डॉ निगम ने नवगीतों के माध्यम से गांवों की सुंगध बिखेरी है सीधे सरल शब्दों में गहरी बात कहते थे- डॉ सुरेश ‘गीतों के गांव चले आए’ डॉ विनोद निगम के द्वितीय पुण्य स्मरण समारोह में जुटे साहित्यकार, और वरिष्ठ नागरिक सप्तक मित्र समूह के संयोजन में हुआ यादगार समारोह - AKN News India

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Sunday, 15 June 2025

डॉ निगम ने नवगीतों के माध्यम से गांवों की सुंगध बिखेरी है सीधे सरल शब्दों में गहरी बात कहते थे- डॉ सुरेश ‘गीतों के गांव चले आए’ डॉ विनोद निगम के द्वितीय पुण्य स्मरण समारोह में जुटे साहित्यकार, और वरिष्ठ नागरिक सप्तक मित्र समूह के संयोजन में हुआ यादगार समारोह


 

मनोज सोनी एडिटर इन चीफ


डॉ निगम ने नवगीतों के माध्यम से गांवों की सुंगध बिखेरी है सीधे सरल शब्दों में गहरी बात कहते थे- डॉ सुरेश 

‘गीतों के गांव चले आए’ डॉ विनोद निगम के द्वितीय पुण्य स्मरण समारोह में जुटे साहित्यकार, और वरिष्ठ नागरिक 

सप्तक मित्र समूह के संयोजन में हुआ यादगार समारोह


नर्मदापुरम।नर्मदांचल के प्रसिद्ध नवगीतकार स्व. डॉ विनोद निगम की द्वितीय पुण्यतिथि पर ‘गीतों के गांव चले आए’ कार्यक्रम में प्रसिद्ध गीतकार डॉ सुरेश लखनऊ, के मुख्यातिथ्य पूर्व विधायक गिरजाशंकर शर्मा की अध्यक्षता एवं देश के वरिष्ठ साहित्यकार मप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पलाश सुरजन, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भवानी शंकर शर्मा के विशिष्ठ आतिथ्य में एनईएस कालेज के सभागार में समारोह आयोजित हुआ।

 डॉ विनोद निगम के गीत का संगीतमय गायन डॉ नमन तिवारी ने किया। साहित्यकार डॉ कृष्ण गोपाल मिश्र ने डा विनोद निगम की कविताओ की समीक्षाओं के साथ काव्य पाठ ,गीत यात्रा में निरंतर डॉ विनोद निगम पर अपने विचार व्यक्त किए, साहित्यकार डॉ सुरेश व अशोक जमनानी ने डाॅ निगम की कविता पर अपने विचार व्यक्त किए। गत वर्ष की भांति मुख्य अतिथि द्वारा एम हिन्दी गृह विज्ञान महाविद्यालय में सर्वाेच्च् अंक प्राप्त करने वाली छात्रा वर्षा पुरोहित का गोल्ड मेडल  व प्रमाण पत्र से सम्मान किया गया।

 मुख्य अतिथि डॉ सुरेश ने कहा कि डाॅ विनोद निगम का व्यक्तित्व विराट था। उनसे कई तरह की सीख मिलती थी। शहरों में रहते हुए गांवों की यात्रा से उनका विशेष लगाव था। उन्होंने नवगीतों के माध्यम से गांवों की सुंगध बिखेरी है। सीधे सरल शब्दों में गहरी बात कहते थे। अशोक जमनानी नेे कहा कि उनके गीत के बोल अच्छा लगता है वास्तव उनकी स्मृति में ऐसे आयोजन होना अच्छा लगता है। डॉ निगम ने गीतों में शब्दों के जो प्रयाेग किए हैं उनके गहरे अर्थ हैं। पं भवानी शंकर शर्मा एवं पं गिरजा शंकर शर्मा ने डाॅ निगम के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके गीतों में विशेष संदेश है। कार्यक्रम समन्वयक वरिष्ठ साहित्यकार सुरेश उपाध्याय ने डॉ निगम के गीतों और उनके व्यवहार के संबंध में अपने अनुभव साझा किए।

 कार्यक्रम की सूत्रधार डॉ हंसा व्यास के संचालन के साथ ही सहभागी सप्तक मित्र समूह के रमेश गर्गव, गोपीकांत घोष, राजकिशोर दीक्षित, खेमचंद्र यादवेश व कमलेश सक्सेना, अरूण शर्मा का विशेष सहयोग रहा। डॉ निगम के अनेक मित्रगण बीमारी हालत के बावजूद कार्यक्रम में शामिल हुए। 

 इस अवसर पर डॉ निगम के परिजन प्रियजन मित्रगण, के साथ ही रघुराज सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता एसएस ठाकुर, राकेश फौजदार, आशा उपाध्याय, रश्मि दीक्षित, रामसेवक शर्मा, महेश मूलचंदानी, बलराम शर्मा, तुकाराम यादवेश ,खिलावन चंद्राकर सहित अनेक लोग शामिल रहे। आभार प्रदर्शन संजय गार्गव ने किया।


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