जमीन का सीमांकन करने पहुंचे पटवारी बैरंग लौटे, किसान परेशान, आजू-बाजू के लोगों ने दबा ली जमीन
कलेक्टर के आदेश के बाद भी नहीं हुआ सीमांकन
दबंग डाल रहे अड़चन, 181 का कोई असर नहीं
नर्मदा पुरम/डोलरिया। शहर के समीपस्थ ग्राम डोलरिया में किसान अपनी जमीन के सीमांकन नहीं होने से काफी समय से परेशान है। वह कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत करा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाना गांव में जनचर्चा का विषय बना हुआ है। उसका कहना है कि इसमें कुछ दबंग अड़चन डाल रहे हैं। मेरी जमीन आजू-बाजू को लोग दबा रहे हैं और सीमांकन नहीं होने दे रहे हैं जिससे मैं बहुत परेशान हूं।
गौरतलब है कि जमीन पर सीमांकन के आदेश हुए कई वर्ष हो गए। किसान अपनी जमीन का सीमांकन कराने के लिए परेशान हो रहा है । इस मामले में तत्कालीन कलेक्टर ने भी सीमांकन करने के आदेश दिए थे लेकिन मौके पर जब सीमांकन करने के लिए पटवारी पहुंचते हैं तो बैरंग लौट आते हैं। उन्हें गांव के ही दबंगों द्वारा लौटा दिया जाता है। इस मामले को लेकर किसान ने कलेक्टर और तहसीलदार को इस बात की लिखित और मौखिक रूप से शिकायत भी कर चुका है । किसान का कहना है कि मेरी जमीन का सीमांकन नहीं किया जा रहा है। आज मेरी जमीन का सीमांकन करने के लिए पटवारी आ ही गए थे फिर वह वापस लौट आए हैं। मेरे पास कुल 3 एकड़ जमीन बची है । बाकी मेरी जमीन आस-पड़ोस के किसानों ने दबा रखी है , जिसको लेकर मैंने अनेकों बार शिकायत की। किसान का कहना है कि इस मामले मैंने 181 में भी शिकायत की, लेकिन मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही है । मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। जिसके कारण में बहुत परेशान हूं । इस मामले को लेकर मैंने हर जगह शिकायत की है , लेकिन यहां के प्रभावशाली लोगों के कारण मेरी जमीन का सीमांकन नहीं हो पा रहा है।
तहसीलदार ने दी थी डेट, लेकिन नहीं हुआ काम
डोलरिया में किसान की जमीन सीमांकन के लिए तहसीलदार ने डेट दे दी थी और पटवारी भी पहुंच चुके थे, लेकिन उसके बाद भी सीमांकन का कार्य नहीं हुआ। किसान इस बात को लेकर परेशान है की शासन प्रशासन भी उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है । ज्ञात हो कि सीमांकन को लेकर जिला प्रशासन ने एक अभियान चलाया था, लेकिन किसान द्वारा आवेदन देने और शिकायत करने के बाद भी उनकी जमीन अभी तक नहीं नापी गई।
तहसील कार्यालय के पास दबंगों ने किया कब्जा, प्रशासन मौन
डोलरिया। डोलरिया में तहसील कार्यालय के सामने ही दबंगों ने कब्जा कर रखा है। विडम्बना यह है कि तहसीलदार अपने तहसील के सामने का ही कब्जा नहीं हटा पा रहे हैं । इससे बड़े दुर्भाग्य की क्या बात और क्या होगी। दबंगों ने तहसील के परिसर में कब्जा कर रखा है। इसके साथ ही ऐसी कई जगह है जहां दबंगों ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर रखा है। उसे तो यह हटा नहीं पा रहा है तो अन्य लोगों की समस्या का क्या निदान किया जाएगा। यह कब्जेधारी धीरे-धीरे यहां पर निर्माण कर इस सरकारी जमीन को अपने कब्जे में कर लेंगे और प्रशासन हाथ पर हाथ धरा देख रहा है। शासन प्रशासन को इस जमीन को जल्द से जल्द मुक्त करने की कार्रवाई करना चाहिए।
फेंसिंग करके किया पक्का निर्माण
कुछ दबंगों ने सरकारी जगह पर फेंसिंग कर कब्जा कर लिया है। कुछ लोग पक्का निर्माण कार्य कर रहे हैं । मकान भी बना रहे हैं। ठीक तहसील के सामने ही सरकारी जमीन पर कब्जे हो रहे हैं , निर्माण हो रहे हैं , लेकिन प्रशासन के अधिकारी मौन है । यहां पर लोगों ने अपना निजी सामान रखा है। इस मामले में अधिकारी चुप है। सरकारी जमीन पर बढ़ते अतिक्रमण पर इनका ध्यान नहीं है। इस मामले में तहसीलदार से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। यह बात ग्रामीण क्षेत्रों में जनचर्चा का विषय बनी हुई है।
No comments:
Post a Comment