मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
नेता, अफसर आदि खरीदी को लेकर हम पर प्रेशर बनाते हैं-- श्री पाठक वेयरहाउस संचालक
नर्मदापुरम जिले के निजी वेयरहाउस संचालकों ने समस्याओं को लेकर पत्रकार वार्ता आयोजित की
यदि शासन प्रशासन द्वारा हमारी समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया तो मूंग खरीदीं का वहिष्कार करेंगे
नर्मदा पुरम। नर्मदापुरम जिले के निजी वेयरहाउस संचालकों ने विभिन्न समस्याओं को लेकर निजी होटल में पत्रकार वार्ता आयोजित कर अपनी समस्याओं को विस्तार से बताया। इस अवसर पर श्री पाठक जी, दुरंगा पालीवाल, अमर सिंह, साहू जी, वर्मा जी, श्री गौर आदि अन्य वेयरहाउस संचालक उपस्थित रहे। इस अवसर पर वेयरहाउस संचालक समिति के सदस्यों ने कहा कि नेता, अफसर आदि हम पर प्रेशर बनाते हैं यह बात वेयरहाउस संचालक श्री पाठक ने पत्रकारों से कहीं।
नर्मदापुरम जिले में जिन निजी वेयरहाउस संचालकों द्वारा गोदाम बनाये गये है। जिनमें शासन द्वारा उपार्जित अनाज का भंडारण किया जा रहा है। इस हेतु गोदाम संचालन में आ रही समस्याओं के निराकरण के लिये निम्न लिखित बिन्दु प्रमुख रूप से है ।
वेयर हाउस संचालक अपने गोदाम को शासन द्वारा उपार्जित अनाज के भण्डारण हेतु एवं उचित रखरखाव के लिये किराये पर देने का अनुबन्ध करता है। जिसका शासन द्वारा भुगतान किया जाता है। परन्तु विभाग द्वारा अनुबंध में कुछ शर्तें बदल दी गई है, और FAQ के लिये गोदाम संचालकों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। जबकि अनाज का उपार्जन शासन द्वारा अधिकृत सर्वेयर द्वारा एवं सहकारी समितियों द्वारा खरीदी की जाती है। या FAQ की अगर जबाबदारी वेयरहाउस संचालक को ही दी जाती है तो खरीदी से लेकर सर्वेयर तक सम्पूर्ण जबाबदारी दी जाये, जिसका खरीदी कमीशन भी वेयरहाउस संचालक को ही दिया जाये ।वेयर हाउस संचालक भण्डारित किये गये, माल की मात्रा एवं रख रखाव के लिये ही जिम्मेदार होना चाहिये, क्योंकि मार्कफेड द्वारा पत्र में कंडिका 6.5 के तहत भंडारण की जिम्मेदारी वेयरहाउस संचालकों पर ठहराया जा रहा है। मगर वेयरहाउस संचालकों के पास चाबी नहीं रहती है जो सदैव वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन के पास रहती है, वो समय समय पर चाबी लाकर रख रखाव एवं फूमिगेशन करवाकर वापिस ले जाते हैं। गोदामों से मूंग उठाते समय जो 2% तक की सूखत या कमी आती है क्योंकि ग्रीष्म कालीन मूंग का उपार्जन जुलाई अगस्त वर्षा के मौसम में होता है। इस उपार्जन के दौरान मूंग नमी 12 से 14 प्रतिशत तक अधिकतर होती है और उससे उठाव के दौरान गर्मियों में 8 से 10 प्रतिशत तक आ जाती है । जैसा कि धान और सोयाबीन में सूखत दी जाती है, उसको मान्य किया जाये जैसा कि कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान आदि राज्यों में होता है।
भंडारित धान, मूंग एवं चने का किराया विगत कुछ वर्षों का प्राप्त नहीं हुआ है एवं गेहूं का किराया भी समय पर नियमित नहीं मिल रहा है। जिस कारण बैंकों की किस्त, बीमा किस्त, समय पर नहीं दे पा रहे हैं। कर्मचारियों का वेतन, कीटनाशक, फूमिगेशन, रख रखाव आदि खर्च की व्यवस्था कर पाना भी मुश्किल हो रहा है। किराये के लिये वेयर हाउस संचालकों को चक्कर लगाने पड़ रहे है। उक्त अनाज का भंडारण सहकारी समिति सर्वेयर के द्वारा स्वीकृत करने के हिसाब से खरीदते समय WHR हमारे द्वारा काटा जाता है यदि हम उसको काटने को मना करें तो किसान को होता जिस कारण नेता, अफसर आदि का हम पर प्रेशर बनाते हैं।
खरीदी में विभाग का इतना हस्तक्षेप है कि हम विभाग, विपरण संघ, नागरिक आपूर्ति निगम, कॉपोरशन, राजस्व विभाग, FCI आदि। अपने आप को अपंग महसूस करते है खाद्य विभाग, कोपरेटिव विभाग। यह कि वेयरहाउस मालिकों को किराया समय पर नहीं मिल पा रहा है उस पर संस् व्याज सहित भुगतान किया जाए ।उपार्जन नीति को 6.4, 6.5, 6.6 कंडिका निजी गोदाम वेयरहाउस संचालकों के हित में नहीं कर इस उपार्जन कंडिका को वेयरहाउस संचालक के उपर से हटाया जाये
वर्ष 2021-22 तक MPSCSC के खाते में भंडारित गेहूं का संपूर्ण भुगतान FCI / MPSCSC द्वारा है लेकिन FCI द्वारा रिजेक्शन के नाम से गोदाम किराया रोका गया है।वर्ष 2023 24 एवं 2024 25 की मूंग ग्रेडिंग वेयरहाउस संचालक से कराई जा रही है।वर्ष 2022- 23 गेहूं का LOSS GAIN 1% पर ही भुगतान एग्रीमेंट के अनुसार ही किया जावे ।
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