एके एन न्यूज़ एडिटर इन चीफ
*मोरांड- गंजाल प्रभावितों ने सम्मेलन आयोजित कर कहा कि जान देंगे, जमीन नहीं देंगे*
सिवनी मालवा। जिंदगी बचाओ अभियान द्वारा नर्मदा घाटी में प्रस्तावित मोरांड- गंजाल बांध के विरोध में ग्राम लही तहसील सिवनी मालवा नर्मदा पुरम में सम्मेलन आयोजित था।रात से जारी बारिश के कारण सम्मेलन में लोगों का शामिल होना मुश्किल लग रहा था।
लेकिन भारी बारिश के बाबजूद कामठा, सामरधा, मोरघाट, बोथी, टोकरा, जामनगरी, झिरिया डोह, मोरघाट आदि गांव के सैकड़ों महिला -पुरुष शामिल हुए।सभी लोगों ने एक स्वर में कहा कि बांध निरस्त होना चाहिए। हम लोग जान देंगे परन्तु जमीन नहीं देंगे।
सामरधा ग्राम पंचायत के सरपंच अशोक परते ने कहा कि क्षेत्र के आदिवासी किसानों ने पिछले दस सालों में अपने खेत को विभिन्न साधनों से सिंचित बनाया है और तीन फसल पैदा कर रहे हैं। हम लोग पूंजी और मेहनत से अपनी शत प्रतिशत जमीन सिंचित कर लिये है। अब बांध में जमीन डूबा कर आदिवासी समुदाय को मजदूर बनाने की साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे।
हमारे बाप - दादाओं ने दूसरे के खेतों में मजदूरी करके पाला है। हरदा जिला से आए गांव बोथी के सरदार सिंह देवरा ने कहा कि सरकार के पास युवाओं को रोजगार देने के लिए कुछ भी नहीं है। दूसरी तरफ किसानों को उजाङ कर कंगाल बनाना चाहती है। महिला कार्यकर्ता रितु उईके ने कहा कि हमने तवा बांध विस्थापितों की त्रासदी को नजदीक से देखी हूं।
बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ एवं जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय के राज कुमार सिन्हा ने संबोधित करते हुए कहा कि नर्मदा घाटी के मध्यप्रदेश के हिस्से में 29 बांध बनाया जाना प्रस्तावित है। जिसमें से 10 बांध बन चुके है और 6 बांधों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इन सभी बांधों के कारण नर्मदा नदी पर आने वाले असर का एकत्रित मुल्यांकन पर्यावरणीय दृष्टि से जरुरी है।
पर्यावरणीय अध्ययन तो नहीं किया जा रहा है। लेकिन बांध निर्माण के लिए एजेन्सी से अनुबंध संपादित करने में सरकार जल्दबाजी कर रही है। मोरांड -गंजाल बांध से 2288 हेक्टेयर वन भूमि डूब में आने वाला है, जिसमें घना प्राकृतिक जंगल है। नर्मदा घाटी का जंगल, उपजाऊ खेती और ग्रामीण क्षेत्र के हरे अच्छादन के डूबने से नदी पर ही गंभीर असर ला चुका है। जिला हरदा, बैतूल और नर्मदापुरम के लोग शामिल हुए थे।
जिसमें जगदीश देवड़ा, प्रेम दादा, सरदार देवडा जनपद सदस्य सुन्दर लाल मवासे, जिला पंचायत सदस्य, लक्ष्मण क़लम , राजेश अखाड़े, लालसिंह काजले, सरपंच नमर्दा प्रसाद अंखाङे, कलम सिंह परते, धारा सिंह, लक्ष्मी बाई, इमरती बाई काजले, तारा बाई, जन स्वास्थ्य अभियान इंडिया के राकेश चंदोरे आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।कार्यक्रम का संचालन जिंदगी बचाओ अभियान के राम प्रसाद काजले ने किया। उक्त जानकारी राम प्रसाद काजले ने दी।
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