मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
श्री शिव महापुराण कथा में भगवान शिव की लीला चरित्र का वर्णन किया
कथा में प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है
श्री विद्या साधना पीठाधीश्वर पूज्य संत स्वामी चन्द्रशेखरानन्द महाराज अपने श्रीमुख से कथा का वाचन कर रहे हैं
नर्मदा पुरम/ शिवपुर। श्री विद्या साधना पीठ शिवपुर के तत्वावधान में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस में कथा वाचक श्री विद्या साधना पीठाधीश्वर पूज्य संत स्वामी चन्द्रशेखरानन्द महाराज ने मैरिज गार्डन पगढाल रोड शिवपुर में चल रही श्री शिव महापुराण कथा में भगवान शिव के लीला चरित्र में कार्तिकेय एवं श्री गणेश भगवान के जन्म की कथा सुनाई एवं त्रिपुरासुर के वध के प्रसंग में बताया कि तीनों गुणों से बंधे हुए जीव अपनी अपनी वृत्ति के अनुसार अलग अलग लोकों में जाता है।
जो मनुष्य सात्विक गुण में स्थिर रहता है वह स्वर्ग एवं उच्च लोकों में जाता है और जब रजो गुण से युक्त होकर देह त्याग करता है तब वह मनुष्य शरीर को प्राप्त करता है। और जब वही मनुष्य तमोगुण में स्थित होकर देह त्याग करता है तब वही मनुष्य नरक लोक में जाकर यम यातनाएं भोगता है। जब मनुष्य सात्विक गुण में स्थित होकर अपना कार्य करता है तब वही देवता का प्रतीक माना जाता है और जब वह रजोगुण प्रधान होता है तो वह मनुष्य सामान्य मनुष्य के रूप में होता है और जब वही मनुष्य तमोगुण प्रधान होता है तो वही मनुष्य नरक आदि लोक में जाकर यम यातनाएं भोगता है और सूकर आदि नीच योनि में जन्म लेकर अपने कर्मों के फल को भोगता है। वहीं जालंधर एवं शंखचूड़ वध प्रसंग भी सुनाया। कथा में शिवपुर सहित अन्य आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले भक्तों ने कथा श्रवण कर शिव महापुराण एवं महाराज श्री का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं प्रातः काल पार्थिव पूजन एवं रुद्राभिषेक किया जा रहा है। जिसमें श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित हो कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।
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