मनोज सोनी एडिटर इन चीफ
मयूर नृत्य ने श्रद्धालुओं को किया मुग्ध
तृतीय दिवस दशावतार लीला का दर्शन
नर्मदापुरम। वृंदावन की प्रसिद्ध रासलीला मंडली द्वारा तृतीय दिवस भगवान की दशावतार लीला का दर्शन कराया गया। लीला में बताया गया कि भगवान ने भक्तों की रक्षा के हित किस प्रकार विभिन्न अवतार लिए और भक्तों की रक्षा करते हुए पृथ्वी की पापियों से मुक्त कराया और धर्म की स्थापना की। इस दौरान गुरु जी राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त रासाचार्य फतेह कृष्ण शर्मा ने कहा कि भगवान की ये लीलाओं का वर्णन भागवत पुराण में किया गया।
ये गोलोक की लीलाएं हैं जो श्री किशोरी जू ने भक्तों की कल्याण के लिए भूलोक पर लेकर आईं। इन लीलाओं का दर्शन बड़े सौभाग्य का विषय है। उन्होंने कहा कि भगवान का चरित्र ज्ञानियों के ध्यान में नहीं आता, ये तो प्रेम और भक्ति रस में डूबे लोग ही समझ में आता है।
भगवान बने मोर
लीला के पूर्व रास में आज किशोरी जू ने सखियों से मोर कुटी चलने का आग्रह किया तो भगवान वहां मोर बनकर पहले ही उपस्थित थे। उहोंने मयूर नृत्य कर किशोरी जू की इच्छा पूरी की। उनका नृत्य देखकर भक्त भाव विभोर हो गए। ज्ञात रहे कि लीला का आयोजन 20 दिसम्बर तक चलेगा। लीला का आयोजन प्रति वर्ष समेरिटंस ग्रुप के डायरेक्टर डॉ आशुतोष शर्मा द्वारा कराया जाता है।


No comments:
Post a Comment