मौसमी फ्लू से बच्चों को बचाने के लिए बरतें सावधानी
स्वास्थ्य विभाग ने जारी की जन जागरूकता अपील
एके एन न्यूज नर्मदापुरम// स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों में इन्फ्लूएंजा (फ्लू) संक्रमण की रोकथाम के संबंध में जनजागरूकता हेतु अपील जारी की गई है। विभाग ने बताया कि इन्फ्लूएंजा (फ्लू) एक संक्रामक वायरल संक्रमण है जो नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करता है। यह संक्रमण खाँसने, छींकने या बोलने से निकलने वाली सूक्ष्म बूंदों के माध्यम से फैलता है। मौसम परिवर्तन के समय विशेषकर बच्चों में इसके प्रकरणों में वृद्धि देखी जाती है। समय पर सावधानी न बरतने पर यह रोग निमोनिया, कान के संक्रमण और अन्य जटिलताओं का कारण बन सकता है।
मुख्य लक्षणों में बुखार, खाँसी, गले में खराश, नाक बहना या बंद होना, शरीर में दर्द, सिरदर्द, ठंड लगना, थकान तथा कभी-कभी उल्टी या दस्त शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे स्वच्छता के नियमों का पालन करें, जैसे बच्चों को खाँसते या छींकते समय रूमाल या कोहनी से मुँह ढकने की आदत डालें, बार-बार हाथों को साबुन और पानी से धोने की आदत विकसित करें और आँख, नाक तथा मुँह को बार-बार छूने से बचें। यदि बच्चे को बुखार, खाँसी या फ्लू जैसे लक्षण हों तो उसे घर पर ही रखें, ताकि संक्रमण अन्य बच्चों में न फैले। पौष्टिक आहार, पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, वहीं संक्रमण के समय उन्हें भीड़भाड़ या बंद स्थानों में ले जाने से बचना चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग ने यह भी बताया कि बच्चों को भीड़भाड़ वाले स्थानों से दूर रखें, उन्हें बार-बार हाथ धोने की आदत डालें, खांसते या छींकते समय रूमाल या टिश्यू का प्रयोग करने को प्रेरित करें तथा उन्हें पर्याप्त आराम, पौष्टिक भोजन और तरल पदार्थ दें। यदि बच्चे को तेज बुखार, लगातार खांसी या सांस लेने में कठिनाई हो तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर दिखाएं। बिना डॉक्टर की सलाह के किसी प्रकार की दवा या एंटी बायोटिक न दें, बुखार या खांसी को हल्के में न लें, संक्रमित बच्चे को स्कूल या खेलकूद में न भेजें, संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, रूमाल या बर्तन अन्य बच्चों से साझा न करें तथा बच्चों को ठंडी चीजें या अस्वच्छ बाहर का भोजन न दें।

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