी-रोटी छीनी गई।
गुमराह कर हुआ भूमि पूजन बना जनचर्चा का विषय
ग्राम आंचल खेड़ा में के मंगल भवन का भूमि पूजन कर गुमराह किया है ग्राम के ही सरपंच पति ने। जबकि उक्त जगह पर गरीब महिला अपना भरण पोषण कर रही थी। इस अवसर पर मंत्री सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। सूत्रों की माने तो यह बात जनचर्चा का विषय है।
इनका कहना है
हमारी थोड़ी सी जगह थी इस पर मंगल भवन बनाया जा रहा है। इस जमीन से हमारा पालन पोषण होता था, लेकिन अब हमें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।
पार्वती मालवीय
विधवा महिला आंचलखेड़ा
इनका कहना
जिस भूमि पर मंगल भवन बनाया जा रहा यदि उस भूमि से किसी पीड़ित या परिवार का पालन पोषण हो रहा है, तो वहां बनना गलत है यदि उसी भूमि के पास में खाली भूमि है तो उसमें वना देना चाहिए, जबरदस्ती से उक्त भूमि पर भवन बनाना राजनैतिक बदला है।
पुष्पराज सिंह पटेल
कांग्रेस पूर्व जिलाध्यक्ष
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