मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
नवरात्रि दैवीय स्त्री ऊर्जा का उत्सव है, जो सृजन, पोषण और परिवर्तन की शक्ति की मान्यता है
बुराई पर अच्छाई की विजय: नवरात्रि विजयोत्सव है- पंडित यश उपाध्याय
नवरात्रि का पर्व प्रकृति के साथ हमारी चेतना के उत्सव को दर्शाता है और प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने की याद दिलाता है
एके एन न्यूज नर्मदा पुरम। नवरात्रि, नौ रातों का एक हिंदू पर्व है, जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस वर्ष मां भगवती की आराधना दस दिवस हुई। पंडित यश उपाध्याय ने नवरात्र पर्व को लेकर विशेष जानकारी देते हुए बताया कि देवी के स्त्री रूप, शक्ति और प्राकृतिक गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके माध्यम से जीवन की चक्रीय प्रकृति, परिवर्तन की अनिवार्यता, और संतुलन के महत्व को सिखाया जाता है। यह शरीर, मन और बुद्धि की शुद्धि का अवसर है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है और अंततः आंतरिक शक्ति को प्रगट करने पर जोर देता है।
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
दिव्य स्त्री ऊर्जा का उत्सव: नवरात्रि दैवीय स्त्री ऊर्जा का उत्सव है, जो सृजन, पोषण और परिवर्तन की शक्ति की मान्यता है
माता के नौ रूपों की पूजा: इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जो अलग-अलग गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
आत्म-शुद्धि और ऊर्जावान होना: ये नौ दिन शरीर, मन और बुद्धि की शुद्धि के लिए होते हैं, जिससे थकान दूर होती है और शरीर फिर से ऊर्जावान होता है, जैसे बैटरी रिचार्ज होती है।
बुराई पर अच्छाई की विजय: नवरात्रि विजयोत्सव है, जिसमें काम, क्रोध जैसी बुरी प्रवृत्तियों का हनन करके जीवन के उद्देश्यों और आदर्शों को निखारने की प्रेरणा मिलती है।
प्रकृति से संबंध: नवरात्रि का पर्व प्रकृति के साथ हमारी चेतना के उत्सव को दर्शाता है और प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने की याद दिलाता है।

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