मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
डॉ० वरूण कपूर महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएँ म०प्र० भोपाल के द्वारा
केन्द्रीय जेल नर्मदापुरम का किया गया निरीक्षण
नर्मदापुरम। केन्द्रीय जेल नर्मदापुरम खण्ड 'अ' में गत दिवस 29 नवम्बर 2025 को डॉ० वरूण कपूर, महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएँ म०प्र० भोपाल द्वारा निरीक्षण किया गया। महानिदेशक जेल के मुख्य आतिथ्य में नव निर्मित वी.सी. कक्ष का शुभारंभ किया गया। निरीक्षण के दौरान जेल डिस्पेंसरी का निरीक्षण कर जेल चिकित्सक से बीमार बंदियों एवं बीमार बंदियों के उपचार संबंधी सुविधाओं की जानकारी ली गई। तत्पश्चात महिला वार्ड एवं पुरूष बैरिकों का निरीक्षण कर बंदियों से समस्या एवं जेल में प्राप्त होने वाली सुविधाएँ जैसे-भोजन, दवाईयाँ, मुलाकात, टेलीफोन सुविधा इत्यादि के विषय पर पूछताछ की गई।
जेल अधीक्षक केन्द्रीय जेल नर्मदापुरम से जेल में चल रहे गतिविधियों की जानकारी ली गई, जेल अधीक्षक संतोष सोलंकी के द्वारा महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएँ को अवगत कराया गया कि केन्द्रीय जेल नर्मदापुरम के 94 प्रतिशत बंदी प्रतिदिन प्रातःसमय योग एवं मेडिटेशन करते है, कलेक्टर जिला नर्मदापुरम के दिशा-निर्देश अनुक्रम में जेल के परिरूद्ध बंदियों को ग्रामीण स्वरोजगार संस्थान नर्मदापुरम, नगरपालिका नर्मदापुरम, वनविभाग नर्मदापुरम, आईटीआई नर्मदापुरम, शासकीय पालीटेक्निक कॉलेज नर्मदापुरम, कृषि विभाग नर्मदापुरम एवं अन्य संस्थानों के माध्यम से कौशल विकास स्वरोजगार प्रशिक्षण संबंधी कार्यक्रमों जैसे-सिलाई, इलेक्ट्रिशियन, एम.एस.आफिस, वर्मी कम्पोस्ट, फास्ट फूड, डेयरी फार्मिंग, मशरूम फार्मिंग जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी दी गई।
विभिन्न शासकीय विभागों एवं अन्य संस्थाओं के माध्यम से विभिन्न कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वारा केन्द्रीय जेल नर्मदापुरम के 2456 बंदियों को प्रशिक्षण दिया गया है जो कि परिरूद्ध बंदी संख्या का 95 प्रतिशत है।
महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएँ को जेल अधीक्षक नर्मदापुरम के द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि जेल से प्रशिक्षण प्राप्त रिहा बंदियों के शासन योजनांतर्गत वित्तीय सहायता हेतु ऋण प्रकरण तैयार कर विभिन्न संस्थाओं को भेजे जा रहे है अभी तक 100 से अधिक ऋण प्रकरण वित्तीय संस्थाओं को भेजे जा चुके है इसमे से 13 रिहा बंदियों को बैंक के माध्यम से स्वीकृत किये गये है। जिन बंदियों को ऋण प्रकरण स्वीकृत किये गये है वह अपने स्वरोजगार के माध्यम से जीविकोपार्जन कर रहे है।
जेल के परिरूद्ध महिला बंदियों के द्वारा अंजनी शहरी स्वसहायता समूह का गठन किया गया है महिला स्वसहायता समूह के द्वारा नमकीन, अचार, गुड़ पट्टी, फल्ली दाने टेस्टी का निर्माण कर उत्पाद जेल केन्टीन सहकारी समिति को प्रदाय कर रहे है। स्वसहायता समूह के द्वारा अभी तक लगभग 4.00 लाख राशि तक की शुद्ध लाभांश राशि अर्जित कर स्वसहायता समूह के महिला सदस्य आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे है, जेल में संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के प्रति सराहना व्यक्त की गई।
जेल महानिदेशक द्वारा पाकशाला एवं राशन गोदाम का निरीक्षण करते हुए भोजन एवं खाद्य सामग्री की गुणवत्ता तथा जेल की साफ-सफाई, बंदियों में अनुशासन एवं जेल में चल रहे बंदियों की शैक्षणिक एवं आध्यात्मिक गतिविधियों एवं जेल के कार्य के प्रति संतुष्टि जाहिर की गई। निरीक्षण के दौरान जेल अधीक्षक संतोष सोलंकी, प्रहलाद सिंह बरकड़े उप अधीक्षक, संतोष हरियाल सहायक अधीक्षक, हितेश बंडिया-अष्टकोण अधिकारी, डॉ. विपिन अहिरवार जेल चिकित्सक, श्रीमती इंदुराज साहु (मेलनर्स) एवं जेल स्टाफ भी उपस्थित रहे।


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