भगवान धन्वंतरि का प्रकटोत्सव, धनतेरस का महत्व, देवी लक्ष्मी और कुबेर का पूजन कैसे करें, क्या खरीदें क्या ना खरीदें आदि महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करे
नर्मदा पुरम। धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है और यह पाँच दिवसीय दिवाली उत्सव का पहला दिन है। यह दिन भगवान धन्वंतरि के समुद्र मंथन से प्रकट होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। जिन्होंने अमृत कलश धारण किया था। धनतेरस का महत्व समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए है; इसी दिन देवी लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा भी की जाती है। इस दिन सोना, चांदी, बर्तन सहित अन्य शुभ सामग्री खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।
भगवान धन्वंतरि का प्रकटोत्सव: समुद्र मंथन के दौरान इसी दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। इसलिए धनतेरस को आयुर्वेद और स्वास्थ्य के देवता की पूजा के लिए मनाया जाता है।
देवी लक्ष्मी और कुबेर का आगमन - समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी भी प्रकट हुई थीं, इसलिए धन और समृद्धि के लिए धनतेरस को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। भगवान कुबेर को धन का देवता माना जाता है और उनकी पूजा भी की जाती है । इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की भी पूजा की जाती है, और घर के मुख्य द्वार पर यमराज के नाम का दीपक जलाया जाता है ताकि अकाल मृत्यु से बचाव हो सके।
धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए धनतेरस पर खरीदारी करना समृद्धि लाता है। इस दिन कुछ खास चीजें खरीदना शुभ माना जाता हैl
सोना और चांदी यह धन और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। समुद्र मंथन से अमृत कलश के साथ धन्वंतरि के प्रकट होने के कारण नए बर्तन खरीदना बहुत शुभ होता है। इसके अलावा, आप झाड़ू, धनिया और नमक जैसी चीजें भी खरीद सकते हैं, जो सौभाग्य और समृद्धि लाती हैं।
धनतेरस की सुबह क्या करे सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। घर की साफ-सफाई: घर के हर कोने की अच्छी तरह से सफाई करे, घर को दीयों, रंगोली और फूलों से सजाएं। धार्मिक अनुष्ठान: देवी लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और भगवान कुबेर की पूजा करें। घर की सफाई करने के बाद, घर में झाड़ू लगाना शुभ माना जाता है।यह त्योहार धन और समृद्धि के साथ-साथ स्वास्थ्य और कल्याण के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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